बुधवार, 30 जून 2010

हे ब्लागवाणी तू छुपी है कहाँ.



हिमांशु मोहन जी के अनुरोध पर बज से ब्लाग पर 
ब्लागवाणी का अपडेट 18.06.2010 से बंद है . 24 से 29 तक शहर से बाहर रहने का बाद आज देखा की वही स्थिती बरकरार है .

हिन्दी वाले कुछ ज्यादा ही सेंटीयातें हैं 
चढ़ जाते हैं कभी टंकी पर कभी पहाड़ पर 
कभी नाले पर कभी पेड़ पर 
कभी रोको रोको मुझे मत जाने दो 
अब इसका असर समूह पर भी तो पड़ेगा 
बेचारी ब्लागवाणी भी इस वाइरस से ग्रस्त हो गयी 
बिना बताये माइके चली गयी 
अरे भाई गाना तो गाना था 
झूठ बोले कौवा काटे 
कौवा भी खुश होता किसी ने याद किया 
वरना केवल श्राद्ध में याद करते हैं 

हे निष्ठुर, देखो बेरहम, तुम्हारे प्रेमी कैसे तड़फ रहे हैं 
कहीं भी गई हो पता ठिकाना नहीं मालूम तो मोबाइल तो पास होगा 
24 घंटे में खबर नहीं आई तो पक्का समझो थाने में खबर लिखवाई 
तुम तो अभी नादान हो लेकिन इतनी तो समझदार हो 
की शरीफ़ घरों की बहू बेटियाँ थाने कचहरी के चक्कर में नहीं पड़ती 
कोई ऐसा वैसा चक्कर हो तो भी न घबराना 
फौरन से पेश्तर फुनिया घूमाना देश अब हमारा प्रगति कर रहा है . 
कुछ कोनो में पंचायतें अपना काम कर रही हैं उनका भी काम तमाम किया जाएगा 
कही इसमें अफ़ज़ल, कसाब , एंडेरसन का हाथ तो नहीं . 
घबराना नहीं मंत्रियों का दल है तैनात, तुम्हारी फरियाद जरूर सुनी जायेगी . 
मनमोहन जी ने संग्रहालय से जहांगीर का घंटा मंगवाया है .

गुरुवार, 10 जून 2010

क्या होगा अगर मैं इस देश के सविधान को मानने से इंकार कर दूँ

मैंने जन्म लिया इस धरती पर . जिसे लोगों ने बाँट रखा था . क्या मेरा कोई अधिकार है प्रजातन्त्र में ?

लोग कहेंगे क्या फालतू की बात है . अब इसपर कोई कानूनदा ही बता सकता है की कानूनी क्या व्यवस्था है.

किसी भी मनुष्य को इस देश में संवैधानिक अधिकार 18 वर्ष की उम्र में प्राप्त होते हैं . इसके पहले उसके क्या अधिकार हैं और कौन उसका और उसके कर्मों का  जिम्मेदार है ?

जब उसे यह अधिकार मिलता है तो उसे कोई इसकी जानकारी सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है . उसे कोई ज्ञान दिया जाता है की क्या हैं उसके अधिकार और क्या है उसकी जिम्मेदारियाँ . उसे कोई मौका दिया जाता है इसे स्वीकार या अस्वीकार करने का या केवल इस भूखंड में जन्म लेने के कारण वह एक बंधक है इस भूभाग के साम्राज्यकारियों का . कहाँ है freedom of choice. बहुत बहस होती है इस देश में चुनाव , सरकार और व्यवस्था के बारे में . इन सबके बीच आम आदमी का व्यक्तिगत अधिकार बली चढ़ जाता है .यही है सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार का .एक संगठित सरकारी व्यवस्था जहाँ एक भुलावा दिया जा रहा है जनता को कि यहाँ प्रजातन्त्र है लेकिन वास्तव में प्रजा तंत्र में है .
इतने सदियों की गुलामी भी शायद genes में परिवर्तन ला देती है .

इस देश को गरीबी के चंगुल से छुडाने वालों का कहीं जिक्र ही नहीं सारी वाहवाही सरकार ने लूट ली . क्या किया सरकार ने ? काम किया इस देश के युवाओं ने रात रात जग कर BPO और कम्प्युटर में काम करके मलाई नेता खा रहे हैं .

एक तो संविधान बना राजशाही के आधार पर और उसे भी कमजोर पाकर आधुनिक राजा उसमें भी अपनी सुविधा जोड़ते गए .


बड़ी छोटी सी दुनिया है हिन्दी ब्लाग जगत की . इससे उम्मीद की जाए क्या इंकलाब की .

