शनिवार, 25 अप्रैल 2009

श्रीलंका में शान्ति की और बढ़ते कदम और विश्व

आज इस संगणक महाजाल की दुनिया में घूमते घूमते इंडियन एक्सप्रेस के संपादक के एक आलेख पर नजर पड़ी . वाकई लोग कितने भयावह हो सकते हैं . एक तालिबान ही नहीं एक ओसामा ही नहीं कितने बिखरे है दुनिया के कोने कोने में

http://epaper.indianexpress.com/IE/IEH/2009/04/25/ArticleHtmls/25_04_2009_012_003.shtml?Mode=१

और उधर अमेरिका की शह पर भारत ने सलाह दे डाली श्रीलंका को सयम बरतने की, क्यों जख्मो पे नमक छिड़क रहे हो पडोसी के . भूल गए राजीव गाँधी और अपनी सेना को ! और ये कांग्रेस सरकार कर रही है ? बदले में अमेरिका ने पीठ थपथपा दी , क्या यही हमारी अपनी सोच है या हम सोचते भी हैं किराये के विचारों से . राष्ट्रसंघ भी पीछे नहीं रहा बयानबाजी में क्योंकि कर तो कुछ नहीं सकता ,

1 टिप्पणी:

Anil Kumar ने कहा…

श्रीलंका से कुछ सीख लेकर यदि भारत सरकार नक्सलियों को कुचले तो कुछ बात बने। वरना बयान तो रोज आते-जाते रहते ही हैं।