रविवार, 30 अगस्त 2009

विश्व के ५० बेहतरीन वेब साइट्स


टाईम्स पत्रिका ने  २००९ के सबसे अच्छे वेब साइट्स  की  लिस्ट जारी की  है जिसमे फ्लिकर  पहले   नंबर पर है 

1 Flickr
2. California Coastline
3. Delicious
4. Metafilter
5. popurls
6. Twitter
7. Skype
8. Boing Boing
9. Academic Earth
10. OpenTable
11. Google
12. YouTube
13. Wolfram|Alpha
14. Hulu
15. Vimeo
16. Fora TV
17. Craiglook
18. Shop Goodwill
19. Amazon
20. Kayak
21. Netflix
22. Etsy
23. PropertyShark.com
24. Redfin
25. Wikipedia
26. Internet Archive
27. Kiva
28. ConsumerSearch
29. Metacritic
30. Pollster
31. Facebook
32. Pandora and Last.fm
33. Musicovery
34. Spotify
35. Supercook
36. Yelp
37. Visuwords
38. CouchSurfing
39. BabyNameWizard.com's NameVoyager
40. Mint
41. TripIt
42. Aardvark
43. drop.io
44. Issuu
45. Photosynth
46. OMGPOP
47. WorldWideTelescope
48. Fonolo
49. Get High Now
50. Know Your Meme (ANI)

क्या आप ये भी जानते हैं !

SO YOU THINK YOU KNOW EVERYTHING?


"Stewardesses" 
 is the longest word typed with only the left hand ...

And "lollipop"  is the longest word typed with your right hand.(Bet you tried this out mentally, didn't you?)



No word in the English language rhymes with month, orange, silver, or purple.
 



"Dreamt" is the only English word that ends in the letters "mt".
(Are you doubting this?)





Our eyes 
 are always the same size from birth, but our nose and ears  never stop growing.



The sentence: "The quick brown fox jumps over the lazy dog" uses every letter of the alphabet. 
(Now, you KNOW you're going to try this out for accuracy, right?) 





The words 'racecar,'  'kayak' and 'level' are the same whether they are read left to right or right to left (palindromes). (Yep, I knew you were going to "do" this one.)



There are only four words in the English language which end in "dous": tremendous, horrendous, stupendous, and hazardous. 
(You're not doubting this, are you?) 



There are two words in the English language that have all five vowels in order: "abstemious" and "facetious." 
(Yes, admit it, you are going to say, a e i o u) 


TYPEWRITER 
 is the longest word that can be made using the letters only on one row of the keyboard. (All you typists are going to test this out)



A cat has 32 muscles in each ear.






A goldfish 
has a memory span of three seconds. (Some days that's about what my memory span is.) 



A "jiffy" is an actual unit of time for 1/100th of a second.
 





A shark 
 is the only fish that can blink with both eyes.




A snail 
 can sleep for three years. (I know some people that could do this too.!)


Almonds are a member of the peach 
 family.




An ostrich's eye
  is bigger than its brain.






Babies
 are born without kneecaps. They don't appear until the child reaches 2 to 6 years of age. 




February 1865 is the only month in recorded history not to have a full moon. 





In the last 4,000 years, no new animals have been domesticated.
 





If the population of China
 walked past you, 8 abreast, the line would never end because of the rate of reproduction.






Leonardo Da 
Vinci invented the scissors .






Peanuts 
 are one of the ingredients of dynamite!





Rubber bands
 last longer when refrigerated.


The average person's left hand does 56% of the typing. 





The cruise liner, QE 2, 
moves only six inches for each gallon of diesel that it burns.



The microwave 
 was invented after a researcher walked by a radar tube and a chocolate bar melted in his pocket. (Good thing he did that.)




The winter of 1932 was so cold that Niagara Falls 
 froze completely solid.



There are more chickens 
than people in the world.



Winston Churchill was born in a ladies' room during a dance.



Women blink
 nearly twice as much as men. 





Now you know more than you did before!


