चिट्ठाजगत लगाना ट्रंक कॉल हो गया :)
रोज शाम को चिट्ठाजगत से प्रेम पत्र आ जाता है कि और इतने नए प्रेमी जुड़े उनका स्वागत करें . जब लिंक को क्लिक करिए तो घूमता हुआ चक्र देखकर इन्तेजार करिए . कृपया प्रतीक्षा करें आप कतार में हैं . सर्वर की बैंड विड्थ बढ़ाने का समय आ गया है . बधाई इतने पोपुलर होने के लिए
11 टिप्पणियां:
अरे इतना धीरे??
एक बात तो है,चिट्ठाजगत का मेल बराबर आता है।
ऐसा नहीं होना चाहिए ।
अपना नेट कनेक्शन करें..यहाँ तो तुरंत खुल रहा है.
इंटरनेट एक्स्प्लोरर का इस्तेमाल करते हैं?
तो ऐसा ही होता है :-)
Hamen bhi koi dikkat nahee.
( Treasurer-S. T. )
कभी कभी ऎसी परेशानी आती हॆ,पर बराबर नही
PARESHAANI TO HAR JAGAH HAI ..... GOOGLE CHROM KA PRAYOG KAREN ... JALDI KHULTAA HAI ...
रफ्तार वफ्तार के फेर में पड़ने से कोई फायदा नहीं. चीज़ों को उनकी प्रक्रति के हिसाब से चलने दें. इस देश में टेक्नोलोजी को भी राष्ट्रीय सिस्टम में ढलना पड़ता है. उड़न तश्तरी तो कनाडा में उड़ रही है, तश्तरी की बात मानियेगा भी मत. आप नेट वाले की मुट्ठी गर्म कर दीजिये, राम भला करेंगे.
मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई! बड़ी आसानी से बहुत जल्द खुल जाती है!
मोजिला यूज करें, मस्त रहें।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
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