कुछ समय पहले सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार के बारे में यह कहा था की आधे प्रदेश में तो आपकी सरकार नहीं चल रही है यहाँ पढ़ें .छत्तीसगढ़ सरकार तो अपना पूरा प्रयास कर रही है नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए. यह समस्या किसी एक राज्य की समस्या नहीं है .विभिन्न राज्य के मुख्यमंत्रियों में भी एक राय नहीं है . केंद्र सरकार और काँग्रेस पार्टी में भी मतभेद है इस विषय में. आजतक न तो सोनिया गांधी न राहुल ने इसके बारे में कोई टिप्पणी की . कुछ लोगों का तो आरोप है की आंध्र,झारखंड और पश्चिम बंगाल में वह इन का समर्थन लेती है चुनाव में. लंबे समय से इस समस्या पर ध्यान नहीं देने के कारण इसने विकराल रूप ले लिया है . अपने छोटे से पड़ोसी देश श्री लंका से कुछ सबक लिया जाएगा ?
लंबे समय से पश्चिम बंगाल, झारखंड में रात के समय रेल यातायात ठप्प है . दिन में भी पायलट इंजिन की सुरक्षा में रेलगाड़ियों का आवागमन हो रहा है. यह तब से प्रारंभ है जब नक्सलियों ने ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को उड़ा दिया था . रेल भारत सरकार का मंत्रालय है . देश के एक बड़े भूभाग में सुरक्षा प्रदान करने में असक्षमता के लिए कौन जिम्मेदार है ? कोलकाता-मुंबई एक मुख्य रेल मार्ग है . इस संकट के कारण पूरा यातायात प्रभावित है इस रूट में.
क्या सूप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से भी यही प्रश्न पूछेगी की किसकी सरकार है इस देश में ?
2 टिप्पणियां:
हम भी जाना चाहेगी इस महान देश मै किस की सरकार है???
यह तो यक्ष-प्रश्न है.
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