गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

लापतागंज और तारक मेहता का उल्टा चश्मा, टीवी में ठंडी हवा का झोंका

आजकल ज्यादातर टीवी सीरियल देखकर उकता चुके लोगों के लिए ये दोनों ही सीरियल एक ठंडी हवा के झोके के समान हैं . जहां उल्टा चश्मा गुजराती के लेखक तारक मेहता की कृति पर आधारित है वहीं लापतागंज शरद जोशी की कहानियों पर आधारित है .
दोनों ही धारावाहिक सब टीवी पर आ रहे हैं .

7 टिप्‍पणियां:

रंजन ने कहा…

सही है..दोनों हल्के फुल्के साफ सुथरे..

दिगम्बर नासवा ने कहा…

एकता कपूर के चलते हमने तो सीरियल देखना ही बंद कर दिए ...........

शेफाली पाण्डे ने कहा…

main bhi yah do zaroor dekhtee hun...

राज भाटिय़ा ने कहा…

मुझे तो कोई टीवी देखने के पेसे भी दे तो भी ना देखू

Udan Tashtari ने कहा…

हमारी शाम के साथी हैं यह दोनों धारावाहिक!!

शारद जोशी के हम यूँ भी फैन हैं.

Khushdeep Sehgal ने कहा…

कौन कहता है लोग स्वस्थ मनोरजंन नहीं चाहते...इसी का सटीक जवाब है ये दोनों सीरियल...

जय हिंद...

मेरा पहाड़ ने कहा…

बहुत दिनों बाद ऐसे सीरियल देखने को मिले, जो मां-बाप, भाई-बहन और बच्चों के साथ बैठकर देखे जा सकते हैं।