गुरुवार, 23 अप्रैल 2009
विदेशों में जमा धन
अरे जरा रुकिए , ये क्या कह रहे हैं आप ? विदेशों में जमा धन वापस लायेंगे , क्यों ? फिर से उस भ्रष्ट व्यवस्था में डालने के लिए । कुछ तो अपने बुजुर्गों का लिहाज कीजिये , जो खून पसीने की कमाई उन्होंने इस देश के या अपने भविष्य के लिए जोड़ रखी है उसे तो छोड़ दीजिये , उन्होंने ही तो आपको सिखाया कैसे भ्रष्टाचार करना और अब आपकी नजर उस पर भी लग गई ! अच्छा कुछ पल के लिए मान भी लिया जाय की आपकी सोच अच्छी है और आप इस पैसे से इस देश में खुशहाली और तरक्की ले आएंगे , मगर आप ऐसा करंगे कैसे , कोई व्यवस्था है आपके पास ? अन्यथा फिर एक बार बाटने और बटवारे का चक्र चलेगा और जो जनता में एक आस पैदा हुई उसे भी बेमौत मरना पड़ेगा । विनम्र निवेदन है की जनता की आस न तोडें । अगर इतनी ही चिंता है तो स्विट्जरलैंड पर ही छोड़ दीजिये वो इस देश का विकास करे उस धन से .
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2 टिप्पणियां:
Achcha likhte hain aap. dobara paisa ayega to phir barbaad hoga. phir maarkat machegi.. achcha hai na hi aaye
पहले मंदिर बनाने की बात कहकर सत्ता जीती, बन गया मंदिर?
अब काला धन वापस लाने की बात कहकर सत्ता में आयेंगे, तो ...
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