गुरुवार, 3 जून 2010

शिक्षा संस्थानों के फर्जीवाड़े

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फर्जी संस्थानों का फेर
29 May 2010, 2359 hrs IST,नवभारत टाइम्स  
12वीं का रिजल्ट आने के बाद ग्रैजुएशन कोर्सों में दाखिले के लिए स्टूडेंट्स और पैरंट्स पूरे जोर-शोर से तैयारियों में जुट गए हैं। जिन्हें
नामी कॉलेज या संस्थान में दाखिला मिल जाएगा, उनकी तो बल्ले-बल्ले है लेकिन जिन्हें यह खुशी नसीब नहीं हो पाएगी, वे पढ़ाई के नाम पर चल रहे फजीर्वाड़े में फंस सकते हैं। दरअसल, ऐसी बहुत-सी प्राइवेट, सेमी-प्राइवेट, डीम्ड यूनिवर्सिटी आदि हैं, जिनके कोर्सों की मान्यता नहीं है। अब तो इस कड़ी में कुछ विदेशी यूनिवर्सिटी भी शामिल हो गई हैं। स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ करनेवाले संस्थानों और उनसे बचाव की पूरी जानकारी दे रहे हैं अशोक सिंह :

किसी भी फर्जी संस्थान या कोर्स में दाखिले से स्टूडेंट्स के करियर के खिलवाड़ के साथ-साथ पैरंट्स की जेब को भी भारी चपत लग जाती है। यह वक्त और पैसे, दोनों की बर्बादी है। ऐसे फर्जीवाड़े से बचने के लिए सही जानकारी होनी जरूरी है।

क्या होते हैं फर्जी संस्थान 
फर्जी संस्थान से मतलब उन शिक्षा संस्थानों से है, जो किसी भी सरकारी नियामक संस्थान या प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त नहीं हैं और बिना इजाजत ऐसे कोर्स करा रहे हैं, जिन्हें कराने का अधिकार उनके पास नहीं है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) हर साल ऐसी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी करता है, जो फर्जी संस्थानों के दायरे में आती हैं। प्रफेशनल कोर्सों की बात करें तो देश के विभिन्न हिस्सों में केंद्र व राज्य स्तर पर बहुत-सी सरकारी संस्थाएं हैं, जो सरकारी और प्राइवेट शिक्षा संस्थानों को संबंधित कोर्स कराने की इजाजत देती हैं। इनमें खासतौर पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नर्सिंग काउंसिल आदि हैं।

गैर-मान्यता प्राप्त कोर्सों का नुकसान 
इस तरह के डिप्लोमा या तथाकथित डिग्री कोर्सों के आधार पर सरकारी तो दूर, प्राइवेट सेक्टर में भी जॉब नहीं मिल पाती। किसी कॉम्पिटीटिव एगाम में शामिल होने की इजाजत भी नहीं मिलती। ऐसे में या तो छोटी-मोटी नौकरी करने को मजबूर होना पड़ता है या फिर से किसी रिकग्नाइज्ड कोर्स में दाखिले के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है।

कैसे बचें शब्दों के मायाजाल से 
आजकल मीडिया में विभिन्न कोर्सों से संबंधित विज्ञापनों की भरमार देखी जा सकती है। इनमें बड़े ही लुभावने शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। फर्जी संस्थानों के विज्ञापनों या उनके प्रॉस्पेक्ट्स में दी गई भाषा और जानकारी के आधार पर भी काफी कुछ समझा जा सकता है। नीचे लिखीं बातों पर गौर करके आप काफी हद तक फजीर्वाड़े से बच सकते हैं :

- विज्ञापन में संस्थान के रजिस्टर्ड और मान्यता प्राप्त होने संबंधी जानकारी का न होना।
- किसी यूनिवसिर्टी से एफिलिएटेड संस्थान के सभी कोर्स रेकग्नाइज्ड हों, यह जरूरी नहीं है क्योंकि एफिलिएटेड संस्था होती है। उसके सभी कोर्स मान्य ही हों, यह जरूरी नहीं है। अगर कोई संस्था किसी यूनिवर्सिटी से रेकग्नाइज्ड है तो यह मान्यता सारे कोर्सों के लिए होती है। लेकिन कुछ संस्थान अपने यहां चलाए जा रहे कोर्सों में कुछ अमान्य कोर्सों को भी शामिल कर स्टूडेंट्स से दगा करते हैं।
- रेकग्नाइज्ड संस्थान का रेकग्नाइज्ड कोर्स होने के लिखित दावों की पुष्टि सरकारी तौर पर जारी सर्टिफिकेट से की जा सकती है और अपनी तसल्ली के लिए संबंधित निकाय से भी वेरिफाई कर सकते हैं।
- नामी सरकारी संस्थानों और मान्यता-प्राप्त कोर्सों से मिलते-जुलते नाम रखने का फर्जी संस्थानों का पुराना हथकंडा।
- उत्तरी भारत में जारी विज्ञापनों में दक्षिण भारतीय यूनीवर्सिटी से रजिस्टर्ड (पंजीकृत) या मान्य होने का दावा, ताकि आसानी से असलियत का पता लगाना मुमकिन न हो।
- सोसायटी एक्ट में संस्थान के रजिस्टर्ड होने का मतलब यह कतई नहीं कि उसके सारे कोर्स रेकग्नाइज्ड हैं।

