सारे धर्म अपने बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाते हैं . एक बात जो यहाँ सामने आ रही है उसपर मैं अपने विचार रखना चाहता हूँ .
हिन्दू धर्मं में मान्यता है पुनर्जन्म की और यह अन्य धर्मों में भी है, कुछ दूसरी तरह से . इस्लाम में कहा जाता है कि एक दिन सब फिर उठ खड़े होंगे इसलिए शरीर को दफनाया जाता है . बौद्ध धर्मं ( Life after death) ने जितना काम किया है मृत्यु और उसके बाद पर शायद ही किसी और धर्म ने किया है या जाहिर किया है . इसी सन्दर्भ में कहा जाता है कि जिस वंश कि मुक्ति होनी है उस वंश में लड़के का जन्म नहीं होगा . इसका कारण यह बताया गया है कि पुत्र को परिवार का वाहक माना गया है . भ्रम यह है की जहाँ पुत्र नहीं होगा वहां वंश ख़त्म हो जायेगा जबकि स्तिथि विपरीत है . यह एक मुक्ति का द्वार है . अब यह आप पर है आप कौनसा मार्ग अपनाना चाहते हैं
13 टिप्पणियां:
अच्छा लगा आपके विचार जानकर इस विषय पर.
ऐसा मार्ग जो हमें भ्रान्तियों से खींचकर शाश्वत मूल्यों की ओर प्रेरित करे वही बेहतर है ।
यह तो सब अपनी अपनी सुविधा के अनुरुप सोच सकते हैं।
मुद्दा वाकई विचारणीय है.. हैपी ब्लॉगिंग
होई है वही जो राम रची राखा।
ACHHA LIKHA HAI AAPNE .... PUTRI YA PUTR ... JI RISHTON KI KADAR KARE JEETE JI KADAR KARE VO HI SABSE ACHAA HAI ... KOI FARK NAHI HAI AAJ PUTR YA PUTRI MEIN
बौद्ध धर्म सर्वाधिक वैज्ञानिक दृष्टि वाला धर्म है वहाँ पुनर्जन्म की व्याख्या भी इस तरह नही है जैसी की अन्य धर्मो मे है । लेकिन विडम्बना यह है कि अब उसमे भी कर्मकांडों का समावेश हो गया है ।
आज अचानक आपके ब्लॉग पर यह पोस्ट देखी.मुक्ति की अवधारणा बहुत अच्छी लगी डॉ. साहब. कोटिश: धन्यवाद.
अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
मैनें अपने सभी ब्लागों जैसे ‘मेरी ग़ज़ल’,‘मेरे गीत’ और ‘रोमांटिक रचनाएं’ को एक ही ब्लाग "मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी "में पिरो दिया है।
आप का स्वागत है...
वैज्ञानिक द्रष्टि से सोचे सारे मार्गों से बेहतर है
I do believe in a soul so maybe once it leaves the body, it might enter another one.. But at least this concept is good for those criminals who have no fear of law & order..at least they'll be afraid of punishment in next birth if they escape it in this birth!
अच्छा लगा पढकर.
डॉ साहब जीवन मे कुछ मिलने की आशा है इसलिए हम जीना चाहते है।यदि हम यह जान जाये कि जीवन मे खोने के अलावा कुछ नही है तो जीने की आकांक्षा से मुक्ति मिल जायेगी हमे।
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