ब्लॉगर ने टिप्पणी नियंत्रण में रखने के लिए दो सुविधाएं दे रखी हैं
१. ब्लॉग स्वामी द्वारा स्वीकृति के पश्चात टिप्पणी का प्रकाशन और
२. टिप्पणी लिखने के बाद word वेरिफिकेशन
आप अपनी सुविधा अनुसार इनका उपयोग कर सकते हैं . चाहें तो सारे नियंत्रण लगा दें या पूरा खुला छोड़ दें .
वर्ड वेरिफिकेशन थोडा खीज पैदा करता है :) आपका क्या विचार है इस बारे में
9 टिप्पणियां:
word वेरिफिकेशन से हम भी दुखी होते है..
word वेरिफिकेशन से हम भी परेशान है
सच है
वर्ड वेरिफिकेशन थोडा खीज पैदा करता है :)
I hate comments will published after approval of moderator. It is something like dictatorship....
वर्ड वेरिफिकेशन खीज पैदा करता है कमेंट मॉडरेशन भी पर कभी 2 कुछ लोगों के कारण ऐसा करना पडता है.
मैं भी शुरु से इसके विरोध में हूं…
वर्ड वेरिफिकेशन से परेशानी तो होती ही है...लेकिन टिप्पणी करने वाला तो करेगा ही...
maine to band kar rakha hai
थोडा खीज .. वह तो उन्हें होती होगी जो कम टिप्पणी करते हैं .. मुझे तो बडी खीज होती है .. क्यूंकि लिखना हिन्दी में .. और वर्ड वेरिफिकेशन अंग्रजी में .. पुराने चिट्ठों में तो कभी कभी ऐसे ब्लोग्स दिखाई पडते हैं .. पर नए चिट्ठाकारों का स्वागत करने में मत पूछे .. प्रतिदिन 15 से 30 चिट्ठे .. एक दो को छोडकर सबमें वर्ड वेरिफिकेशन .. हिन्दी में टिप्पणी लिखों .. वर्ड वेरिफिकेशन मे दिए गए वर्ड को टाइप करो .. ओफ्फोह हिन्दी में हो गयी .. बैक स्पेस दबाओ .. फिर आल्ट टैब दबाओ .. फिर से टाइप करो .. इस बार ध्यान से टाइप नहीं किया .. फिर गल्ती हो गयी .. फिर से टाइप करो .. तब जाकर किसी तरह एक टिप्पणी पोस्ट होती है .. फिर दूसरे ब्लाग में जाओ .. टिप्पणी करना शुरू करो .. अरे ये तो रोमन में चलने लगा .. फिर से बैकस्पेस दबाओ .. आल्ट टैब दबाओ .. फिर हिन्दी में टिप्पणी लिखो .. फिर वर्ड वेरिफिकेशन में दिए शब्द को टाइप करो .. ओह फिर हिन्दी .. इतनी कोफ्त होती है .. ये भी एक बडी वजह रही थी .. नए चिट्ठाकारों के ब्लाग में टिप्पणियों के कट पेस्ट की .. कम से बार बार आल्ट टैब दबाने से तो बच जाते थे हम .. यह बात मुझे पिछली पोस्ट में तर्क देते वक्त याद न रही .. अच्छा हुआ आपके पोस्ट में टिप्पणी देने वक्त बोल गयी !!
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