205 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं फर्जी 
- राज्यसभा में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डी. पुरंडेश्वरी ने कुछ महीने पहले बताया था कि ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन ने 205 फर्जी तकनीकी शैक्षिक संस्थानों की पहचान की है। इनमें से 76 महाराष्ट्र में, 24 दिल्ली में, 22 कर्नाटक में, 16 तमिलनाडु में, 16 यूपी में, 15 पश्चिम बंगाल में, 10 हरियाणा में, 9 चंडीगढ़ में, 8 आंध्र प्रदेश में, 3 गुजरात में, 2 पंजाब में, 2 केरल में, 1 गोवा में और 1 राजस्थान में है। इस बारे में पूरी जानकारी के लिए वेबसाइट www.aicte-india.org पर देख सकते हैं। इसमें MIS/Reports में जाकर Unapproved Institutes खोलें।

क्चटेक्निकल, प्रफेशनल और बाकी तरह के शिक्षा संस्थानों को मान्यता देनेवाली सरकारी संस्थाएं

इन संस्थाओं से संपर्क करके या वेबसाइट से आप असली-नकली संस्थान की जानकारी हासिल कर सकते हैं :

मेडिकल 
- एलोपैथी (एमबीबीएस, एमडी, एमएस आदि) : मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, पॉकेट-14, सेक्टर-8, द्वारका फेज-1, नई दिल्ली - 110077, वेबसाइट : www.mciindia.org
- डेंटल (बीडीएस, एमडीएस) : डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, ऐवाने गालिब मार्ग, कोटला रोड, टेंपल लेन, नई दिल्ली - 110002, वेबसाइट : www.dciindia.org
- आयुर्वेदिक, यूनानी (बीएएमएस, बीयूएमएस) : सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन, जवाहरलाल नेहरू भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी अनुसंधान भवन, 61-65, इंस्टिट्यूशनल एरिया, जनकपुरी, नई दिल्ली -110058, वेबसाइट : www.ccimindia.org
- होम्योपैथी (बीएचएमएस) : सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी, जवाहरलाल नेहरू भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी अनुसंधान भवन, 61-65, इंस्टिट्यूशनल एरिया, जनकपुरी, नई दिल्ली -110058, वेबसाइट : www.cchindia.org
- फार्मेसी (बी. फार्मा आदि) : फामेर्सी काउंसिल ऑफ इंडिया, कोटला रोड, ऐवाने गालिब मार्ग, नई दिल्ली - 110002, वेबसाइट : www.pci.nic.in

- नर्सिंग : इंडियन नर्सिंग काउंसिल, कोटला रोड, टेंपल लेन, नई दिल्ली - 110002, वेबसाइट : www.indiannursingcouncil.org

विकलांग पुनर्वास और विशेष शिक्षा (मेंटली रिटारडेड, हियरिंग इम्पेयर्ड, ब्लाइंड, ऑटिज्म, स्पैक्ट्रम डिस्ऑर्डर आदि) : रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट), बी-22, कुतुब इंस्टिट्यूशन एरिया, नई दिल्ली - 110016, वेबसाइट : www.rehabcouncil.nic.in


- वेटिरिनरी एजुकेशन (बीवीएससी एंड एएच डिग्री) : वेटिरिनरी काउंसिल ऑफ इंडिया, 'ए' विंग, सेकंड फ्लोर, अगस्त क्रांति भवन, भीकाजी कामा प्लेस, नई दिल्ली -110066, वेबसाइट : www.vci-india.in

इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स : ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, (7वीं मंजिल, चंदलोक बिल्डिंग, जनपथ, नई दिल्ली - 110001, वेबसाइट : www.aicte-india.org

कंप्यूटर एजुकेशन : डीओईएसीसी सोसायटी (कम्युनिकेशन एंड आईटी मिनिस्ट्री), इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन, 6 सीजीओ कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली -110003, वेबसाइट : www.doeacc.edu.in

टीचर्स ट्रेनिंग (बीएड, एमएड, बीपीएड, बीएलएड, डीएलएड आदि) : नैशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन, विंग-ढ्ढढ्ढ, हंस भवन, 1, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली - 110002, वेबसाइट : www.ncte-india.org

आर्किटेक्चर : (बीआर्क) : काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर, इंडिया हैबिटैट सेंटर, कोर-6 ए, फर्स्ट फ्लोर, लोदी रोड, नई दिल्ली - 110003, वेबसाइट : www.coa.gov.in

एग्रिकल्चरल एजुकेशन : इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चरल रिसर्च (कृषि मंत्रालय), कृषि अनुसंधान भवन-2, पूसा, नई दिल्ली - 110012, वेबसाइट : www.icar.org.in

