यूपी बिहार वालों से तंग आकर ऑस्ट्रेलिया सरकार ने मनसे के राज ठाकरे को ऑस्ट्रेलिया आने का निमंत्रण दिया है . उनका मानना है की राज ठाकरे और उनकी समस्या एक है . उन्होने राज ठाकरे से कुछ टॅक्सी ड्राइवरों की भी माँग की है जो बाहरी लोगों को भगाने में सक्षम हों .
ऑस्ट्रेलिया ने राज ठाकरे से मनसे की एक शाखा ऑस्ट्रेलिया में भी खोलने की माँग की है . उनका बयान है की उन्होने तो पैसे कमाने के लिए भारतीयों को पढ़ने आने दिया लेकिन ये मरदूद तो यहाँ बसने लगे . अब अंतर्राष्ट्रीय समाज के सामने हम तो खुल्लम खुल्ला कुछ नहीं कर सकते इसलिये महाराज पधारो म्हारी लाज बचाओ इन मवालियो से.
सुनने में आया है की राज ठाकरे ने उनकी माँग कुछ शर्तों के साथ स्वीकार कर ली है . जिसमें एक है की उन्हे मुंबई से भगाए जाने की अवस्था में ऑस्ट्रेलिया राजनीतिक शरण देगा और उनका दर्जा राजनैतिक सहयोगी का होगा ..
7 टिप्पणियां:
छोटा लेकिन तीखा और सुगठित व्यंग्य है। बधाई!
सामयिक और सटीक व्यंग।
दोनों समस्याएँ गंभीर हैं।
सोचनीय।
गंभीर समस्या पर अच्छी व्यंगात्मक चुटकी ........... अच्छी लगी बहुत ही ...........
वाह क्या बात है :)
राज ठाकरे के अन्दर इतनी हिम्मत कंहा, वो तो महारास्ट्र ( मराठी) से बहार निकल ही नहीं सकता , बस वो मराठी नामक बिल मैं बैठा रहेगा। चारो तरफ गड्ढा जो खोद रखा है।
बहुत सटीक.
रामराम.
डाक्टर साहेब व्यंग्य पढ कर आनंद आ गया
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