tag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post550467174246132849..comments2023-08-27T21:21:01.045+05:30Comments on संस्कृति: हैप्पी आवर किसके लिए हैप्पी है ?डॉ महेश सिन्हाhttp://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-33254136121427484942009-07-24T07:58:10.226+05:302009-07-24T07:58:10.226+05:30पीने वाला इतना सोचने लगे तो क्या खाक पियेगा!!पीने वाला इतना सोचने लगे तो क्या खाक पियेगा!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-51654575675969639952009-07-23T20:08:55.085+05:302009-07-23T20:08:55.085+05:30मुनाफा कमाने की कोई सीमा नहीं होती, लालच की कोई सी...मुनाफा कमाने की कोई सीमा नहीं होती, लालच की कोई सीमा नही होती। इन सब पर यदि लगाम लगानी है तो क़ानून बनाकर नहीं बल्कि समाज में नैतिकता का पुनर्स्थापन करना होगा, क्योंकि कानून में फ़िर भी बचने की संभावना रहती है, नैतिकता के मामले में तो इंसान अपनी आत्मा, अपने ज़मीर के लिए ख़ुद जवाबदेह होता है, ख़ुद से बचकर कहाँ जाएगा।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4488757223568870804.post-64197628499299336882009-07-23T19:09:27.141+05:302009-07-23T19:09:27.141+05:30कम से कम पीने वालों और उनके परिवारवालों के लिए तो ...कम से कम पीने वालों और उनके परिवारवालों के लिए तो हहैप्पी आवर हैप्पी नहीं हो सकता !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com