गुरुवार, 29 अक्तूबर 2009

बढ़ता देशद्रोह कौन जिम्मेदार इसके लिए



कौन है इसका जिम्मेदार ? क्या कोई व्यवस्था है इस देश में जो इस देशद्रोह को पनपने देने के लिए  जिम्मेदार लोगों को रेखानाकित   करेगी और उन्हें उनके कर्मों की सजा देगी ? इतना सब होने के बाद भी केंद्र सरकार के  मंत्री विरोधाभासी बयां दे रहे हैं  . आज बयां आता है गृह मंत्री का कल किसी  और तरह का और  मंत्री  या सेना अध्यक्ष का अलग  . क्या दिशा है है इस सरका की  एक नीति बना के तो चले . राजधानी एक्सप्रेस को अगवा कर लेना कोई छोटी मोटी घटना नहीं है . लेकिन  इससे भी बड़ी घटना  है कि नेपथ्य में क्या हुआ? जिससे इस तरह लोगों  को छोड़ दिया गया . आज सारी सुरक्षा कुछ गिने चुने लोगों की बीच केन्द्रित हो गयी है . कुछ तो वाकई इसके हकदार हैं लेकिन बहुतेरे चवन्नी छाप भी इसका फायदा उठा रहे हैं . जो नेता अपनी जनता से मिलने में घबराता है या सुरक्षा घेरे में मिलता हैं उसे तो चुल्लू बहर पानी में डूब मरना चाहिए . अमेरिकी राष्ट्रपति से भी जादा असुरक्षित मानते है ये अपने को.
कई बार लगता है हम अपना तनाव व्यर्थ में बढा रहे हैं उन घटनाओं से जिनका हमारी जिन्दगी से सीधा सम्बन्ध नहीं है लेकिन फिर यही  लगता   है  यह  बर्दास्त  के  बाहर   है   और  विरोध  तो  होना  ही   चाहिए  .
मैं गांधी वादी नहीं हूँ लेकिन गाँधी की एक बात सटीक रही कि लगे रहो .

3 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ये बहुत ही शर्मनाक और दुखद घटन है ......... इसके लिए पूरे का पूरा राजनीति तंत्र दोषी है ........ ये nahi chaahte aisi kisi भी baat पर raashtriy yojna bane ........

राज भाटिय़ा ने कहा…

महेश जी आज का नेता, क्या सच मै नेता है... जो..... जो नेता अपनी जनता से मिलने में घबराता है या सुरक्षा घेरे में मिलता हैं उसे तो चुल्लू बहर पानी में डूब मरना चाहिए . अमेरिकी राष्ट्रपति से भी जादा असुरक्षित मानते है ये अपने को.... नही यह तो गुंडे मवाली थे तो जओर जवर्दस्ती से किसी तरह से हमारे नेता बन गये, तभी तो इन्हे इतनी सुरक्षा की जरुरत है, कि कोई दुसरा गुंडा इन् का काम ना तमाम कर दे, याह भुखी जनता जिन के मुंह से निवाला छीन कर यह हडप जाते है इन्हे मार ना दे... देख लेना एक दिन यह आक्रोश जिसे देश द्रोह का नाम दिया जा रहा है बढेगा... ओर भुखी जनता इन नेताओ को मजा चखायेगी... आप ने बहुत सुंदर लिखा.
धन्यवाद

pratibha ने कहा…

राजधानी एक्सप्रेस का अपहरण तो माओवादियो का एक ट्रेलर है, आगे आगे देखिए होता है क्या