मंगलवार, 14 जुलाई 2009

और आसमान भी रो पड़ा

आप में से कई आस्तिक होंगे और कई नास्तिक . मैं पहले नास्तिक था और अब आस्तिक हूँ . हम बहुत बेताबी से बारिस का इन्तेजार कर रहे थे लेकिन पता नहीं थी ऐसे आएगी बारिश. आई और ऐसा लगा आसमान भी रो रहा है उसने अपना अपना एक काबिल पुत्र खो दिया और बेबस और बेजार देखती रही वोह . इसे दूर से देख पाना संभव नहीं है क्योंकि हालत और व्यक्ति में सामंजस्य बैठाना मुस्किल है . किसी ने जानकारी चाही है एक युवा अधिकारी के बारे में . वो कहीं से पुलिसिया नहीं थे ? आज तक मीडिया ने किसी से असम्बद्ध होकर इतने आंसू नहीं बहाए. प्रकृति ने भी सिर्फ एक अवकाश दिया क्रिया कर्म का उसके पहले और बाद जो बारिश आज रायपुर में हुई वर्षों से नहीं दिखाई दी !

4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत दुखद घटना हुई.

एस पी महोदय एवं अन्य शहीदों को सलाम और अश्रुपूरित श्रृद्धांजलि!!

Anil Pusadkar ने कहा…

सच मे आसमान फ़ूट फ़ूट कर रो पडा।

ओम आर्य ने कहा…

bahut sahi

Opal Chaudhary ने कहा…

Very sad incident. It touched my heart
opalchaudhary.blogspot.com