tag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post4782457557529874863..comments2023-08-27T21:21:01.045+05:30Comments on संस्कृति: सरकार, नक्सलवाद और बिचौलियेडॉ महेश सिन्हाhttp://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-24656872064407040112011-03-04T15:35:06.031+05:302011-03-04T15:35:06.031+05:30संभवतः,हर आदमी अपने मौक़े की तलाश में है। जिस दिन ...संभवतः,हर आदमी अपने मौक़े की तलाश में है। जिस दिन अधिकतर निराश होंगे,क्रांति उसी दिन संभव।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-59798115154525726752011-02-14T22:16:48.026+05:302011-02-14T22:16:48.026+05:30सहमत हे जी आप की बात सेसहमत हे जी आप की बात सेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-18744208202342086492011-02-14T21:57:53.736+05:302011-02-14T21:57:53.736+05:30` इसका अप्रत्यक्ष मतलब यही है की उस बात या विश्वास...` इसका अप्रत्यक्ष मतलब यही है की उस बात या विश्वास का आप समर्थन कर रहे हैं '<br /><br />तभी तो कहते हैं... खामोशी, नीम-रज़ामंदी :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-6229049171063053102011-02-14T15:07:34.856+05:302011-02-14T15:07:34.856+05:30धार कुंठित करने के प्रयास धार आने से पहले ही प्रार...धार कुंठित करने के प्रयास धार आने से पहले ही प्रारम्भ हो जाते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com