लॉ एजुकेशन : बार काउंसिल ऑफ इंडिया, 21 राउज एवेन्यू, इंस्टिट्यूशन एरिया, नई दिल्ली - 110002 www.barcouncilofindia.org

डिस्टेंस एजुकेशन : डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल, इंदिरा गांधी नैशनल ओपन यूनिवसिर्टी (इग्नू), मैदानगढ़ी, नई दिल्ली - 110068, वेबसाइट : www.dec.ac.in

(नोट : इन संस्थानों की वेबसाइट्स पर दिए गए नंबरों पर जब कॉल किया गया तो कई सारे नंबर मौजूद नहीं थे और ज्यादातर पर कोई फोन उठा ही नहीं रहा था, इसलिए उन नंबरों को यहां नहीं दिया गया है। )

विदेशी शिक्षा संस्थाओं का खेल 
पिछले कई बरसों से विदेशी एजुकेशन का क्रेज काफी बढ़ा है, खासतौर से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और रूस में पढ़नेवाले भारतीय युवाओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इन यूनिवर्सिटीज और संस्थाओं के बारे में सही जानकारी पाने के ज्यादा सोर्स नहीं हैं। लेकिन हम आपको इन देशों की एम्बेसी और हाई कमिशन के एड्रेस और नंबर दे रहे हैं, जहां से इनके बारे में सही जानकारी हासिल की जा सकती है :

अमेरिका : युनाइटेड स्टेट्स इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन, फुल्ब्राइट हाउस, 12 हेली रोड, नई दिल्ली-110001, फोन : 011-4209 0909, 2332 8944, वेबसाइट : www.usief.org.in

ब्रिटेन : ब्रिटिश काउंसल डिविजन, 17 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली - 110001, फोन : 011-2371 1401/2/3, वेबसाइट : www.britishcouncil.org

ऑस्ट्रेलिया : ऑस्ट्रेलिया हाई कमिशन, 1/50 जी, शांतिपथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली -110021, फोन : 011-4139 9900, वेबसाइट : www.india.embassy.gov.au

कनाडा : कनाडा एम्बेसी, 7/8 शांतिपथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली - 110021, फोन : 2687 6500, वेबसाइट : www.canadainternational.gc.ca

रूस : एम्बेसी ऑफ रशियन फेडरेशन, शांतिपथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली-110021, फोन : 2611 0640/41/42, वेबसाइट : www.russianembassy.net

कुछ और अहम सरकारी नियंत्रक संस्थान 

इनसे संपर्क करके आप किसी यूनिवर्सिटी के असली-नकली होने का पता लगा सकते हैं :

* यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी), बहादुर शाह जफर मार्ग, नई दिल्ली - 110002, फोन : 011-2323 2701, 2323 6735, 2323 4116, वेबसाइट : www.ugc.ac.in

* असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, एआईयू हाउस, 16 - कॉमरेड इंदजीत गुप्ता मार्ग, नई दिल्ली - 110002, फोन : 011-2323 0059, वेबसाइट : www.aiuweb.org

* मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड डिवेलपमेंट, शास्त्री भवन, नई दिल्ली - 110001, फोन : 011-2338 3436, वेबसाइट : www.education.nic.in

यूजीसी द्वारा जारी फर्जी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट

* बिहार
मैथिली यूनीवसिर्टी, दरभंगा

* दिल्ली
वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी (यूपी), जगतपुरी, दिल्ली
कमर्शल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दरियागंज, दिल्ली
युनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, दिल्ली
वोकेशनल यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
एडीआर - सेंट्रिक जूरिडिकल यूनिवर्सिटी, राजेंद्र प्लेस, नई दिल्ली
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, नई दिल्ली

कर्नाटक 
* भदगनवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसायटी, गोकाक, बेलगांव, कर्नाटक

केरल 
* सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, किशनट्टम, केरल

मध्य प्रदेश 
* केसरवाणी विद्यापीठ, जबलपुर, मध्य प्रदेश

महाराष्ट्र 
* राजा अरबिक यूनिवर्सिटी, नागपुर, महाराष्ट्र

तमिलनाडु 
* डीडीबी संस्कृत यूनिवर्सिटी, पुतुर, त्रिची, तमिलनाडु

पश्चिम बंगाल 
* इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता

उत्तर प्रदेश 
- महिला ग्राम विद्यापीठ/ विश्वविद्यालय, प्रयाग, इलाहाबाद
- गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयाग, इलाहाबाद
- नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लैक्स होम्योपैथी, कानपुर
- नेताजी सुभाष चंद बोस यूनिवर्सिटी (ओपन यूनिवर्सिटी), अचालताल, अलीगढ़
- उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, कोसी कलां, मथुरा
- महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़
- इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, इंस्टिट्यूशनल एरिया, खोड़ा, मकनपुर, नोएडा
- गुरुकुल विश्वविद्यालय, वृंदावन

