tag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post2152512911676572062..comments2023-08-27T21:21:01.045+05:30Comments on संस्कृति: क्या आपको भी कोफ़्त होती है हिंदी के ब्लॉग में रोमन में टिप्पणी पढ़कर ?डॉ महेश सिन्हाhttp://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-28642962818699306952009-12-22T12:15:06.176+05:302009-12-22T12:15:06.176+05:30प्रतिक्रिया चाहे हिन्दी में हो या अंग्रेजी में या ...प्रतिक्रिया चाहे हिन्दी में हो या अंग्रेजी में या संकेत (स्माइली) में। स्वागत!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-78074399635155374332009-12-22T12:15:05.266+05:302009-12-22T12:15:05.266+05:30प्रतिक्रिया चाहे हिन्दी में हो या अंग्रेजी में या ...प्रतिक्रिया चाहे हिन्दी में हो या अंग्रेजी में या संकेत (स्माइली) में। स्वागत!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-35647007177527664812009-12-20T07:07:38.523+05:302009-12-20T07:07:38.523+05:30बहुत सरल जबाब है जब घर से करते हैं तो हिन्दी में क...बहुत सरल जबाब है जब घर से करते हैं तो हिन्दी में करते हैं, जब ऑफ़िस से करते हैं तो रोमन या इंगलिश में।<br /><br />हम तो बस टिप्पणी का इंतजार करते हैं आये तो !!!विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-56638477444516487592009-12-18T20:49:31.390+05:302009-12-18T20:49:31.390+05:30डाक्टर साहब खटकता तो है ,पर बन्दे की मुहब्बत और मज...डाक्टर साहब खटकता तो है ,पर बन्दे की मुहब्बत और मजबूरी कुछ तो रही होगी के नाम से रोमन टिप्पणी सिर माथे पर !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-10614543383318066432009-12-18T15:28:47.210+05:302009-12-18T15:28:47.210+05:30जी हाँ, दिक्कत तो होती है।
जिसने ब्लॉग बना लिया, ...जी हाँ, दिक्कत तो होती है। <br />जिसने ब्लॉग बना लिया, वो हिन्दी में लिखता ही है । <br />फ़िर टिपण्णी रोमन में क्यों।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-16629146330205384422009-12-18T14:27:22.275+05:302009-12-18T14:27:22.275+05:30क्षोभ तो बहुत होता है। कई बार टोक चुका हूँ। अगला/ ...क्षोभ तो बहुत होता है। कई बार टोक चुका हूँ। अगला/ अगली इसे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मान बैठता है। <br /><br />टिप्पणी की बात छोड़िए आप <a href="http://blogonprint.blogspot.com/" rel="nofollow"> प्रिंट मीडिया पर ब्लॉग चर्चा</a> ब्लॉग पर दायीं ओर दिए गए ब्लॉग की सूची पर नज़र डाल लें कितने ही जाने पहचाने हिन्दी ब्लॉगों के शीर्षक अंग्रेजी में लिखे दिख जाएँगे<br /><br /><a href="http://blogbukhar.blogspot.com/2009/09/blog-post.html" rel="nofollow">यहाँ क्लिक कर</a> टिप्पणियों में हिन्दी लिखे जाने की विधि पढ़ी जा सकती है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-83549808919537303572009-12-18T12:25:34.190+05:302009-12-18T12:25:34.190+05:30.
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नहीं, कोई कोफ्त नहीं होती।
टिप्पणी यदि कुछ स....<br />.<br />.<br />नहीं, कोई कोफ्त नहीं होती।<br />टिप्पणी यदि कुछ सवाल उठाती है या पोस्ट को विस्तार देती है... तो भले ही किसी भी भाषा या लिपि में हो... ऐसी टिप्पणी का तो कहना ही क्या !प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-46498588039662011552009-12-18T12:19:24.361+05:302009-12-18T12:19:24.361+05:30इस पोस्ट और टिप्पणियों से बहुसंख्यक हिन्दी ब्...इस पोस्ट और टिप्पणियों से बहुसंख्यक हिन्दी ब्लागरों को इस समस्या का हल मिलेगा. धन्यवाद.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-4929459785166105512009-12-18T10:30:05.753+05:302009-12-18T10:30:05.753+05:30@ खुशदीप जी
आपके और अन्य टिप्पणीकारों की टिप्पणी ...@ खुशदीप जी <br />आपके और अन्य टिप्पणीकारों की टिप्पणी से हिन्दी चिट्ठाकारों का बड़ा दिल प्रदर्शित होता है :)<br />हिन्दी चिट्ठाकार भी जब रोमन में टिप्पणी करते हैं तो या तो यह आलस के कारण होता है, या जानकारी नहीं होने से .डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-89071498970139900372009-12-18T10:23:31.453+05:302009-12-18T10:23:31.453+05:30डॉक्टर साहब,
