क्या आप खर्राटे लेते हैं तो जरा सावधान हो जाइए क्योंकि यह एक अच्छी अवस्था नहीं है . इसे ओब्स्टृक्टिव स्लीप अप्निया कहा जाता है . याने नींद में आपकी साँस में अवरोध उत्पन्न होता है . इसके कारणो में नाक से लेकर श्वांश नली तक कोई कारण हो सकता है .
छोटी गरदन, मोटापा इसके अन्य कारणो में सम्मिलित है .खर्राटे भी कई प्रकार के होते हैं . कुछ लोगों की तो श्वांश नींद में पूरी तरह से अवरुध हो जाती है . यह एक गंभीर अवस्था है और लंबे समय में यह आपके हृदय और मस्तिस्क पर बुरा प्रभाव डालती है . इस अवस्था में नींद पूरी नहीं होती और व्यक्ति को दिन में भी थकान लगती रहती है
स्लीप रिकॉर्डर
इसके कारणों की जाँच करने के लिए स्लीप लैब जाना पड़ता है जोकि सभी बड़े शहरों में उपलब्ध हैं . इसमे आपको एक यंत्र से जोड़ दिया जाता है जो नींद में आपकी गतिविधियों को संकलित करता है . इसका विश्लेषण करके आपको उचित उपचार बताया जाता है जोकि वजन कम करने, नींद के दौरान एक मशीन का उपयोग करने से, ऑपरेशन तक हो सकता है .
8 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद्
काम की जानकारी है यह, हममें से अधिकतम लोगों को यह समस्या . डॉक्टर साहब हमारे छत्तीसगढ़ में यह उपचार कहां मिल सकता है कृपया यहां बतायेंगें तो लोगों को सुविधा होगी.
ये आपने बडे काम की जानकारी दी. मुझे कभी भी पहले खर्राटे नही आते थे पर जब से मैने बायपास सर्जरी करवाई है, घर वाले कहते हैं कि मैं खर्राटे लेता हूं. इसका क्या कारण हो सकता है?
रामराम.
सिन्हा जी, थोड़े बहुत खर्राटे तो सभी लेते हैं।
लेकिन जांच कब करानी चाहिए, कृपया ये भी बताएं।
और मुलजिम बीबी हो तो क्या करें ?
उपयोगी जानकरी दी है।आभार।
ये विज्ञान भी अजीब चीज़ है। अभी हाल ही पढा था कि खर्राटे स्वास्थ की निशानी है और अब.....
किस को मुजरिम समझे कोई किस को दोष लगाए..>:)
बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने, वेसे इस का अप्रेशान छोटा सा होता है, ओर हमारे देश मै तो इन खर्राटेऒ के कारण तलाक भी हो जाते है
सर जी मैने कहीं पढा है कि एक आसन जिसे सिंहआसन कहते है उसके करने से खर्राटे लेना कम हो जाता है ।काम का लेख लिखा हैआपने आजकल यह समस्या ज्यादा ही बढती जा रही है ,।बाबा रामदेव भी कुछ आसन बतलाते है जिससे खर्राटे लेना कम हो जाता है
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