पाकिस्तान ने फिर एक इतिहास कायम कर दिया । मानवाधिकार के हनन की इससे बड़ी घटना शायद ही कोई हो ।
पाकिस्तान में गंभीर बाढ़ आई और उसने एक बड़े इलाके को तहस नहस करके रख दिया । इसके चलते इस वर्ष वहाँ स्वतन्त्रता दिवस के कार्यक्रम भी स्थगित कर दिये गए । भारत ने एक पड़ोसी और सवेदनशील जागरूकता का परिचय देते हुए हर संभव सहायता और 50 milion $ की तुरंत मदद की पेशकश की । पाकिस्तान ने यह पेशकश ठुकरा दी !! यूएनओ और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं सारे विश्व से मदद की गुहार कर रही हैं ।
एक राष्ट्र जो एक प्राकृतिक त्रासदी में भी अपने नागरिकों का भला नजरंदाज करता है उसके बारे में क्या कहा जाए ?
जागो कश्मीरियों जागो
14 टिप्पणियां:
यदि पाकिस्तान को इतनी-सी ही समझ होती तो क्या उसके हालत अच्छे न होते??? बंदरिया के हाँथ लिपस्टिक देदो या पाकिस्तानी सरकार से समझदारी का परिचय मांग लो, एक ही बात है...
पकिस्तान को आज दुनिया जान गई है, बाकी पुजा जी की बात से सहमत हुं
सही बिन्दु उठाया है आपने।
अरे गधे को घी कहाँ हजम होता है ...
कश्मीरी जागें न जागें,ऐसी घटनाओं से एकदिन पाकिस्तानी ज़रूर जागेंगे। वे ही वहां का सत्ताचक्र बदल सकते हैं और उसी से कश्मीर का समाधान भी निकलेगा।
कश्मीरी तो POK यानी के Pak Occupied Kashmir में अपने ही कश्मीरियों की बुरी हालत होते हुए भी नहीं जाग रहे , ऐसी बातों से क्या जागेंगे ??
तस्वीरें देखकर दुःख तो बहुत हुआ । लेकिन उससे ज्यादा दुःख इस बात से हुआ कि मदद के मामले में भी दुश्मनी ।
पूजा जी से सहमत ।
jinke khoon में ही gaddaree हो unse jaagne की ummeed mat rakhiye !
वो भी कह रहे हैं - सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं :)
५० या ५ मिलियन .... रकम जो भी हो ... पाकिस्तान से और क्या उमीद की जा सकती है ...
बिच्छू को कितना भी पुचकारो वोह पूंछ से जहर का डंक मरेगा. हम क्यों पुराने प्रेमी की तरह उससे मिलने की आस में अपना घर नरक बना रहे है. हमारे देश में भी लोग भूखे है, उन्हें सहायता दो. पाकिस्तान के लिया उनका आका america and kaka china है.
पाकिस्तान की भले ही कैसी भी नीतियाँ हों, उसने अपने दुश्मन भारत के लिए एक नहीं अनेक समस्याएं खड़ी कर रखी हैं. अमेरिका कुछ भी कहता रहे लेकिन डालरों की वर्षा पाकिस्तान में ही करता है. पाकिस्तान ने चीन से भी नजदीकी बढ़ा रखी है, जो भारत के लिए घातक है. कश्मीर में फिलहाल जो हालात चल रहे हैं,उसे देख कर बजरिये स्वायतता कश्मीर भारत से अलग भी हो सकता है.हमने एक सभ्य राष्ट्र के नाते मदद की पेशकश कर अपना कर्तव्य पूरा कर दिया. उसने दुश्मन से मिली मदद लेना मंजूर नहीं किया.
Irony !
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