गुरुवार, 27 अगस्त 2009

इसे क्या कहेंगे भाग्य की अनबूझी पहेली या कर्म का फल


आजतक ऐसा कथा कहानियों में ही सुना था लेकिन जब यथार्थ  में ऐसा होते देखा तो सब कुछ हिल गया . समझ नहीं आ रहा है कैसे और क्या लिखा जाये .
काफी समय से मन उद्धेव्लित था कि ऐसा क्या हुआ की एक अच्छे खासे इन्सान ने अपनी जीवन  लीला समाप्त कर दी . वह इन्सान जो हर किसी की सहायता को तत्पर रहता था . उसके सामने कोई विभेद नहीं था एक ब्राह्मण कुल में जन्म लेकर भी परम मित्र मुस्लिम थे . यहाँ उसके व्यापक दृष्टिकोण को देखें न की धार्मिक सम्बन्ध को . हर कोई उसके मधुर शब्दों के लिए लालायित रहता था भले हे उनमे कुछ गालियाँ भी जुडी हों . सबका दुलारा और २४ घंटे सहायता के लिए तत्पर . अभी तक यह एक पहेली है कि उसने ऐसा क्यों किया . दबंग किसी से झुकना नही सीखा साथ ही साथ बड़ों के लिए पूरा मान सम्मान . घटनाक्रम प्रारंभ हुआ एक साल पहले याने २००८ की होली के दिन मैं ट्रेन में था कि मोबाइल की घंटी बजी , एक सहयोगी का फ़ोन था कि तुंरत अस्पताल पहुंचें . मैंने पुछा क्या हुआ , सर का एक्सीडेंट हो गया है और सीरियस हैं . मैंने बताया कि मैं शहर से बाहर हूँ और आप लोग तुंरत पहुँचो . 
मुझे समझ नहीं आया कि क्या करुँ कोई आसपास भी नहीं था कि वापस भी  आ सकूं . मैंने  अपनी प्रार्थना  की कि सब  कुछ कुशल मंगल हो . रस्ते में नेटवर्क  जुड़ता टूटा रहा . शाम को पता चला कि चोट थोडी ज्यादा है और अस्पताल में भरती रहना होगा लेकिन सब कुछ स्थिर है .
इसके बाद उसे कुछ समय अस्पताल में रहना पड़ा और एक ऑपरेशन के लिए बॉम्बे जाना पड़ा . सब कुछ  ठीक था कि शाम को फ़ोन आया कि भाई नहीं रहा कुछ समझ नही  आया . चरों ओर से लोग दौडे कि क्या हुए लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था आत्मा शरीर छोड़ चुकी थी .
किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन जैसी कि एक प्रक्रिया है उसके अनुसार सब क्रिया करम किया गया .

इस दौरान पता चला कि मित्र में बड़े भैया भी अस्वस्थ है . उनका तो परिवार  भी टूट चुका है ४० साल के वैवाहिक बंधन के बाद . ऐसा बहुत कम होता है इस उम्र में . बड़े भैया एक बड़ी सरकरी कंपनी में अच्छी पोस्ट में थे लेकिन जब से उनने वोह नौकरी  छोड़ी और रायपुर रहने आ गए उनका भाग्य पलट गया .
आपको लग रहा होगा एक विज्ञानं से सम्बंधित व्यक्ति ये सब क्या कह रहा  है लेकिन ये सब बिलकुल सत्य है\

फिल्मों में ही देखा था कैसे उतार चढाव  होते हैं पहली बार जिंदगी में देखा .
दो दिन पहेले पता चला बड़े भाई का देहावसान हो गया है एक अस्पताल में और कोई शरीर को लेने वाला नहीं है . जबकि पत्नी जो विवाद में है पुत्र , पुत्री . लगभग सारा परिवार अस्तित्वा मैं है . इससे बड़ी विडम्बना शायद ही कोई जीवन में हो सकती है
excuse me for typos   


पूरा ये घटनाक्रम आपके सामने है आप फैसला करें क्या यह कर्म है या भाग्य है 

मंगलवार, 25 अगस्त 2009

दुनिया का सबसे महंगा नाई

Ken Modestou जो कि लन्दन के एक होटल में अपना केश कर्तनालय चलते हैं विश्व के सबसे महंगे नाइ हैं . उनके एक बार बाल काटने की कीमत है १५००० पौंड ये वजन वाला नहीं ब्रिटिश मुद्रा है . १ पौंड स्टर्लिंग होता है करीब ८० भारतीय रुपये के बराबर . तो ये जनाब इतना पैसा किससे लेते हैं !
ग्राहक भी इनके कोई छोटे मोटे नहीं हैं , ये हैं ब्रुनेई के सुलतान जो कि एक समय में विश्व के सबसे धनि व्यक्ति माने जाते थे . अभी भी रसूख में कोई कमी नहीं है . यह पैसा हर महीने दिया जाता है . केन हर महीने विमान के प्रथम श्रेणी में सफ़र करके ब्रुनेई जाते हैं उनके आने जाने और रहने का पूरा शाही इंतजाम होता है . विमान का किराया ही ११००० पौंड होता है .यह काम केन १६ सालों से कर रहे हैं . सारे खरचों के अलावा सुलतान केन को एक डॉलरों से भरा लिफाफा भी देते हैं . केन अपने स्थानीय ग्राहकों से ३० पौंड लेते हैं . इसे क्या कहेंगे किस्मत का लिखा या मेहनत का फल :)

