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पहले बीमारी आती है, चाहे वो कम्प्युटर की या आदमी की बाद में इलाज ढूँढा जाता है .
मनुष्य और कम्प्युटर दोनों के लिए सुरक्षात्मक उपाय हैं लेकिन केवल जाने पहचाने रोगों के लिए .
सुरक्षात्मक उपाय के लिए धन खर्च करना होता है जोकि कम होता है .
नई बीमारी का इलाज महंगा होता है चाहे वो इंसान का हो या कम्प्युटर का .
बीमा कंपनी या एंटि वाइरस कंपनी का व्यवहार एक जैसा होता है . नई बीमारी सेवा शर्तों में जुड़ी नहीं हैं .
तो नयी बीमारी का इलाज दोनों तरफ महंगा पड़ता है .
तो भला सुरक्षात्मक उपायों में ही है साधारण के अलावा
गूगल क्या कहता है <http://www.google.co.in/support/accounts/bin/topic.py?hl=en&topic=14146
चित्र गूगल के सौजन्य से
5 टिप्पणियां:
डाक्टर और एंटीवायरस-दोनों,पिछले डाक्टर और एंटीवायरस के काम को कमतर बताते हैं।
आप से सहमत है जी
एकदम सिंपल है सर ..दुनु स्लो कर देता है ..खासकर फ़्री वाला हो तो ..एक कंप्यूटर को स्लो कर देता है दूसरा उसको चलाने वाले को
अजय कुमार झा
गुगल को ही सुन लेते हैं..
पते की बात कही है आपने ....
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