कैसे बचें फर्जी संस्थानों के चंगुल से 
* पूरी कोशिश करें कि प्रतिष्ठित सरकारी शैक्षिक संस्थान में दाखिला मिल जाए, चाहे घर से दूर ही क्यों न हो।
* शक होने पर मैनेजमेंट से संस्थान और कोर्सों के मान्यता संबंधित सर्टिफिकेट (जो किसी सरकारी एजेंसी द्वारा जारी किया गया हो) दिखाने को कह सकते हैं।
* संस्थान का ट्रैक रेकॉर्ड जरूर चेक करें। इसमें संस्थान का इतिहास कैसा रहा है, कितने बैच पास-आउट हो चुके हैं, कैंपस प्लेसमेंट की स्थिति क्या है, फीस स्ट्रक्चर कैसा है, जैसे मुद्दों पर संस्थान में पढ़ रहे या वहां से पास होकर गए स्टूडेंट्स से जानकारी ले सकते हैं।
* संस्थान के इन्फ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी की शैक्षिक योग्यता की भी जानकारी लें।
* अगर संस्थान का कोर्स किसी यूनिवर्सिटी से रेकग्जनाइज्ड है तो उस यूनिवर्सिटी के बारे में जानने की कोशिश करें। इंटरनेट से भी इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। संस्थान की वेबसाइट पर जाकर भी जांच कर सकते हैं।

विकल्प क्या 
* ज्यादा फीस देकर यूनिवर्सिटी की फ्रेंचाइजी में दाखिला लेने से अच्छा है कि सीधे ओपन/ कॉरेस्पॉन्डेंस कोर्स करानेवाली यूनिवर्सिटी से संपर्क करें।
* ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन कोर्स करते हुए प्रफेशनल कोर्स कर सकते हैं।
* फीस हमेशा चेक या डिमांड ड्राफ्ट से दें और रसीद भी जरूर लें।
* मजबूरी में प्राइवेट संस्थानों में दाखिला लेने की स्थिति में मैनेजमेंट से सारे दावे लिखित में जरूर लें।
(साथ में नोएडा से देवेंद्र कुमार, ग्रेटर नोएडा से पवन सिंह और फरीदाबाद से राजकिशोर)

सौजन्य : नवभारत टाइम्स  29 मई 


शिक्षा संस्थानों के फर्जीवाड़े

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फर्जी संस्थानों का फेर
29 May 2010, 2359 hrs IST,नवभारत टाइम्स  
12वीं का रिजल्ट आने के बाद ग्रैजुएशन कोर्सों में दाखिले के लिए स्टूडेंट्स और पैरंट्स पूरे जोर-शोर से तैयारियों में जुट गए हैं। जिन्हें 
नामी कॉलेज या संस्थान में दाखिला मिल जाएगा, उनकी तो बल्ले-बल्ले है लेकिन जिन्हें यह खुशी नसीब नहीं हो पाएगी, वे पढ़ाई के नाम पर चल रहे फजीर्वाड़े में फंस सकते हैं। दरअसल, ऐसी बहुत-सी प्राइवेट, सेमी-प्राइवेट, डीम्ड यूनिवर्सिटी आदि हैं, जिनके कोर्सों की मान्यता नहीं है। अब तो इस कड़ी में कुछ विदेशी यूनिवर्सिटी भी शामिल हो गई हैं। स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ करनेवाले संस्थानों और उनसे बचाव की पूरी जानकारी दे रहे हैं अशोक सिंह :

किसी भी फर्जी संस्थान या कोर्स में दाखिले से स्टूडेंट्स के करियर के खिलवाड़ के साथ-साथ पैरंट्स की जेब को भी भारी चपत लग जाती है। यह वक्त और पैसे, दोनों की बर्बादी है। ऐसे फर्जीवाड़े से बचने के लिए सही जानकारी होनी जरूरी है।

क्या होते हैं फर्जी संस्थान 
फर्जी संस्थान से मतलब उन शिक्षा संस्थानों से है, जो किसी भी सरकारी नियामक संस्थान या प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त नहीं हैं और बिना इजाजत ऐसे कोर्स करा रहे हैं, जिन्हें कराने का अधिकार उनके पास नहीं है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) हर साल ऐसी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी करता है, जो फर्जी संस्थानों के दायरे में आती हैं। प्रफेशनल कोर्सों की बात करें तो देश के विभिन्न हिस्सों में केंद्र व राज्य स्तर पर बहुत-सी सरकारी संस्थाएं हैं, जो सरकारी और प्राइवेट शिक्षा संस्थानों को संबंधित कोर्स कराने की इजाजत देती हैं। इनमें खासतौर पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नर्सिंग काउंसिल आदि हैं।