सोमवार, 24 अगस्त 2009

Indiblogger में आपके ब्लॉग की ranking

इंडी ब्लोगर ने विभिन्न श्रेणियों में ब्लोगों की रंकिंग की है . इसमें १०० में से कितने नंबर आपको मिले इस आधार पर एक विजेट आपको ब्लॉग पर लगाने के लिए मिलता है .
हिंदी ब्लोग्स में ८४ उच्चतम नंबर है . इसमें शामिल हैं - श्री शिव कुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग , निशांत का हिंदी जेन ब्लॉग , उड़न तश्तरी , रवि रतलामी का हिंदी ब्लॉग ,
८२ नंबर के साथ हैं - क़स्बा , जोगलिखी, सारथि, हिंदी युग्म कविता , दिल की बात, हिंदी ब्लॉग टिप्स, सच्चा शरणम् , साहित्य शिल्पी, आदित्य, कबाड़खाना , तोशस ओरिजनल शायरी , कुश की कलम, महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर, आई एम् विकास एंड दिस इस माय वर्ल्ड , tech prevue :तकनीक दृष्टा.
पूर्ण विविरण यहाँ देखें

शनिवार, 22 अगस्त 2009

इंसान से अच्छे तो कुत्ते ही हैं शायद इसमें कोई विवाद नहीं होगा

मैं यहाँ क्षमा याचना करता हूँ स्वान श्रेणी से उनकी इंसान से तुलना करने के लिए .
लोगों ने क्या मुहावरा बन रखा है कुत्ते की मौत मरना. कभी कोई नहीं कहता इंसानों की मौत मरना . क्योंकि आजकल कोई भी स्वाभाविक मौत नहीं मरना चाहता या उसके रिश्तेदार नहीं मरने देते . मृत्यु और बीमारी भी अब एक status symbol बन गया है अगर आप बीमार हैं तो कहीं भरती हैं या अधोगति को प्राप्त हुए तो कहाँ से प्रस्थान हुआ ये आज यह अत्यावश्यक है नहीं तो आपका समाज में स्तर कम हो जायेगा .
कुत्ते की मौत मरना याने असम्भावित दुर्दांत रूप से मरना होता था . आजकल कि व्यवस्था में यह सामान्य प्रक्रिया हो गयी है इंसान के लिए .
दो दिनों के लिए युवराज इस देश के हमारे राज्य में हैं उन्हें इतने जल्दी ही पता चल गया कि राज्य सरकार अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुँच पा रही है और भ्रस्ताचार हो रहा है . उन्हें ये कौन बताएगा कि ३० साल से उनकी पार्टी ने ही ये पहुँच बंद कर रखी थी . और ये उनके पिता के समय भी नहीं पहुँच रही थी .

उधर दूसरी बड़ी पार्टी में चिंतन चल रहा है ? बड़ा अच्छा शब्द है लेकिन यथार्थ से कोसूं दूर

इस देश में अगर जनता जाग भी गयी तो आज कौन है नेत्रुत्व्या प्रदान करने के लिए ?

बुधवार, 19 अगस्त 2009

टिप्पणी नियंत्रण में कितने टिप्पणीकार word verification को पसंद करते हैं

ब्लॉगर ने टिप्पणी नियंत्रण में रखने के लिए दो सुविधाएं दे रखी हैं

१. ब्लॉग स्वामी द्वारा स्वीकृति के पश्चात टिप्पणी का प्रकाशन और
२. टिप्पणी लिखने के बाद word वेरिफिकेशन

आप अपनी सुविधा अनुसार इनका उपयोग कर सकते हैं . चाहें तो सारे नियंत्रण लगा दें या पूरा खुला छोड़ दें .
वर्ड वेरिफिकेशन थोडा खीज पैदा करता है :) आपका क्या विचार है इस बारे में

सोमवार, 17 अगस्त 2009

राष्ट्रपति के अंगरक्षक ही भक्षक निकले

न्यायालय ने आज राष्ट्रपति के 4 अंगरक्षकों को बलात्कार का दोषी करार दिया . सर्वोच्च संस्था की सुरक्षा में जब ऐसे लोग शामिल हैं तो देश की सुरक्षा का क्या होगा ? इससे एक बहुत पुराना सच सामने आ गया कि हमारी सरकारी चयन प्रक्रिया कितनी दोषपूर्ण है. जिसमे कोई मनोविज्ञानिक जांच नहीं होती है चाहे वह नौकरी हो या उच्च स्तरों पर प्रवेश परीक्षा

