अरे भाई माल्या जी ये अमेरिका नहीं है जहाँ अरबपति को खैरात मिलती है
निजी विमान कंपनिया ने एक कोशिश की अपनी दुख दर्द सुनकर अमेरिका की तर्ज में भीख मांगने की . लेकिन जवाब उल्टा मिला . धमकी मिल गयी मंत्री से के अगर हड़ताल में गए तो कार्यवाही होगी . शायद विमान कंपनियां सोच रही थी कि भारत में भी वैश्विक व्यवस्था कायम है और अमेरिकी कंपनियों की तरह उन्हें भी सरकार कुछ दान दे देगी लेकिन उलटी पड़ी . भाया ये भारत है अभी भी राजशी ब्रिटिश तंत्र लागू है
2 टिप्पणियां:
माल्या को अपना नाम मांग्लिया कर लेना चाहिये।
दें न दें उनकी मर्जी, मांगने में क्या हर्ज है।
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