शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

हिंदु है कौन

स्कूल में यह व्यवस्था थी की फार्म में भरवाया जाता था की जाती और धरम क्या है ? घर में पूछ के भर  देते थे . कभी यह प्रश्न नहीं खड़ा हुआ की यह क्या है .स्कूल तक विभिन्न  मित्र थे कभी यह बात ही नहीं निकली की तू कौन है तेरी जाति या धर्म कौन है .
तो आज यह प्रश्न क्यों ?
सब लोग यह कहते  हैं की यह हिंदु बहुल राज्य है ! फिर यहाँ हिंदुओं की सरकार तो नहीं दिखती ?
क्या हिंदु कहने वाली पार्टियाँ हिंदुओ का प्रतिनिधित्व करती हैं ?
अपने देश में ही लोग बेगाने क्यों ?
अकेला हिंदु राष्ट्र पड़ोस में भेंट चढ़ गया कहीं चूँ तक नहीं !

मैं कोई अन्ध धर्मावलम्बी नहीं हूँ लेकिन इस झूठ का निराकरण कौन करेगा .
और अगर हिंदु बहुसंख्यक नहीं तो अल्पसंख्यक कौन .

राजनीति से बाहर निकलो और राष्ट्र की सोचो .

जय हिन्द .

मंगलवार, 27 अप्रैल 2010

MCI के गिरफ्तार अध्यक्ष के सहयोगी रायपुर में निरीक्षण कर रहे हैं

यह खबर तो सभी को ज्ञात है की डॉ केतन देसाई को एमसीआई के काम में गड़बड़ी के लिए गिरफ्तार किया गया है . उन्होने प्रधानमंत्री कार्यालय में अपनी पहुँच होने की धौंस देकर पहले तो बचने का प्रयास किया लेकिन बाद में बोलना पड़ा .
उन्होने करीब 50 लोगों को इस घपले में संलग्न किया था जिसका मुख्य सूत्रधार एक बड़े अधिकारी का बेटा है . देश की राजधानी में सबसे ज्यादा इन्ही पावर ब्रोकर की ही चलती है , चाहे सरकार किसी की भी हो . ज्यादातर इनका नाम कोई नहीं जानता न ये किसी मामले में फँसते हैं . बोफ़ोर्स मामले में पहली बार इनका नाम सामने आया था .
डॉ केतन देसाई के प्रमुख सहयोगी जाने जाने वाले डॉ सुरेश शाह कल रायपुर मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करते देखे गए !! सोच सकते हैं कितनी पहुँच होगी इनकी ? नाम सामने आने पर भी खुले आम घूम रहे हैं .

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गिरफ्तार

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के अध्यक्ष डॉ. केतन देसाई और अन्य दो लोगों को भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार की सूचना मिलने पर सीबीआई ने डॉ. देसाई के कार्यालय पर छापा मारकर उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया। डॉ. देसाई पर पंजाब में मेडिकल कॉलेज खोलने की मान्यता देने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है। 
मेडिकल काउंसिल पर तानाशाही और अपारदर्शिता के आरोप लगते रहे हैं . इस संस्था ने देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतने सालों में विकास की जगह विनाश ही किया है .
कुछ समय पहले मेडिकल काउंसिल ने डाक्टरों के ऊपर उपहार  लेने संबंधी कानून भी पास किया है . इस कानून को भी जिस तरह से अपरदर्शक तरीके से बनाया गया और लागू किया गया वह भी शक़ के दायरे में था .निजी तो निजी सार्वजनिक क्षेत्र के मेडिकल कालेजों से भी उगाही की जाती रही है . विस्तृत जाँच करने पर चौकाने वाले परिणाम आ सकते हैं .


समाचार सूत्र : दैनिक भाष्कर

गुरुवार, 22 अप्रैल 2010

आईपीएल के मैचों का बेंगलुरु से मुंबई शिफ्ट होना एक बड़ा खेल

जिस तरह से आजकल आईपीएल पुराण चल रहा है उसमे एक और इजाफा हो गया . बेंगलुरु में एक मैच के दौरान  छोटा सा धमाका हुआ . दूसरे दिन कुछ और विस्फोटक सामग्री स्टेडियम के आसपास मिली. तो ये तत्व क्या चाहते थे किस बात का इंतजार था इन्हे .आतंकवादी तो ऐसी चूक नहीं करते की पहले एक ट्राइल और फिर बड़े खेल का इंतजार .
आनन फानन में सेमी फ़ाइनल को नयी मुंबई ( डी वाई पाटिल स्टेडियम ) स्थानांतरित कर दिया गया . जबकि फ़ाइनल मुंबई में ही होना है . इस स्टेडियम में मैच और आतिशबाजी पर लोगों ने ऐतराज किया है क्योंकि पास में ही इसी संस्था का अस्पताल भी है .