रविवार, 16 अगस्त 2009

हिंदी ब्लॉग जगत को आगे आने के लिए संकुचित मानसिकता और सस्ती लोकप्रियता छोड़नी होगी

मेरे विचार से ब्लॉग जगत व्यक्ति को अपनी प्रतिभा और विचारों को दुनिया के सामने लाने का अनूठा माध्यम है . मुझे ज्यादा समय नहीं हुआ इस क्षेत्र में पदार्पण किये हुए . लेकिन लगता है हम अपनी संकुचित मानसिकता से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं . बहुत आसान होता है किसी के विरुद्ध टिप्पणी करना . आप अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र है लेकिन कोई आपको ये अधिकार नहीं दे देता की आप एक सीमा को पार कर लें, हम यह भूल जाते हैं की हमें ही एक सीमा रेखा बनानी होगी इस क्षेत्र में क्योंकि यह स्व नियंत्रित क्षेत्र है जहां आपको पूरी आजादी है जो चाहे कहें कोई संपादक नहीं है . लेकिन इस छूट का मर्यादा के अन्दर ही उपयोग करें . अगर आप विवेचन करेंगे अंग्रेजी ब्लॉग जगत से तो कोई तुलना ही नहीं हो सकती वहाँ कोई क़द्र और फिक्र नहीं है की क्या लिखा और कहा जा रहा है . हमें आगे बढ़ाना है तो छुद्र मानसिकता को छोड़ना पड़ेगी

स्वाइन फ्लू से बचने के कुछ सरल उपाय

पहले दिए गए उपायों
'यहाँ देखें'
के अलावा और कुछ सरल साधन
अपने नाक और गले को बचाकर रखने के लिए ३-४ परत का कपडा बंधकर रखें अगर आप सार्वजनिक जगह पर जा रहे हैं जैसा की आजकल कई शहरों में दो पहिया वाहन चालक करते हैं .
दिन में दो बार गुनगुने पानी में नमक डाल कर गरारे करें
नाक को भी इसी तरह से साफ़ रखें
अगर आप को जल नेति आती है तो उसका प्रयोग करें

हे भगवन स्वईने फ्लू की दुकान चल निकली

और वोह भी कहाँ देश के एक बड़े अखबार की साईट पर

Swine Flu Care Kit @ Rs.530
http://shopping.indiatimes.com/ism/faces/tracker.jsp?
mailerid=SwineFluKIT&linkid=ADsTOInewpg=http%3A%2F%2Fshopping.indiatimes.com%2Fi%2Ff%2Ft%2FSwine_Flu_Care_Kit-pid-2536829-ctl-20376664-cat-976160-pc-976159-%26bid%3D%26prc%3D%26sid%3D%26q%3D%26%3F%26utm_term%3DSwineFluKIT%26utm_campaign%3D

शनिवार, 15 अगस्त 2009

भाई अमेरिका क्यों नहीं अपने वीसा विभाग की कान खीचते जो नाहक खान रहमान कलाम को वीसा दे देता है .

लीजिये अब शाहरुख़ खान को अमेरिका के नेवार्क एअरपोर्ट में दो घंटे के लिए पूछताछ के लिए रोका गया के भैया डॉन आप हियाँ क्या करने आवा है . उनकी जान छोटी जब भारत के दूतावास ने पहल की .
शाहरुख़ ने कहा ये कोई नई बात नहीं है साथ ही वो भारत आने पर Angelina Jolie की फ्रिस्किंग करना चाहते हैं

