रविवार, 2 अगस्त 2009

अरे भाई माल्या जी ये अमेरिका नहीं है जहाँ अरबपति को खैरात मिलती है

निजी विमान कंपनिया ने एक कोशिश की अपनी दुख दर्द सुनकर अमेरिका की तर्ज में भीख मांगने की . लेकिन जवाब उल्टा मिला . धमकी मिल गयी मंत्री से के अगर हड़ताल में गए तो कार्यवाही होगी . शायद विमान कंपनियां सोच रही थी कि भारत में भी वैश्विक व्यवस्था कायम है और अमेरिकी कंपनियों की तरह उन्हें भी सरकार कुछ दान दे देगी लेकिन उलटी पड़ी . भाया ये भारत है अभी भी राजशी ब्रिटिश तंत्र लागू है

2 टिप्‍पणियां:

Anil Pusadkar ने कहा…

माल्या को अपना नाम मांग्लिया कर लेना चाहिये।

pratibha ने कहा…

दें न दें उनकी मर्जी, मांगने में क्या हर्ज है।