बच्चे अपने अभिभावक की नकल करते हैं . इसलिये उन्हे सावधान रहना चाहिए की वे कैसा व्यवहार उनके सामने करते हैं . जिन घरों में मार पीट और दुर्व्यवहार सामान्य है उस घर के बच्चे भी ज्यादातर ऐसा करते हैं . ऐसा माना जाता है की बच्चे का पहला स्कूल घर ही होता है , इसके बाद सबसे बड़ा प्रभाव स्कूल और सह पाठियों का होता है . इन चीजों से बचा जाना चाहिए
1. लड़ाई झगड़े और व्यर्थ के वाद विवाद से
2. अपने वयस्क भावों को बच्चों के सामने प्रदर्शित करना . स्नेह प्रदर्शन एक अच्छा भाव है लेकिन एक सीमा तक.
3. आरोप प्रत्यारोप /कसम खाना
4. हिंसा, स्टंट और नग्नता के दृश्य , फिल्मों या टीवी पर . और अब इंटरनेट पर
5.धूम्रपान या नशा
6. झूठ बोलना या बच्चों का उपयोग करना झूठ बोलने में
सौजन्य : टाइम्स ऑफ इंडिया
7 टिप्पणियां:
अब तो नैतिक शिक्षा बड़ों के लिए ज्यादा जरूरी हो गया है............
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यह पोस्ट केवल सफल ब्लॉगर ही पढ़ें...नए ब्लॉगर को यह धरोहर बाद में काम आएगा...
http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_25.html
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से....
बहुत अच्छी जानकारी दी है जो नये माता-पिता होते है उनके लिए यह जानकारी काम की है खास कर नयी पीढी के लिए जिनके लिए परेटिगं अत्यंत कठिन काम है।
सिन्हा जी , आजकल के बच्चे तो मां बाप से भी बड़े हो गए हैं।
लेकिन आपकी बात दुरस्त है। जहाँ तक हो सके छोटे बच्चों को आधुनिकता के दुष्प्रभावों से बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
आप उस समय निःशब्द हो जाते हैं जब बच्चे आपका यह आचरण आपके मुँह पर ही खोल देते हैं ।
बहुत सही लिखा है , आज हमें अपने आचरण से बच्चों को सही राह सिखलाने की जरुरत है ,और यही सबसे प्रभाव शाली तरीका है |
बहुत सुंदर लिखा जी
अच्छी बात लिखी है ... बहुत ध्यान रखना चाहिए .. बच्चों के सामने ...
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