i pill और चंडीगढ़ में बढ़ता विवाह पूर्व शारीरिक सम्बन्ध

चंडीगढ़ के चिकित्सक, शहर में बढ़ते गर्भनिरोधक के प्रचलन से परेशां हैं .महिला चिकित्सकों का कहना है युवा लड़कियां इन गोलियों के आने के बाद से कंडोम के उपयोग के लिए दबाव नहीं डाल रही हैं जिससे यौन जनित रोग और ऐड्स जैसी बीमारीओं का खतरा बढ़ता जा रहा है .
डॉ बाला का कहना है १८ से २८ वर्ष की युवतियों में कई लोगों से सम्बन्ध बनाने की घटना तेजी से बढ़ रही है जोकि खतरनाक है .इन गोलियों का सेवन अत्यधिक मात्र में हानिकारक है .
यहाँ तक की १६ वर्ष की लड़कियां भी इनका सेवन कर रही हैं .इसी तरह से अनचाहे गर्भ की संख्या भी बढ़ रही है . कुछ समय पहले एक MMS की घटना दिल्ली में हुई थी उसमे पता चला था की उसे इस फिल्मांकन के बारे में पता था !
इन आपात गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग निरंतर रूप से हो रहा है . पहेले अगर कोई लड़की मासिक धर्म से सम्बन्धित समस्या लेकर आती थी तो उसके संबंधों के बारे में पूछने में हिचकिचाहट होती थी लेकिन अब यह पहला प्रश्न होता है .
दवा दूकानदार भी इस बढती हुई मांग से परिचित हैं साथ ही सुरक्षात्मक उपायों की बिक्री नाम मात्र की रह गयी है .कई बार तो दिन का पहला ग्राहक इन दवाओं का होता है और अगर समझाने की कोशिश की जाये तो आप ग्राहक खो देते हैं . क्योंकि यह OTC दवा है जिसके लिए डॉ की पर्ची नहीं लगती है . इन के दुश्प्राभावो में रक्ताल्पता का होना सामान्य है . इसके और भी कई दुष्परिणाम है जिनके बारे में बिना सोचे समझे धड़ल्ले से इनका उपयोग हो रहा है .
इसके साथ revirgination ऑपरेशन की मांग बढ़ते जा रही है जिसका खर्च २५ से ५० हजार के बीच आता है ! क्या विवाह जैसी संस्था टूटने के कगार पर है , अविश्वास और धोखे पे खड़ी ईमारत कब तक खड़ी रहेगी . कुछ विकसित लोगों को ये विचार बुर्जुवा लग सकते हैं.

आज स्वतंत्र दिवस के अवसर पर यह पोस्ट लिखते हुए समझ नहीं आ रहा है की कहाँ जा रहा है हमारा देश और हमारी संस्कृति .
ये culture है या vulture
( सौजन्य : रजनी शालीन चोपडा और याहू )

शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

धन्य हो गुलाम नबी आजाद साहब

जब हमारे देश के स्वास्थ्य मंत्री ऐसे बयां देंगे तो क्या होगा

१. पुणे में हुई पहली swine फ्लू से मृत्यु के लिए घरवालों को जिम्मेदार ठहराना क्योंकि उन्होंने प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया और बाद में माफ़ी माँगना . खुद तो बड़े बड़े नेता या तो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करते हैं या विदेश चले जाते हैं लेकिन मौका मिलते ही प्राइवेट अस्पतालों को गरियाना नहीं भूलते क्योंकि इससे उनकी TRP जो बढती है
.
२. Swine फ्लू से बचने के लिए मास्क जरूरी नहीं है ?

क्या ताम्बे के बर्तन में रखा पानी पीना सुरक्षित है

आजकल समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बहुत सारे स्वास्थ्य के बारे में टिप्स दिए जाते हैं . कल ही मेरी नजर पड़ी एक स्थानीय समाचार पत्र में जिसमे ताम्बे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने के सलाह दी गयी थी . काफी वर्षों पहले इस देश में बच्चों को लिवर सिर्रोसिस की बीमारी अत्याधिकता से पाए जाने लगी . इस के खोज करने पर पता चला कि इसका कारण ताम्बे के पत्र में रखा जल पीने से शरीर में अत्यधिक ताम्बे के मात्र पहुँच जाती है और यह नुकसान पहुचती है . इस बीमारी का नाम ही Indian Childhood Cirrhosis रखा गया . ताम्बे की अत्यधिक मात्र से wilson's disease भी होता है

गुरुवार, 13 अगस्त 2009

किसके पास है H1N1 (फ्लू) का इलाज ?

सभी अपने अपने दावे ठोक रहे हैं कि हमारे पास आइये , हमारे पास है अचूक इलाज . जब बीमारी ही नहीं थी तो इलाज कहाँ से आ गया ! या तो बीमारी और दवा एक साथ बनाये गए? . रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढाना इलाज नहीं कहा जा सकता . और रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाने के तो हमेशा से साधन रहे हैं इसे इलाज से नहीं confuse करना चाहिए , सरकार ने भी जो दवा temiflu टनों के हिसाब से खरीद ली है वह भी सामान्य फ्लू में जब हालत काफी ख़राब हो तभी दी जानी चाहिए अन्यथा लक्षनात्मक इलाज और सुरक्षा ही काफी है . बदहवासी और भय का माहोल भी आपकी रोगों से लड़ने को क्षमता कम करता है क्योंकि ये ऋणात्मक भाव हैं.

