रविवार, 24 जनवरी 2010

ऑस्ट्रेलिया से राज ठाकरे को बुलावा

यूपी बिहार वालों से तंग आकर ऑस्ट्रेलिया सरकार ने मनसे के राज ठाकरे को ऑस्ट्रेलिया आने का निमंत्रण दिया है . उनका मानना है की राज ठाकरे और उनकी समस्या एक है . उन्होने राज ठाकरे से कुछ टॅक्सी ड्राइवरों की भी माँग की है जो बाहरी लोगों को भगाने में सक्षम हों .
ऑस्ट्रेलिया ने राज ठाकरे से मनसे की एक शाखा ऑस्ट्रेलिया में भी खोलने की माँग की है . उनका बयान है की उन्होने तो पैसे कमाने के लिए भारतीयों को पढ़ने आने दिया लेकिन ये मरदूद तो यहाँ बसने लगे . अब अंतर्राष्ट्रीय समाज के सामने हम तो खुल्लम खुल्ला कुछ नहीं कर सकते इसलिये महाराज पधारो म्हारी लाज बचाओ इन मवालियो से.
सुनने में आया है की राज ठाकरे ने उनकी माँग कुछ शर्तों के साथ स्वीकार कर ली है . जिसमें एक है की उन्हे मुंबई से भगाए जाने की अवस्था में ऑस्ट्रेलिया राजनीतिक शरण देगा और उनका दर्जा राजनैतिक सहयोगी का होगा ..

7 टिप्‍पणियां:

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

छोटा लेकिन तीखा और सुगठित व्यंग्य है। बधाई!

डॉ टी एस दराल ने कहा…

सामयिक और सटीक व्यंग।
दोनों समस्याएँ गंभीर हैं।
सोचनीय।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

गंभीर समस्या पर अच्छी व्यंगात्मक चुटकी ........... अच्छी लगी बहुत ही ...........

राज भाटिय़ा ने कहा…

वाह क्या बात है :)

Taarkeshwar Giri ने कहा…

राज ठाकरे के अन्दर इतनी हिम्मत कंहा, वो तो महारास्ट्र ( मराठी) से बहार निकल ही नहीं सकता , बस वो मराठी नामक बिल मैं बैठा रहेगा। चारो तरफ गड्ढा जो खोद रखा है।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सटीक.

रामराम.

BrijmohanShrivastava ने कहा…

डाक्टर साहेब व्यंग्य पढ कर आनंद आ गया