आप में से बहुतों ने शायद यह विज्ञापन टीवी में देखा होगा . यह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी का विज्ञापन है.
याद आ गया बचपन जब नमक और कोयले के चूर्ण का उपयोग होता था दाँत साफ़ करने के लिए . वही फॉर्मूला अब एक पैक टूथपेस्ट में महंगे दामों में उपलब्ध कराया जा रहा है . यही है विज्ञान की प्रगति . नीम और बबूल के दातून जिन्होने उपयोग किए उन उम्रदराज लोगों के दाँतो की आज भी सुरक्षा कर रहे हैं .
जिस तरह विदेशी लोगों ने भारतीय पेड़ों और जड़ीबूटियों का पेटेंट करवाने का प्रयास किया कहीं उनका अगला प्रयास नमक का पेटेंट करवाने का न हो .
10 टिप्पणियां:
सही मुद्दा उठाया है आपने| देश के पारंपरिक चिकित्सको को जहां एक ओर नीम-हकीम कहा जाता है और वही दूसरी ओर पारंपरिक ज्ञान पर आधारित नुस्खों को व्यावसायिक उत्पाद के रूप में इस तरह बेचा जाता है| जहां एक ओर चीन और आफ्रीका ने अपने पारंपरिक चिकित्सको को बाकायदा कानूनी मान्यता दे दी है वही भारत में असंख्य पारंपरिक चिकित्सक इस तरह की मान्यता कीबाट जोह रहे है| अब देर करना उचित नहीं है| अन्यथा इसी तरह हम अपने पारंपरिक ज्ञान के लिए बड़ी कंपनियों को पैसा चुकाते रहेंगे|
यही है गुलामी ।
सही कह रहे है आप, और इसका ब्रांड छाप गांधी नमक ही रखेंगे.
बासमती के अमेरिकी पेटेंड पर बवाल तो बहुत हुआ पर जब यह अंतर्राष्ट्रीय बैद्धिक कानून के तहत पंजीकृत होने की प्रक्रिया मे दावा आपत्ती के स्तर पर था तब इस बात को उसी तरह छुपा कर रखा गया जिस तरह आजकल छत्तीसगढ के गावो मे फ़ैट्री के लिये जमीन खरीदने पर सरपंच अनुमती दावा आपत्ती प्रक्रिया को छुपा कर रखता है कि लोगो को दावा आपत्ती के लिये समय ही ना बचे और उनकी मनमानी पर वैधानिक सील ठप्पा लग जाये.
और उम्मीद भी क्या की जा सकती है? ये फ़ार्मुले चंद लोगों को अरबपति बनाने और बाकी जनता को लूट खाने के लिये ही फ़ैलाये जाते हैं.
रामराम.
हो सकता है आपका अंदाजा सही हो!
अपने सही कहा ... ये आधुनिक तरीका है किसी की खोज को हतियाने का ... हल्दी ... नीं ... अब नमक ... आयेज आयेज क्या होगा ... पता नही ...
टाइम टाइम की बात है ।
जो जई की फसल गावों में पशुओं को खिलाई जाती है , वही ओट मील के रूप में ऑस्ट्रेलिये से इम्पोर्ट होकर कोलेस्ट्रोल फ्री डाईट बन जाती है।
.... अतीत के फ़ार्मूले ही वर्तमान मे उडान भर रहे हैं!!!
hmm ho to sakta hai.
विज्ञापन भी यही सीख दे रहा है कि अब पुरातन भारतीय ज्ञान ओर लौटने का व्कत आ गया है।
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