गैर-मान्यता प्राप्त कोर्सों का नुकसान 
इस तरह के डिप्लोमा या तथाकथित डिग्री कोर्सों के आधार पर सरकारी तो दूर, प्राइवेट सेक्टर में भी जॉब नहीं मिल पाती। किसी कॉम्पिटीटिव एगाम में शामिल होने की इजाजत भी नहीं मिलती। ऐसे में या तो छोटी-मोटी नौकरी करने को मजबूर होना पड़ता है या फिर से किसी रिकग्नाइज्ड कोर्स में दाखिले के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है।

कैसे बचें शब्दों के मायाजाल से 
आजकल मीडिया में विभिन्न कोर्सों से संबंधित विज्ञापनों की भरमार देखी जा सकती है। इनमें बड़े ही लुभावने शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। फर्जी संस्थानों के विज्ञापनों या उनके प्रॉस्पेक्ट्स में दी गई भाषा और जानकारी के आधार पर भी काफी कुछ समझा जा सकता है। नीचे लिखीं बातों पर गौर करके आप काफी हद तक फजीर्वाड़े से बच सकते हैं :

- विज्ञापन में संस्थान के रजिस्टर्ड और मान्यता प्राप्त होने संबंधी जानकारी का न होना।
- किसी यूनिवसिर्टी से एफिलिएटेड संस्थान के सभी कोर्स रेकग्नाइज्ड हों, यह जरूरी नहीं है क्योंकि एफिलिएटेड संस्था होती है। उसके सभी कोर्स मान्य ही हों, यह जरूरी नहीं है। अगर कोई संस्था किसी यूनिवर्सिटी से रेकग्नाइज्ड है तो यह मान्यता सारे कोर्सों के लिए होती है। लेकिन कुछ संस्थान अपने यहां चलाए जा रहे कोर्सों में कुछ अमान्य कोर्सों को भी शामिल कर स्टूडेंट्स से दगा करते हैं।
- रेकग्नाइज्ड संस्थान का रेकग्नाइज्ड कोर्स होने के लिखित दावों की पुष्टि सरकारी तौर पर जारी सर्टिफिकेट से की जा सकती है और अपनी तसल्ली के लिए संबंधित निकाय से भी वेरिफाई कर सकते हैं।
- नामी सरकारी संस्थानों और मान्यता-प्राप्त कोर्सों से मिलते-जुलते नाम रखने का फर्जी संस्थानों का पुराना हथकंडा।
- उत्तरी भारत में जारी विज्ञापनों में दक्षिण भारतीय यूनीवर्सिटी से रजिस्टर्ड (पंजीकृत) या मान्य होने का दावा, ताकि आसानी से असलियत का पता लगाना मुमकिन न हो।
- सोसायटी एक्ट में संस्थान के रजिस्टर्ड होने का मतलब यह कतई नहीं कि उसके सारे कोर्स रेकग्नाइज्ड हैं।

205 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं फर्जी 
- राज्यसभा में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डी. पुरंडेश्वरी ने कुछ महीने पहले बताया था कि ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन ने 205 फर्जी तकनीकी शैक्षिक संस्थानों की पहचान की है। इनमें से 76 महाराष्ट्र में, 24 दिल्ली में, 22 कर्नाटक में, 16 तमिलनाडु में, 16 यूपी में, 15 पश्चिम बंगाल में, 10 हरियाणा में, 9 चंडीगढ़ में, 8 आंध्र प्रदेश में, 3 गुजरात में, 2 पंजाब में, 2 केरल में, 1 गोवा में और 1 राजस्थान में है। इस बारे में पूरी जानकारी के लिए वेबसाइट www.aicte-india.org पर देख सकते हैं। इसमें MIS/Reports में जाकर Unapproved Institutes खोलें।

क्चटेक्निकल, प्रफेशनल और बाकी तरह के शिक्षा संस्थानों को मान्यता देनेवाली सरकारी संस्थाएं

इन संस्थाओं से संपर्क करके या वेबसाइट से आप असली-नकली संस्थान की जानकारी हासिल कर सकते हैं :

मेडिकल 
- एलोपैथी (एमबीबीएस, एमडी, एमएस आदि) : मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, पॉकेट-14, सेक्टर-8, द्वारका फेज-1, नई दिल्ली - 110077, वेबसाइट : www.mciindia.org
- डेंटल (बीडीएस, एमडीएस) : डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, ऐवाने गालिब मार्ग, कोटला रोड, टेंपल लेन, नई दिल्ली - 110002, वेबसाइट : www.dciindia.org
- आयुर्वेदिक, यूनानी (बीएएमएस, बीयूएमएस) : सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन, जवाहरलाल नेहरू भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी अनुसंधान भवन, 61-65, इंस्टिट्यूशनल एरिया, जनकपुरी, नई दिल्ली -110058, वेबसाइट : www.ccimindia.org
- होम्योपैथी (बीएचएमएस) : सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी, जवाहरलाल नेहरू भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी अनुसंधान भवन, 61-65, इंस्टिट्यूशनल एरिया, जनकपुरी, नई दिल्ली -110058, वेबसाइट : www.cchindia.org
- फार्मेसी (बी. फार्मा आदि) : फामेर्सी काउंसिल ऑफ इंडिया, कोटला रोड, ऐवाने गालिब मार्ग, नई दिल्ली - 110002, वेबसाइट : www.pci.nic.in