कई प्रश्न है इस बारे में :
1.मुंबई ही क्यों , क्या यह देश का सबसे सुरक्षित शहर है .
2.क्या यह एक और आईपीएल अध्याय है जिसमे एक बड़े नेता के स्टेडियम को अनुचित लाभ दिया गया
3 क्या यह दो बड़े घरानो के बीच का खेल है अंबानी विरुद्धा माल्या
4.आईपीएल के सेमी फ़ाइनल के लिए टीम का चयन . ज्यादातर सेमी पहले और तीसरे और दूसरे और चौथे टीम के बीच होते हैं

बुधवार, 14 अप्रैल 2010

काँग्रेस ये फैसला कर ले कि वह नक्सलवाद के साथ है?

आज दिग्विजयसिंग जो मध्यप्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में अखिल भारतीय कॉंग्रेस के महासचिव हैं ने एक बयान में चिदम्बरम के नक्सल विरोधी अभियान को गलत बताया है http://naxalwatch.blogspot.com/2010/04/digvijay-questions-chidambarams-naxal.html  .
 इससे तो यही माना जाना चाहिए कि यह कॉंग्रेस पार्टी का मत है, क्योंकि न तो सोनिया गांधी न राहुल गांधी ने कोई भी विचार इस बारे में व्यक्त किया है . न ही इनहोने कोई संवेदना भी दंतेवाड़ा में मारे कर्मियों के बारे में प्रकट की है .
कल ही गृह मंत्रालय ने एक पत्र सभी मंत्रियों और अधिकारियों को जारी कर के कहा था कि इस बारे में केवल गृह मंत्रालय ही आधिकारिक बात कहेगा . दिग्विजयसिंह तो इस सीमा में नहीं आते लेकिन उनकी बात उनके ख़िलाफ़ समाचार पत्र में लगाये आरोप को और पक्का करती है जिसे यहाँ दर्शाया गया है . शायद यह बयान चिदम्बरम के बयान के जवाब में आया है .
काँग्रेस पार्टी को देश की जनता के सामने अपना पक्ष रखना जरूरी है क्योंकि ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि उसके कुछ सहयोगी दल नक्सल समर्थक हैं .इस घटना में मारे गए लोग केंद्रीय सुरक्षा बल के थे इसलिये केंद्र इससे पल्ला भी नहीं झाड़  सकती .

गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

बोये पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय - नक्सल्वाद का सच

यहाँ देखिये गृह मंत्री का बयान और नक्सलवाद का सच . आज यही अजित जोगी , रमन सिंह सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं इसके लिए .

सौजन्य : नवभारत रायपुर 

बुधवार, 7 अप्रैल 2010

नेता की मृत्यु पर राजकीय या राष्ट्रीय शोक मनाया जाता है क्या शहीद इसके भी हकदार नहीं हैं

देश की रक्षा में रत छत्तीसगढ़ में केंद्रीय बल के जवानो की दुर्दांत हत्या और उनके संबंधियों और जनता के आँसू अभी सूखे भी नहीं हैं . सारा देश जहाँ शोकग्रस्त है, वहीं आज राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों का वितरण ?

रविवार, 4 अप्रैल 2010

पुरुषों का दिमाग सेक्सग्रस्त है , वे अपनी भावनाएँ छुपाते हैं और धोखेबाज़ हैं



यह कहना है डॉ  ब्रिज़ेंडीन का, कि लंबे समय से जो शक महिलाओं को  था वह सच है . पुरुष हारमोन टेस्टेस्टेरोन इस सब के लिए जिम्मेदार है . इसीके प्रभाव से पुरुष महिला के रूप रंग और काया से प्रभावित होते हैं 
वे कहती हैं कि महिलाओं को इस बात को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि पुरुष पुरुष है और सम्हल के रहना चाहिए.
वैसे हमारे देश में यह सलाह तो सदियों से दी जा रही है लेकिन कोई मानता है तो कोई नहीं नहीं मानने वाले लिव इन तक चले जाते हैं..

