वैज्ञानिकों को अन्य ग्रहों के चिन्ह मिल्की वे में मिले हैं .इनकी संख्या अपने तारामंडल के एक चौथाई के बराबर संभावित है , यह पहले से अनुमानित संख्या से काफी ज्यादा है .
ऐसा माना जा रहा है की अपने तारामंडल में 6 के करीब बौने तारामंडल हैं जिनकी खोज होनी बाकी है , ये उन दो के अलावा हैं जिनकी खोज हो चुकी है ..
कुछ तारे और तारा समूह जो आपको रात में दिखाई देते हैं , वास्तव में एलियन हैं दूसरे तारामंडलों के .ये केवल उन हरे जीवों जैसे ही नहीं हैं . जैसा की फिल्मों में दिखाया जाता है .ये कहना है टेरी ब्रिज का जो की खगोलशास्त्र के विशेषज्ञ हैं किंग्स्टन की क्वीन्स विश्वविद्यालय के.आगे वे कहते हैं इन एलियन तारा समूहो ने पिछले कुछ बिलियन वर्षों में यह अतिक्रमण किया है .
पहले यह केवल एक शक़ था की कुछ तारा समूह , जो की प्रत्येक 1 लाख से 10 लाख तक तारों से बने हैं , हमारे तारामंडल के बाहर के हैं , लेकिन इन्हे पहचानना कठिन था .
ज्यादातर हब्बल अंतरिक्ष दूरबीन से प्राप्त जानकारी से वैज्ञानिकों के समूह ने अपने तारा मंडल के पुराने तारा समूहो का परीक्षण किया . इस प्रयोग से उन्होने सबसे विस्तृत उच्च श्रेणी के एक सूचना संकलन का निर्माण किया जिसमे इनकी उम्र और रासायनिक प्रकृति का समावेश है . .
इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है की मिल्की वे ने कई बौने समूहों को निगल लिया है .पाये गए एलियन समूह इन बौने समूहे के अंदर से आए हैं
यह रिपोर्ट रॉयल अस्त्रोनोमिकल सोसाइटी के अगले अंक में प्रकाशित होने वाली है
सौजन्य : IANS और याहू
इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है की मिल्की वे ने कई बौने समूहों को निगल लिया है .पाये गए एलियन समूह इन बौने समूहे के अंदर से आए हैं
यह रिपोर्ट रॉयल अस्त्रोनोमिकल सोसाइटी के अगले अंक में प्रकाशित होने वाली है
सौजन्य : IANS और याहू
8 टिप्पणियां:
बहुत दिलचस्प जानकारी, सिन्हा जी।
वैसे यह तारामंडल बिलकुल इंसान के मस्तिष्क जैसा है , जो बड़ी मुश्किल से थोडा सा ही समझ आता है।
शुभकामनायें।
बहुत ही दिल चस्प जानकारी दी आप ने, तारामंडल के बारे तो सब की जिग्यासा बहुत होती है, धन्यवाद
बहुत रोचक !
रोचक जानकारी!
बढ़िया और नवीनतम जानकारी के लिए शुक्रिया भाई जी !
चलो कोई और भी दुनिया है अपनी दुनिया सिवाय,ये तो पता चला।
दिलचस्प जानकारी ...
bahut hi aacha h ...aab ne dusari duniya ke bare me bataya bahut he aacha laga..
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