इस वर्ष की सूची में भारत ने 35 स्थानो की छलांग लगाते हुए 88 वाँ स्थान प्राप्त किया है . 2010 के जीवन की गुणवत्ता के आधार पर इंटरनेशनल लिविंग नामक पत्रिका ने यह सूची जारी की है . यह पत्रिका 30 साल से यह सर्वेक्षण कर रही है . इस सर्वेक्षण में 9 विभिन्न श्रेणीयों को ध्यान में रखा जाता है - जीवन यापन का खर्च , संस्कृति और आराम , अर्थ व्यवस्था , पर्यावरण, आजादी , स्वास्थ्य, आधारभूत स्थिति , सुरक्षा और ख़तरे और वातावरण .
इस महाद्वीप में भारत ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है भूटान के बाद . पिछले वर्ष यह चौथे स्थान में था .
अंतर्राष्ट्रीय सूची में फ़्रांस लगातार पाँचवी बार प्रथम स्थान पर है , इसके बाद हैं ऑस्ट्रेलिया !, स्विट्ज़रलैंड और जर्मनी . अमेरिका चार स्थान खोते हुए सातवीं पायदान पर है. स्वीडन विश्व का सबसे महंगा देश है .
सौजन्य : याहू
10 टिप्पणियां:
चलिए कम से कम पहले १०० में तो है अपना देश ..........
Thanks for the info...
कुछ साल पहले इथियोपिया से भी नीचे था, भारत।
जाने अब कहाँ है ?
खैर कुछ तो तरक्की की है।
अच्छी जानकारी। आभार।
इंटरनेशनल लिविंग नामक पत्रिका शायद गलत कह रही हो, उस ने भारत की सिर्फ़ २०% जनता को देखा होगा, बाकी ८०% तो ...वेसे अगर यह बात सच होती तो मुझे बहुत खुशी होती.
इस जान्कारी के लिये आप का धन्यवाद
tarkkki pe hain indiaa!!!
यह प्रसन्नता का विषय है।
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अपना ब्लॉग सबसे बढ़िया, बाकी चूल्हे-भाड़ में।
ब्लॉगिंग की ताकत को Science Reporter ने भी स्वीकारा।
चलिए कहीं तो सुधार हुआ.....!!
भारत की उत्तरोत्तर वृद्धि हम सबके किये प्रशन्नता का विषय है.
जानकर भी हम व्यक्तिगत स्तर पर इस कंलक से मुक्त होने की चेष्टा नही करेंगे तो हमसे बड़ा आत्मघाती होगा कौन ? बधाई सूचना के लिए
अच्छी जानकारी है...मैंने भी जब भारत का नाम युथोपिया से भी पीछे देखा था तो बहुत दुःख हुआ था...आज भी पता नहीं कौन कौन से देश हमसे आगे हैं...
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