उनकी पुस्तक "Male Brain: A Breakthrough Understanding Of How Men And Boys Think are" में कुछ और तथ्यों पर भी प्रकाश डाला गया है .


1. पुरुष कामातुर होते हैं . पुरुष के दिमाग का वह हिस्सा जो काम वासना को नियंत्रित करता है महिलाओं के हिस्से से अढ़ाई गुना ज्यादा बड़ा होता है .

2. पुरुष ऐसी हरकतें करने के लिए बने हैं (programmed). "पुरुष तंद्रा" जोकि पुरुष हारमोन के कारण होती है के कारण वह स्त्री को निहारने से अपने आप को नहीं रोक पाता . इसकी तीव्रता उसके संस्कारों से नियंत्रित होती है . 

3 पुरुष एक से ज्यादा संबंध बनाने के लिए आतुर होते हैं . पुस्तक के अनुसार पुरुष अपने जीवनकाल में औसतन 14 साथी चाहते हैं जबकि महिलाएँ एक या दो .
 पुरुष को यौन संबंध के बाद तीव्र नींद आती है इसका कारण उसके दिमाग में oxytocin जोकि मूलतः एक स्त्री हार्मोन है का बहुतायत से स्त्राव होना है . इस नींद का यह मतलब नहीं लगाया जाना चाहिए कि वह आपसे प्यार नहीं करता .

4.पुरुष अपने संबंधों के बारे में ज्यादा झूठ बोलते हैं . जैविक रूप से पुरुष महिला से  झूठ आसानी से बोल लेते हैं .

5.महिला के लिए संभोग पूर्वे प्रेम 24 घंटे तक विस्तारित हो सकता है पुरुष के लिए यह 3 मिनट तक सीमित है  
वे कहती हैं पुरुष की आरंभिक भावनात्मक क्रिया स्त्री से ज्यादा शक्तिशाली हो सकती है लेकिन वह 2.5 सेकंड में अपने चेहरे से भाव छुपा सकता है या बदल सकता है .

उनका यह भी कहना है कि यह सब जानकारी पुरुष के बुरे व्यवहार को यथोचित नहीं ठहराती. यह उसे बुरे कर्म करने के लिए एक आधार नहीं प्रदान करती . लेकिन साथ ही वे यह भी कहती हैं कि पुरुष को अपने जैविक स्वरूप के बारे में बताने का अधिकार है और इसे वार्ता में भी शामिल किया जाना चाहिए

शनिवार, 3 अप्रैल 2010

डाक्टर और एंटि वाइरस में क्या समानता है

सबसे पहले तो अनुरोध की अपनी डाक्टरीय भड़ास यहाँ न निकालें



पहले बीमारी आती है, चाहे वो कम्प्युटर की या आदमी की बाद में इलाज ढूँढा जाता है .
मनुष्य और कम्प्युटर दोनों के लिए सुरक्षात्मक उपाय हैं लेकिन केवल जाने पहचाने रोगों के लिए .
सुरक्षात्मक उपाय के लिए धन खर्च करना होता है जोकि कम होता है .
नई बीमारी का इलाज महंगा होता है चाहे वो इंसान का हो या कम्प्युटर का .
बीमा कंपनी या एंटि वाइरस कंपनी का व्यवहार एक जैसा होता है . नई बीमारी सेवा शर्तों में जुड़ी नहीं हैं .
तो नयी बीमारी का इलाज दोनों तरफ महंगा पड़ता है .

तो भला सुरक्षात्मक उपायों में ही है साधारण के अलावा
गूगल क्या कहता है <http://www.google.co.in/support/accounts/bin/topic.py?hl=en&topic=14146

चित्र गूगल के सौजन्य से 

शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

हेलिकॉप्टर से हनुमान जी का अभिषेक

हनुमानजी का अभिषेक यह स्थान है वेस्ट इंडीज में त्रिनिदाद में





जवानी में तो गधी भी खूबसूरत दिखती है ?

जवानी में तो गधी भी खूबसूरत दिखती है ?
इसका क्या मतलब है
जवानी और खूबसूरती एक दूसरे के पर्यायवाची हैं
खूबसूरती और गधी पर्यायवाची हैं
गधी और जवानी ......
नजर का फेर है
जवानी में सब रंगीन दिखाई देता है
कहने वाले को न जवानी का पता था न गधी का
गधी से लात खाकर यह कहना पड़ा
एक जेंडर बाईस है