इसे इस तरह लीजिए कि जो हिंदी टंकण नही...डॉक्टर साहब,<br />इसे इस तरह लीजिए कि जो हिंदी टंकण नहीं जानते वो भी हिंदी ब्लॉग को लगातार पढ़ते हैं...इसलिए उन्हें जिस तरह भी सुविधा हो टिप्पणियां देने के लिए प्रेरित करना चाहिए...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-17788115721562405622009-12-18T09:44:42.914+05:302009-12-18T09:44:42.914+05:30कई लोगों को राकेश रवि की तरह दिक्कत होती होगी | कु...कई लोगों को राकेश रवि की तरह दिक्कत होती होगी | कुछ लोग पोस्ट भी लिख लेते हैं लेकिन टिप्पणी करने में ब्लॉगर वाले वह सुविधा नहीं देते ! उन्हें बताएं कि वे <a href="http://www.google.com/transliterate/" rel="nofollow">इसकी मदद</a> से देवनागरी में टीप सकते हैं अथवा <a href="http://baraha.com" rel="nofollow">यहां से</a> साफ्टवेयर अपने कम्प्युटर पर इंस्टाल कर सकते हैं |<br />देवनागरी में टीप न देख कर कोफ़्त हमे भी होती है । टिप्पणियों में सजीव - लिंक न देख कर भी कोफ़्त होती है । उसका क्या किया जाए? ई-पंडित ने उपाय बताया था , <a href="http://shaishav.wordpress.com/2008/08/09/decorate_comments_shrish/" rel="nofollow">यहाँ</a> |अफ़लातूनhttp://kashivishvavidyalay.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-47119844601139540792009-12-18T09:27:17.637+05:302009-12-18T09:27:17.637+05:30@राकेश
देवनागरी में लिखने के कई तरीके हैं . जैसे ...@राकेश <br />देवनागरी में लिखने के कई तरीके हैं . जैसे गूगल की ट्रान्सलिटरेशन सेवा. बरहा सॉफ्टवेयर. माइक्रोसॉफ़्ट ने भी यह सेवा प्रारंभ की है "http://specials.msn.co.in/ilit/GettingStarted.aspx?redir=true&postInstall=true#WindowsXP"डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-11815333631867817722009-12-18T09:13:40.042+05:302009-12-18T09:13:40.042+05:30जी हाँ ।
इसके अलावा हिन्दी में रोमन और अंग्रेजी क...जी हाँ ।<br /><br />इसके अलावा हिन्दी में रोमन और अंग्रेजी के अन्य अनावश्यक प्रयोगों पर भी बहुत खीझ होती है-<br /><br />* ब्लॉग का शीर्षक अंग्रेजी में लिखना<br /><br />* हिन्दी के उपयुक्त शब्दों के रहते हुए भी अनावश्यक रूप से अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग करना<br /><br />* देवनागरी में जबरन रोमन घुसेड़ देना ( "उसके रक्त में platelets की कमी हो गयी है।" इसके बजाय, "उसके रक्त में प्लेटलेट्स की कमी हो गयी है"। लिखना चाहिये।<br /><br />* हिन्दी में प्रयुक्त हुए अंग्रेजी शब्दों का बहुबचन, अंग्रेजी-शैली में प्रयोग करना भी बहुत अटपटा लगता है। ( "सारी ट्रेन्स लेट चल रहीं थीं" - "सारी ट्रेनें देर से चल रहीं थीं", क्यों नहीं?)अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-83668242683558274062009-12-18T09:05:05.830+05:302009-12-18T09:05:05.830+05:30नहीं डा. साहब , नहीं होती क्योंकि इसका कारण ये है ...<i>नहीं डा. साहब , नहीं होती क्योंकि इसका कारण ये है कि शुरुआत के पहले डेढ सालों तक मैं खुद कैसे कैसे टीपता रहा हूं मैं ही जानता हूं । जब मन उकता जाता था तो गूगल की ट्रांजिलिटरेशन सेवा से कट पेस्ट करता था । जैसे तैसे ये सीख गया और जब से सीखा तब से तो हिंदी में बल्ले बल्ले हो रही है । मगर मुझे लगता है जो लोग नहीं कर पा रहे हैं उनकी दिक्कत को समझ सकता हूं । इसलिए कम से कम ये सोच के संतोष किया जा सकता है कि अगला पढने के बाद अपने विचार बांट तो रहा है न ...हां अगंरेजियत झाडने से होती है कोफ़्त जब वो किसी हिंदी पोस्ट पे झाडी जा रही हो .....क्योंकि मैंने किसी अंग्रेजी पोसट पे हिंदी झाडती टिप्पणी नहीं देखी है </i>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-44102178641449358252009-12-18T03:06:54.350+05:302009-12-18T03:06:54.350+05:30sorry for writing in roman and in english. i reall...sorry for writing in roman and in english. i really find it difficult to read hindi in roman script. but i dont know how to write comment in devnaagari.<br />could you help please<br />rakesh raviRaravihttps://www.blogger.com/profile/06067833078018520969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-62070734870183005302009-12-18T02:01:41.650+05:302009-12-18T02:01:41.650+05:30कुछ की तो मजबूरी होती है कि वो देवनागरी में टंकण न...कुछ की तो मजबूरी होती है कि वो देवनागरी में टंकण नहीं जानते मगर जो जानते हैं वो भी कभी सुविधाओं से दूर होते हैं, ऐसे में उन्हें सामान्य ही ले लेता हूँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-39088611256000642592009-12-18T01:53:19.123+05:302009-12-18T01:53:19.123+05:30बहुत अधिक खासकर लंबी टिप्पणियों को .. पर कुछ को द...बहुत अधिक खासकर लंबी टिप्पणियों को .. पर कुछ को दिक्कत हो सकती है .. उनकी मजबूरी हमें समझनी चाहिए !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-9623433815841630662009-12-18T01:07:50.366+05:302009-12-18T01:07:50.366+05:30हां ।हां ।अर्कजेशhttp://www.arkjesh.blogspot.com/noreply@blogger.com