- नर्सिंग : इंडियन नर्सिंग काउंसिल, कोटला रोड, टेंपल लेन, नई दिल्ली - 110002, वेबसाइट : www.indiannursingcouncil.org

विकलांग पुनर्वास और विशेष शिक्षा (मेंटली रिटारडेड, हियरिंग इम्पेयर्ड, ब्लाइंड, ऑटिज्म, स्पैक्ट्रम डिस्ऑर्डर आदि) : रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट), बी-22, कुतुब इंस्टिट्यूशन एरिया, नई दिल्ली - 110016, वेबसाइट : www.rehabcouncil.nic.in


- वेटिरिनरी एजुकेशन (बीवीएससी एंड एएच डिग्री) : वेटिरिनरी काउंसिल ऑफ इंडिया, 'ए' विंग, सेकंड फ्लोर, अगस्त क्रांति भवन, भीकाजी कामा प्लेस, नई दिल्ली -110066, वेबसाइट : www.vci-india.in

इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स : ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, (7वीं मंजिल, चंदलोक बिल्डिंग, जनपथ, नई दिल्ली - 110001, वेबसाइट : www.aicte-india.org

कंप्यूटर एजुकेशन : डीओईएसीसी सोसायटी (कम्युनिकेशन एंड आईटी मिनिस्ट्री), इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन, 6 सीजीओ कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली -110003, वेबसाइट : www.doeacc.edu.in

टीचर्स ट्रेनिंग (बीएड, एमएड, बीपीएड, बीएलएड, डीएलएड आदि) : नैशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन, विंग-ढ्ढढ्ढ, हंस भवन, 1, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली - 110002, वेबसाइट : www.ncte-india.org

आर्किटेक्चर : (बीआर्क) : काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर, इंडिया हैबिटैट सेंटर, कोर-6 ए, फर्स्ट फ्लोर, लोदी रोड, नई दिल्ली - 110003, वेबसाइट : www.coa.gov.in

एग्रिकल्चरल एजुकेशन : इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चरल रिसर्च (कृषि मंत्रालय), कृषि अनुसंधान भवन-2, पूसा, नई दिल्ली - 110012, वेबसाइट : www.icar.org.in

लॉ एजुकेशन : बार काउंसिल ऑफ इंडिया, 21 राउज एवेन्यू, इंस्टिट्यूशन एरिया, नई दिल्ली - 110002 www.barcouncilofindia.org

डिस्टेंस एजुकेशन : डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल, इंदिरा गांधी नैशनल ओपन यूनिवसिर्टी (इग्नू), मैदानगढ़ी, नई दिल्ली - 110068, वेबसाइट : www.dec.ac.in

(नोट : इन संस्थानों की वेबसाइट्स पर दिए गए नंबरों पर जब कॉल किया गया तो कई सारे नंबर मौजूद नहीं थे और ज्यादातर पर कोई फोन उठा ही नहीं रहा था, इसलिए उन नंबरों को यहां नहीं दिया गया है। )

विदेशी शिक्षा संस्थाओं का खेल 
पिछले कई बरसों से विदेशी एजुकेशन का क्रेज काफी बढ़ा है, खासतौर से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और रूस में पढ़नेवाले भारतीय युवाओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इन यूनिवर्सिटीज और संस्थाओं के बारे में सही जानकारी पाने के ज्यादा सोर्स नहीं हैं। लेकिन हम आपको इन देशों की एम्बेसी और हाई कमिशन के एड्रेस और नंबर दे रहे हैं, जहां से इनके बारे में सही जानकारी हासिल की जा सकती है :

अमेरिका : युनाइटेड स्टेट्स इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन, फुल्ब्राइट हाउस, 12 हेली रोड, नई दिल्ली-110001, फोन : 011-4209 0909, 2332 8944, वेबसाइट : www.usief.org.in

ब्रिटेन : ब्रिटिश काउंसल डिविजन, 17 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली - 110001, फोन : 011-2371 1401/2/3, वेबसाइट : www.britishcouncil.org

ऑस्ट्रेलिया : ऑस्ट्रेलिया हाई कमिशन, 1/50 जी, शांतिपथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली -110021, फोन : 011-4139 9900, वेबसाइट : www.india.embassy.gov.au

कनाडा : कनाडा एम्बेसी, 7/8 शांतिपथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली - 110021, फोन : 2687 6500, वेबसाइट : www.canadainternational.gc.ca

