मंगलवार, 16 अगस्त 2011

कॉंग्रेस की यात्रा गांधी से अंबेडकर तक

पता नहीं अगर आज गांधी होते तो क्या करते। क्या सरकार उन्हे भी अनशन की इजाजत नहीं देती ? ऐसा माना जाता है की गांधी का और उनके अनशन का बड़ा योगदान है इस देश को आजादी दिलाने में । आज वही अनशन गैरकानूनी  हो गया इस देश के सविधान और कानून के अनुसार। बुजुर्गों ने बड़ी जल्दी भाँप लिया था और कहने लगे थे की इससे अच्छा तो अंग्रेजों का शासन था। अत्ब उस समय का युवा वर्ग उनकी बातें मज़ाक में उड़ा दिया करता था , आजादी के नशे में। क्या आज का युवा वर्ग भी उसी खुमारी में जी सकता है की हम स्वतंत्र हैं  ।
देश के सविधान को बनाने में शायद 80 लोगों का हाथ था लेकिन केवल अंबेडकर के नाम का दुरुपयोग कई दल कर रहे हैं। जिस बात का अंबेडकर ने सबसे ज्यादा विरोध किया उसी बात को उनके द्वारा निर्मित बताया जाने लगा। क्या सीबीआई इस महाषड्यंत्र की भी जांच करेगी। 

3 टिप्‍पणियां:

SACCHAI ने कहा…

" behatarin ..sachhai bhari post ..sahi kaha hai bujurgoan ne tabhi bhi kaha tha is se to angrejoan ka shashan accha tha ..."

yahan par bhi aaye aur apane bahumuly vichar hume de

http://eksacchai.blogspot.com/2011/08/blog-post_16.html

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

बहुत दिनों बाद आए ब्लाग पर डॉक्टर साहब:)
आज गांधीजी होते तो गोडसे की ज़रूरत ही नहीं पडती, देश के हालात देखकर वे आत्महत्या कर ही लेते॥

senses of soul ने कहा…

come here from Malaysia =)