सोमवार, 10 अगस्त 2009

क्या सुरक्षा करें स्वाइन फ्लू से बचने के लिए

स्वाइन फ्लू एक महामारी घोषित हो चुकी है . इससे बचाव के नियम देखें

१. अपने हाथ बार बार धोएं कम से कम १५ सेकंड्स तक और बहते स्वच्छ पानी में
२. कमसे कम ८ घंटे की नींद लें अपने सुरक्षात्मक सिस्टम को ठीक रखने के लिए
३. रोज ८ से १० ग्लास पानी पियें
४. संतुलित आहार , सब्जियों और विटामिन युक्त फलों का सेवन करें
५. इया व्याधि से सम्बंधित अपनी जानकारी का नवीनीकरण करते रहे
६. अल्कोहोल का उपयोग न करें क्योंकि ये आपकी सुरक्षा कम करता है
७. शारीरिक रूप से व्यस्त रहे , उपयोगी व्यायाम करें
८. रोगियों से दूरी बनाये रखें . कुछ फीट दूर रहे संक्रमित या संदिग्ध लोगों से
९. जरूरत होने पर अपने चिकित्सक से सहायता लें
१० बाहर जाने और भीड़ भरे स्थानों से दूर रहे

एक और जानकारी जो इस सूची में नहीं दी गयी है - आजकल आप सबको मास्क पहने समाचारों में देख रहे हैं . ये मास्क पूर्ण सुरक्षा नहीं प्रदान करते . आवश्यकता है विशेष बेरिअर मास्क की

रविवार, 9 अगस्त 2009

चमत्कार हो गया १२३४५६७८९ का

अखबार में खबर पढ़ी तो पता चला कि दो चिकित्सकों ने रिकॉर्ड कायम कर दिया इस संख्या जाल में बच्चों को जन्म देकर . तकनिकी रूप से यह संभव नहीं है किसीका जन्म सेकंड्स तक कि निश्चितता के साथ कराना

शुक्रवार, 7 अगस्त 2009

चिट्ठाकारों सावधान

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चों में भी ज्यादा देर तक टीवी, कंप्यूटर या विडियो गेम खेलने से उच्च रक्तचाप के लक्षण पाए गए हैं

खोवा रे खोवा तेरा रंग कैसा

रायपुर एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया, कारण कि रेलवे स्टेशन में नकली पनीर और खोवा टनों की तादाद में पकडाया . ये कहीं आस पास से नहीं बल्कि दूर दराज ग्वालियर से आया था . झकास सफ़ेद रंग का नकली सामान . त्यौहार में लोग खुशी मनाते हैं मिठाई खाते हैं लेकिन कुछ लोगों को ये बर्दास्त नहीं है . चंद पैसो के लिए अखाद्य यूरी़या शैंपू और न जाने क्या क्या मिला कर लोगों की जान के दुश्मन बने जा रहे हैं . दिल्ली और मथुरा तो और भी पास हैं ग्वालियर से . देश की राजधानी में जब ये गोरख धंदा खुले आम चल रहा है तो बाकी देश का क्या होगा . कुछ दिनों पहले हैदराबाद के मिलिटरी फार्म्स में भी दूध में मिलावट पकड़ी गयी थी . लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ शख्त कानून होने चाहिए

गुरुवार, 6 अगस्त 2009

मैंने तो अपना सिन्दूर बाँट लिया !!!