रूस : एम्बेसी ऑफ रशियन फेडरेशन, शांतिपथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली-110021, फोन : 2611 0640/41/42, वेबसाइट : www.russianembassy.net

कुछ और अहम सरकारी नियंत्रक संस्थान 

इनसे संपर्क करके आप किसी यूनिवर्सिटी के असली-नकली होने का पता लगा सकते हैं :

* यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी), बहादुर शाह जफर मार्ग, नई दिल्ली - 110002, फोन : 011-2323 2701, 2323 6735, 2323 4116, वेबसाइट : www.ugc.ac.in

* असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, एआईयू हाउस, 16 - कॉमरेड इंदजीत गुप्ता मार्ग, नई दिल्ली - 110002, फोन : 011-2323 0059, वेबसाइट : www.aiuweb.org

* मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड डिवेलपमेंट, शास्त्री भवन, नई दिल्ली - 110001, फोन : 011-2338 3436, वेबसाइट : www.education.nic.in

यूजीसी द्वारा जारी फर्जी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट

* बिहार
मैथिली यूनीवसिर्टी, दरभंगा

* दिल्ली
वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी (यूपी), जगतपुरी, दिल्ली
कमर्शल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दरियागंज, दिल्ली
युनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, दिल्ली
वोकेशनल यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
एडीआर - सेंट्रिक जूरिडिकल यूनिवर्सिटी, राजेंद्र प्लेस, नई दिल्ली
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, नई दिल्ली

कर्नाटक 
* भदगनवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसायटी, गोकाक, बेलगांव, कर्नाटक

केरल 
* सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, किशनट्टम, केरल

मध्य प्रदेश 
* केसरवाणी विद्यापीठ, जबलपुर, मध्य प्रदेश

महाराष्ट्र 
* राजा अरबिक यूनिवर्सिटी, नागपुर, महाराष्ट्र

तमिलनाडु 
* डीडीबी संस्कृत यूनिवर्सिटी, पुतुर, त्रिची, तमिलनाडु

पश्चिम बंगाल 
* इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता

उत्तर प्रदेश 
- महिला ग्राम विद्यापीठ/ विश्वविद्यालय, प्रयाग, इलाहाबाद
- गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयाग, इलाहाबाद
- नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लैक्स होम्योपैथी, कानपुर
- नेताजी सुभाष चंद बोस यूनिवर्सिटी (ओपन यूनिवर्सिटी), अचालताल, अलीगढ़
- उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, कोसी कलां, मथुरा
- महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़
- इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, इंस्टिट्यूशनल एरिया, खोड़ा, मकनपुर, नोएडा
- गुरुकुल विश्वविद्यालय, वृंदावन

कैसे बचें फर्जी संस्थानों के चंगुल से 
* पूरी कोशिश करें कि प्रतिष्ठित सरकारी शैक्षिक संस्थान में दाखिला मिल जाए, चाहे घर से दूर ही क्यों न हो।
* शक होने पर मैनेजमेंट से संस्थान और कोर्सों के मान्यता संबंधित सर्टिफिकेट (जो किसी सरकारी एजेंसी द्वारा जारी किया गया हो) दिखाने को कह सकते हैं।
* संस्थान का ट्रैक रेकॉर्ड जरूर चेक करें। इसमें संस्थान का इतिहास कैसा रहा है, कितने बैच पास-आउट हो चुके हैं, कैंपस प्लेसमेंट की स्थिति क्या है, फीस स्ट्रक्चर कैसा है, जैसे मुद्दों पर संस्थान में पढ़ रहे या वहां से पास होकर गए स्टूडेंट्स से जानकारी ले सकते हैं।
* संस्थान के इन्फ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी की शैक्षिक योग्यता की भी जानकारी लें।
* अगर संस्थान का कोर्स किसी यूनिवर्सिटी से रेकग्जनाइज्ड है तो उस यूनिवर्सिटी के बारे में जानने की कोशिश करें। इंटरनेट से भी इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। संस्थान की वेबसाइट पर जाकर भी जांच कर सकते हैं।

विकल्प क्या 
* ज्यादा फीस देकर यूनिवर्सिटी की फ्रेंचाइजी में दाखिला लेने से अच्छा है कि सीधे ओपन/ कॉरेस्पॉन्डेंस कोर्स करानेवाली यूनिवर्सिटी से संपर्क करें।
* ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन कोर्स करते हुए प्रफेशनल कोर्स कर सकते हैं।
* फीस हमेशा चेक या डिमांड ड्राफ्ट से दें और रसीद भी जरूर लें।
* मजबूरी में प्राइवेट संस्थानों में दाखिला लेने की स्थिति में मैनेजमेंट से सारे दावे लिखित में जरूर लें।
(साथ में नोएडा से देवेंद्र कुमार, ग्रेटर नोएडा से पवन सिंह और फरीदाबाद से राजकिशोर)

सौजन्य : नवभारत टाइम्स  29 मई