केन्द्रीय सरकार ने देशद्रोहियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का विचार त्याग दिया है !! क्योंकि इससे माहौल खराब होने का अंदेशा है कश्मीर में ? आज जो हालत हैं उससे ज्यादा क्या हालत खराब होंगे वहाँ ।
जब भी किसी संगठित अपराधी गिरोह चाहे वो कश्मीरी अलगाववादी हों या नक्सलवादी , सरकार उनसे सम्झौता करती है तो क्या संदेश जाता है आम जनता में । कि अपराध करना हो तो बड़ा करो , छूट भी जाओगे और सम्मान भी मिलेगा । एक छोटा गरीब चोर जेल में दाल दिया जाता है । छोटा अपराधी और आम जनता पुलिस से घबराती है लेकिन अगर आपने अपना गिरोह बना लिया तो सरकार आपको माला पहनाती है ।
सविधान निर्माता डॉ अंबेडकर ने कहा था अगर यह सविधान फेल हो गया तो इसे जला देना चाहिए क्या वह समय आ गया है ।
पता नहीं कब इस देश को लोग जगेंगे इस देश में छुपे गद्दारों को पहचानेगे । एक नहीं अनेक अरुंधति हैं यहाँ ।
शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2010
शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2010
मेकाले ने 1835 में ब्रिटिश संसद में क्या कहा था
ईमेल से प्राप्त
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Please don't forget to read
the letter in the end
Just read what INDIA was as per LORD MACAULAY on his statement on 2nd February 1835, in the last snap. That would really shock us Old Photographs from Indian History. Please Read the last Article Carefully
The daughter of an Indian maharajah seated on a panther she shot, sometime during 1920s.
A British man gets a pedicure from an Indian servant.
The Grand Trunk Road , built by Sher Shah Suri, was the main trade route from Calcutta to Kabul .
A group of Dancing or notch girls began performing with their elaborate costumes and jewelry.
A rare view of the President's palace and the Parliament building in New Delhi .
Women gather at a party in Mumbai ( Bombay ) in 1910.
A group from Vaishnava, a sect founded by a Hindu mystic. His followers are called Gosvami-maharajahs
An aerial view of Jama Masjid mosque in Delhi , built between 1650 and 1658.
The Imperial Airways 'Hanno' Hadley Page passenger airplane carries the England to India air mail, stopping in Sharjah to refuel.
See what the India was at 1835.......
Read this carefully
But now JAn Indian owns Britain's East India Company - Another circle got completed.
The East India Company which ruled India for more than 200 years is now ruled by an Indian Sanjiv Mehta who took over the company for $150 lac.
He said” at an emotional level as an Indian, when you think with your heart as I do, I had this huge feeling of redemption - this indescribable feeling of owning a company that once owned us”
But media is not interested in such great news. They were busy in useless KALMADI & SHASHI THAROOR MARRIAGE .
Let us be the media…&..Fwd this mail to all Indians...
Sanjiv Mehta, CEO of The East India Company
Just think………??????????????????????
Forward it to all Indian s . I really liked it, so forwarding it to you .........
मंगलवार, 12 अक्टूबर 2010
वर्धा ब्लॉगर मिलन से वापसी, बाल बाल बचे
दो दिवसीय सम्मेलन एक नया और अलग अनुभव रहा । इसमें न केवल ब्लॉग और ब्लोगरी पर चर्चा हुई बल्कि कई शख्सियतों से रूबरू होने का मौका मिला । कई चेहरे तो पहचाने गए कुछ को पहचानना पड़ा :) सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित किया प्रवीण पांडे ने इतने युवा हैं इसका अंदाज कम ही लोगों को था ।
किन्तु परंतु, कई प्रश्न और विवाद हर बात के साथ खड़े किए जा सकते हैं , इस बार शायद यह कम रहा ।