सारे शहर में होर्डिंग लगे हैं जो चीख चीख कर ये कह रहे हैं . आगे लिखा है - लेकिन मैं अपना पत्नी धर्म निभाऊंगी . वाह क्या बात है . ब्लॉगर आप भी कुछ ऐसा ही लिखें अपना टीआरपी बढ़ाने के लिए . एक ओर हमारे सीरियल कानून की धज्जियाँ उडा रहे हैं वहीँ दूसरी ओर बड़े बड़े लोगों को समलैंगिक लोगों की चिंता समां रही है . विधि मंत्री बोलते हैं उच्च न्यायालय ने एक उचित मुद्दा उठाया है . साथ ही वो ये भी कहते हैं कि कई कानून अभी भी देश में अंग्रेजों के ज़माने से चल रहे हैं जो हमारे संविधान से मेल नहीं खाते . चलिए किसीं ने तो ये स्वीकार किया उच्च स्तर पर . आगे मंत्री जी कहते हैं संविधान में निजता का सिद्धांत है जो इस धारा से मेल नहीं खाता. मंत्री जी सामान्य लैंगिक संबंधों के कानून के बारे में आपका क्या विचार है . एक धर्मनिरपेक्ष देश में आपने अलग अलग धर्मों के कानून क्यों बना रखे हैं . यहाँ तक कि विवाह के भी कानून हैं . आगे बढ़ते हुए ये भी कहा जा रहा है कि चाँद मोहम्मद जैसे लोगों पर भी रोक लगनी चाहिए . यानि अगर चाँद किसी समलैंगिक सम्बन्ध में पड़ते हैं तो उन्हें छोड़ देना चाहिए लेकिन अगर जुआं खेलते या किसी और स्त्री के साथ मिलते हैं तो जेल में डाल देना चाहिए . गोवा में आप जुआं खेल सकते हैं बाकी देश में नहीं . शेयर और कमोडिटी में जुआं जायज है लेकिन तास पट्टी में नाजायज . कानून के जानकार ज्यादा प्रकाश डाल सकते हैं इस बारे में .

बुधवार, 5 अगस्त 2009

रक्षाबधन एक अलग तरह का

आज जब जेल रोड से गुजर रहा था तो सेंट्रल जेल के सामने भारी भीड़ थी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी जुटा था अपना पूरा असबाब लेके . पहले तो लगा अरे सुबह सुबह न जाने क्या हो गया फिर दिमाग की बत्ती जली कि यह सारा कुछ राखी के लिए है . जेल में बंद अपने भाइयों को उनकी बहने आई हैं . कुछ पल के लिए एक उदासी सी छा गयी . कैसा लगता होगा उन बहनों को आज के दिन . दिमाग ने फिर जोर लगाया कि अगर येही प्रेम और ध्यान अन्दर बंद लोगों को होता तो नहीं इस जेल की जरूरत होती न पुलिस न अदालत की . बहुत सारे लोग बेचारे बेरोजगार हो जाते . विज्ञानं ने कितनी भी प्रगति कर ली हो इन्सान अभी भी वहीँ खडा है जर, जोरू और जमीन के झगडों में . अगर सब ओर प्रेम भाव होता तो शायद राम राज हो सकता है .

बिल पास कर दिया गया शिक्षा के अधिकार का ?

"हजारों खाव्हिशें ऐसी कि हर खाव्हिस पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान फिर भी कम निकले"

जब तक जनता है और सरकार है ये चलता रहेगा. बेवकूफ बनाओ और राज करो

अथश्री कथा ब्लॉग जगत

पता नहीं मेरा यह विषय सही लिखा है या नहीं . संस्कृत के जानकार सही करें . कुछ ही समय में इस अंतरजाल के कई आयाम देखने मिले . अंतरजाल भी एक नया शब्द जानने को मिला . कई शब्दों को तो मैं अपनी वर्णमाला में शायद अभी भी सम्मिलित नहीं कर पाया हूँ जैसे टिपियाना इत्यादि जोकि इस नयी दुनिया कि ही उपलब्धि हैं . कई सालों पहले मैंने ब्लॉगर में अपनी जगह तो बुक करा ली थी लेकिन भूल ही गया था इस बारे में . कुछ महीने पहले अनिल से मुलाकात हुई डॉ अजय सक्सेना के क्लीनिक में . हम नाम से तो एक दुसरे को वर्षों से जानते थे लेकिन प्रत्यक्ष कभी मुलाकात नहीं हुई थी और ये हाल है एक शायद तीसरे दर्जे के शहर का . महानगरों की बात तो छोड़ ही दी जाये छोटे शहरों में भी लोग लम्बे समय तक नहीं मिल पाते . कल ही एक पुराने मित्र से ऑपरेशन थिएटर में और उसके बाद कमरे में भी मुलाकात हुई . हमने कई वर्षों तक शामें साथ गुजारी थी . आज कई महीनो बात मुलाकात होती है . इस मुलाक़ात की भी ये खासियत थी शब्दों का आदान प्रदान बहुत कम होता था जबकि मित्र वाचाल और मैं कम बोलने वालों में से गिना जाता रहा हूँ . मेरे साथ वो भी बहुत कम बोलता था . समय और काल के साथ मित्र कि व्यस्तता बढ़ गयी साथ ही पहले तो उसके इलाके में भीड़ बढ़ गयी और फिर उसने अपना निवास भी बदल दिया . हर व्यक्ति अपने जीवन में एक इन्द्रधनुषी जाल से गुजरता है रंग उसके अलग अलग हो सकते हैं . इससे पहले इतना टाइप भी नहीं करना पड़ता था वो भी लिप्यान्तरण के द्वारा :)
जो भी यहाँ तक पढ़ते हुए पहुंचे हैं सोच रहे होंगे क्या बोर कर रहा है , पता नहीं क्या कहना चाहता है . किसके पास वक़्त है इतनी लम्बी पढ़े और उसपर अपनी टिप्पणी दे . तो सभी ब्लागरों और ब्लोग्गेर्यिओं आप सब से एक ही अनुरोध है कि gender bias छोड़ कर इस अंतर्जाल में विचरण करें अपने को एक स्वानतः सुखाय के स्तिथि में रखने के लिए न कि इसे भी एक रण क्षेत्र बना दें .

