आजकल इन्टरनेट, ई मेल, चैट, एस एम् एस काफी चर्चित और जाने माने शब्द हैं । इनमे से एक है ई मेल । लोग अपना एक ई मेल पता तो बनवा लेते हैं और बांटते भी रहते हैं लेकिन मुड़ के भी उधर नही झांकते । इस तरह के लोगों में बड़े बड़े नाम स्समिल हैं । आज हर सरकारी संस्थान के प्रमुखों के पास यह सुविधा है किंतु जवाब पाने की उम्मीद न रखिये क्योंकि या तो इसका उपयोग नही होता या ये बंद मिलेगी ।
हर सांसद और विधायक के पास कंप्यूटर इन्टरनेट और ई मेल है लेकिन उपयोग ?
यही अवस्था सरकार के अन्य तंत्रों की है । प्राइवेट संस्थान, समाचारपत्र , चिकित्सक व अन्य भी इस से परे नही हैं। ई मेल रखने के कुछ स्वयम नियंत्रित नियम हैं लेकिन यहाँ किसको पड़ी है नियम कानूनों की । ई मेल का जवाब एक समय से दिया जाना चाहिए । जवाब देते समय रोमन में छोटे फॉण्ट का उपयोग होना चाहिये, अन्य अन्य
6 टिप्पणियां:
एक सुंदर बात कही आप ने.
धन्यवाद
सही लिखा है।
महेश भैया हम भी उनमे से एक हैं सारी थे।आपकी बात से अकल आ गई है।आगे से समय पर चेक कर लिया करेंगे और जवाब भी दे देंगे।
सही कह रहे हैं, ऐसी ईमेल का क्या फायदा कि फोन करके बताना पड़े-आपको ईमेल भेजी है, जरा देख लिजियेगा. :)
sahi baat hai
एक सुंदर बात कही आप ने.
धन्यवाद
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