बुधवार, 27 जनवरी 2010

हम भारतीय इतने संवेदनशील क्यों हैं और बड़ी आसानी से इसकी सीमा भी लाँघ जाते हैं

अभी राजकुमार सोनी जी के ब्लॉग को पढ़ते हुए देश के एक वयोवृद्ध युगपुरुष के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त हुई . रामचंद्र जी ने विवाह नहीं किया .

आप कहेंगे शीर्षक से इस बात का क्या संबंध ? कुछ समय से रायपुर के  दो अविवाहितों (eligible bachelors)अनिल पुसदकर और
संजीत त्रिपाठी जो की रायपुर एवं छत्तीसगढ़ के पत्रकारिता और ब्लॉग जगत के स्तंभ है के बारे में कई टिप्पणियाँ पढ़ने को मिली की ये विवाह क्यों नहीं करते इत्यादि इत्यादि . अनिल ने इनका उत्तर भी अपने ब्लॉग में दिया है .

इस तरह का प्रश्न शायद हमारे देश के अलावा कहीं भी सार्वजनिक रूप से नहीं किया जाता . हम कई बार अपनी सीमा से बाहर जाकर सवाल जवाब करने लगते हैं .मेरे ख्याल से यह एक पूर्णतः व्यक्तिगत प्रश्न है .

वहीं इन प्रश्नकर्ताओं पर लिंग आधारित भेदभाव का आरोप भी लग सकता है क्योंकि मैंने तो कही नहीं देखा ब्लोगजगत में ऐसी सलाह किसी स्त्री के लिए .

6 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

विचारणीय पोस्ट

विवेक रस्तोगी ने कहा…

सही सवाल है, कब सीखेंगे हम कि हम अपनी मर्यादा की सीमा नहीं लांघें, महेश जी का प्रश्न उचित है, कि यह पूर्णत: व्यक्तिगत प्रश्न है।

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप की बात से सहमत हुं, लेकिन लोग फ़िर भी पुछते है, कुरएद कुरेद कर

Udan Tashtari ने कहा…

सेलरी पूछना, व्यक्तिगत सलाहें देना पश्विम में तो बुरा माना जाता है किन्तु हमारे भारतीय समाज में तो हमेशा से अति आत्मियता का परिचायक रहा है.

अब यह भी न पूछें और बतायें तो लोग करें क्या? :)

Sanjeet Tripathi ने कहा…

ह्म्म, राजकुमार सोनी जी ने साक्षात्कार के लिए वाकई एक उम्दा व्यक्तित्व को चुना, और इसे अपनी खास शैली में लिखा है।

बाकी अब दूसरे मुद्दे पर क्या कहा जाए ;)

36solutions ने कहा…

हाजिरी चटका का एक रुप था वह टिप्पणी.