कई लोग याद किए गए, सिद्धार्थ ने सौम्यता पूर्ण कहा कि सबको खुला निमंत्रण था । ललित शर्मा याद किए गए कि उनका एक सम्मेलन छत्तीसगढ़ में करवाने का वादा अब तक पूरा नहीं हुआ ।
समापन से पहले रवि रतलामी जी का दूरस्थ प्रसारण एक नयी बात हुई , मोबाइल और इंटरनेट का मिला जुला उपयोग ।
वापसी का रेल आरक्षण कनफर्म नहीं हो पाया था इसलिए मैंने और संजीत ने थोड़ा पहले स्टेशन जाने और वहाँ जगह ढूँढने का निश्चय किया । हम उस वक़्त की गाड़ियों को देख रहे थे । एक तों खचाखच भरी हुई थी इसलिए अगली का इंतेजार किया । आश्चर्य हुआ जब मुंबई मेल के आने की घोषणा हुई क्योंकि यह उसका आधिकारिक समय नहीं था । चार महीने पहले हुए नक्सली हमले के बाद से अभी भी कोलकाता से मुंबई चलने वाली ट्रेने , एक बड़े क्षेत्र में रात में नहीं चलाइ जा रही हैं। खैर किसी तरह इसमें स्थान मिला ।
नागपुर स्टेशन से निकलते समय आवाज हुई और ऐसा लगा कि बोगी एक तरफ झुकी हुई है और बड़ी ज़ोर से हिल रही है । अटटेंडेंट से पूछने पर उसने कहा कि प्लैटफ़ार्म में पातों का ठीक से रखरखाव नहीं होने से ऐसा होता है । ट्रेन की गति ज्यादा नहीं थी ।
सुबह के अखबार में खबर थी कि उसके बाद उसी प्लैटफ़ार्म से निकलने वाली अहमदाबाद एक्सप्रेस के कुछ डब्बे पटरी से उतर गए । भाग्य से किसी को कोई चोट नहीं आई ।
आलोक धनवा जी हिन्दी विश्वविद्यालय के विशिष्ठ आमंत्रित हैं उनकी कवितायें और विचार सुनने मिले ।
कुछ विचार आप भी सुनिए. सौजन्य : संजीत त्रिपाठी
किन्तु परंतु, कई प्रश्न और विवाद हर बात के साथ खड़े किए जा सकते हैं , इस बार शायद यह कम रहा ।
कई लोग याद किए गए, सिद्धार्थ ने सौम्यता पूर्ण कहा कि सबको खुला निमंत्रण था । ललित शर्मा याद किए गए कि उनका एक सम्मेलन छत्तीसगढ़ में करवाने का वादा अब तक पूरा नहीं हुआ ।
समापन से पहले रवि रतलामी जी का दूरस्थ प्रसारण एक नयी बात हुई , मोबाइल और इंटरनेट का मिला जुला उपयोग ।
वापसी का रेल आरक्षण कनफर्म नहीं हो पाया था इसलिए मैंने और संजीत ने थोड़ा पहले स्टेशन जाने और वहाँ जगह ढूँढने का निश्चय किया । हम उस वक़्त की गाड़ियों को देख रहे थे । एक तों खचाखच भरी हुई थी इसलिए अगली का इंतेजार किया । आश्चर्य हुआ जब मुंबई मेल के आने की घोषणा हुई क्योंकि यह उसका आधिकारिक समय नहीं था । चार महीने पहले हुए नक्सली हमले के बाद से अभी भी कोलकाता से मुंबई चलने वाली ट्रेने , एक बड़े क्षेत्र में रात में नहीं चलाइ जा रही हैं। खैर किसी तरह इसमें स्थान मिला ।
नागपुर स्टेशन से निकलते समय आवाज हुई और ऐसा लगा कि बोगी एक तरफ झुकी हुई है और बड़ी ज़ोर से हिल रही है । अटटेंडेंट से पूछने पर उसने कहा कि प्लैटफ़ार्म में पातों का ठीक से रखरखाव नहीं होने से ऐसा होता है । ट्रेन की गति ज्यादा नहीं थी ।
सुबह के अखबार में खबर थी कि उसके बाद उसी प्लैटफ़ार्म से निकलने वाली अहमदाबाद एक्सप्रेस के कुछ डब्बे पटरी से उतर गए । भाग्य से किसी को कोई चोट नहीं आई ।
आलोक धनवा जी हिन्दी विश्वविद्यालय के विशिष्ठ आमंत्रित हैं उनकी कवितायें और विचार सुनने मिले ।
कुछ विचार आप भी सुनिए. सौजन्य : संजीत त्रिपाठी
अनीता कुमार जी चित्र लेने में व्यस्त
सोमवार, 4 अक्टूबर 2010
क्या गूगल बज, एक ब्लॉग अग्रीगेटर की भूमिका निभा सकता है
बहुत से ब्लॉगर इस मंच से जुड़ चुके हैं । अभी इस माध्यम में कार्य और विकास चल रहा है । यह हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में अपनी सेवा उपलब्ध करा रहा है । इसमे शामिल होने से आपके ब्लॉग समर्थक अपने आप इससे जुड़ जाते हैं । हिन्दी ब्लॉग संकलको से आए दिन परेशान होने वाले ब्लॉगर इस मंच का उपयोग अपने ब्लॉग को अन्य लोगों तक पहुँचाने के लिए कर सकते हैं ।
कई बार तो इसमें बड़े ही मजेदार संवाद भी हुए हैं
एक झलक यहाँ देखिये
ज्यादा जानकारी यहाँ उपलब्ध है
http://www.google.com/buzz
क्या लगता है आपको
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