सोमवार, 3 अगस्त 2009

ध्यान रखें अगर आप विदेश जा रहे हैं

१. मिलान में ये नियम है का आप हमेशा मुस्कराते रहे केवल अस्पताल और शमसान घाट को छोड़कर

२. मस्साचुसेत्ट्स में टैक्सी ड्राईवर सामने की सीट में प्रेम र्प्रदर्शन नहीं कर सकता अपनी ड्यूटी के समय .

३. डेनमार्क में हार्न बजाना जरूरी है और ये भी कि आपकी कार के नीचे कोई बच्चा नहीं है

४ थाईलैंड में बिना पैंट पहने आप बिल्डिंग से बाहर नहीं निकल सकते

५. मिचिगन में खुली जगह में स्नान से पहले आपको अपने अंतर वस्त्र पुलिस से चेक करवाने पड़ेंगे

६. फ्लोरिडा में अनब्याही महिला रविवार को पैराशूट का उपयोग करने पर जेल भेज दी जायेगी , स्नान वस्त्र पहने हुए गाना भी प्रतिबंधित है . बॉलीवुड ध्यान दे :)

७. पुर्तगाल में समुद्र में पेशाब करना वर्जित है

८. हांगकांग में दुष्कर्म करने वाले की पत्नी की ये अधिकार है कि वो उस स्त्री का किसी भी तरह से कत्ल कर सकती है और अपने पति का अपने नंगे हाथों से

९. स्विट्जरलैंड में रात को दस बजे के बाद टॉयलेट फ्लश चलाना गैरकानूनी है

१०. कनाडा में गिरफ्तार होकर रिहा होने के बाद हैण्ड गन और घोड़ा देना के नियम है जिससे वह शहर के बाहर सुरक्षित जा सके

(ANI)

सावधान ! कोई आप के ब्लॉग पे नजर रखे हुए है

vermont विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक दूर से नजर रखने वाला हेदोनोमीटर बनाया है जो कि ब्लॉग के शब्दों को देखकर ब्लॉगर कि मनोस्तिथि और उसके आनंद के बारे में बता सकता है.
उनका ये निष्कर्ष २.३ बिलियन ब्लोग्स के अध्ययन के बाद निकला है . हिंदी ब्लोग्गेर्स के लिए ये चौकाने की अवस्था हो सकती है जहाँ ब्लॉग अभी लाख की संख्या भी नही पार कर पाए है और लोग ego प्रॉब्लम से ग्रस्त होने लगे हैं .
उन्होंने ब्लॉग में उपयोग होने वाले शब्दों का वर्गीकरण किया है

रविवार, 2 अगस्त 2009

व्हाइट हाउस ने खाने का बिल भेजा

ओबामा ने कुछ लोगों को तो मुफ्त में बियर पिलाई लेकिन कुछ कंपनियों को लंच का बिल भेज दिया . अपने यहाँ तो माले मुफ्त दिले बेरहम

अरे भाई माल्या जी ये अमेरिका नहीं है जहाँ अरबपति को खैरात मिलती है

निजी विमान कंपनिया ने एक कोशिश की अपनी दुख दर्द सुनकर अमेरिका की तर्ज में भीख मांगने की . लेकिन जवाब उल्टा मिला . धमकी मिल गयी मंत्री से के अगर हड़ताल में गए तो कार्यवाही होगी . शायद विमान कंपनियां सोच रही थी कि भारत में भी वैश्विक व्यवस्था कायम है और अमेरिकी कंपनियों की तरह उन्हें भी सरकार कुछ दान दे देगी लेकिन उलटी पड़ी . भाया ये भारत है अभी भी राजशी ब्रिटिश तंत्र लागू है