बुधवार, 23 दिसंबर 2009
हम रहते कहीं और हैं और हमारा मतदान कहीं और ?
हमारा परिवार जन्म से ही एक मुहल्ले में रह रहा हैं . समय चलते मुहल्ला बड़ा हो गया तो इसमें भी विभाजन हो गया . लेकिन एक चीज कायम थी की जहाँ रहते थे वहीं के मतदाता थे . इस बार पता नहीं क्या विछेदन हुआ की हमारा मतदान पड़ोस के नहीं बल्कि तीसरे मुहल्ले में पहुँच गया . ये तो भला हो एक प्रत्याशी की पर्ची का,कि पता चल सका की हमारा मतदान केंद्र कहाँ है . लेकिन यह व्यवस्था कुछ समझ नहीं आई . महापौर तो ठीक है शहर का होता है लेकिन पार्षद तो मुहल्ले का होता है !
मंगलवार, 22 दिसंबर 2009
ताज़ा खबर : उड़न तश्तरी का नियंत्रण केंद्र से संबंध टूटा
सज्जनों और सज्जनियों ये सूचना देते हुए अपार दुख हो रहा है की उड़न तश्तरी का पृथ्वी से संचार तंत्र टूट गया है . पूरी कोशिश की जा रही है की इस संपर्क को अति शीघ्र बहाल किया जाए . ब्रांहंडिय सेना इस अप्रत्याशित हमले का सामना करने के लिए एक जुट खड़ी है .
कृपया शांति बनाये रखें और अफवाहों पर ध्यान ना दें
अभी अभी पता चला है की छत्तीसगढ़ में उन्होने लैंडिङ्ग की है जगह का पता लगाया जा रहा है.
उड़न तश्तरी और एलियन वोडाफ़ोन के विज्ञापन से निकलकर छत्तीसगढ़ प्रवास में आप खुद देख लीजिये .
अबकी बार इन्होने एक दल भी बना लिया है और आक्रमण की पूरी तैयारी है . (;:)
बच के रहना रे बाबा बच के रहना :)
रविवार, 20 दिसंबर 2009
हम सब स्वार्थी हैं
जी हाँ इसे स्वीकार करने में आपको परेशानी क्यों हो रही है . यह एक सत्य है और नितांत सत्य है . यह एक सुरक्षात्मक जरूरत है . अगर ऐसा नहीं है तो क्यों आप पूरी की पूरी सड़क घेर के खड़े हो जाते हैं . आपतकालीन वाहन के लिए जगह नहीं छोडते . जल्दी के चक्कर में दूसरे को चोट पहुँच सकती है इसका भी ध्यान नहीं रखते . सारे नियम कायदों का उल्लंघन करना तो जैसे हमारी दिनचर्या है . दूसरों से सब उम्मीद करते हैं लेकिन अपनी बारी आने पर पीछे हट जाते हैं. आप भी कहेंगे क्या सबेरे सबेरे दिमाग खा रहा है , अपना ज्ञान बघार रहा है . देखिये यही सत्य है .
हम सभी स्वार्थी हैं , जी हाँ . हम सभी तो स्व की अर्थी लेकर घूम रहे हैं यानि अपनी जिंदा लाश . मरने के बाद कोई और उठाएगा लेकिन तब तक तो खुद को लेकर घूमना पड़ेगा :)
हम सभी स्वार्थी हैं , जी हाँ . हम सभी तो स्व की अर्थी लेकर घूम रहे हैं यानि अपनी जिंदा लाश . मरने के बाद कोई और उठाएगा लेकिन तब तक तो खुद को लेकर घूमना पड़ेगा :)
क्या आप खर्राटे लेते हैं 2
मेरी पिछली पोस्ट पर कई प्रश्न पूछे गए . उनका समाधान करने के लिए यह पोस्ट .
खर्राटे गहरी नींद का परिचायक है यह सही है . लेकिन अगर अवरोध इतना होता होता है की पूरी साँस ही रुक जाए तो कुछ सेकंड के लिए आपकी नींद खुलती है और एक तेज साँस लेकर स्वशन क्रिया फिर प्रारंभ होती है , इस बात का आपको पता नहीं चलता . यह समस्या कितनी गंभीर हो सकती है इसका एक विडियो देखिये . साथ ही इस पेज में और भी जानकारी उपलब्ध है
उम्र और मोटापे से इसका गहरा संबंध है . कई मोटे लोग इसके कारण लेट कर सो भी नहीं पाते .
खर्राटे के भी विभिन्न प्रकार होते हैं और इसकी प्रारम्भिक जाँच नाक कान गले के विशेषज्ञ से करानी चाहिए.
किसी सर्जरी जैसे बाइपास के बाद से इसका सीधा संबंध नहीं है .
छत्तीसगढ़ में शायद भिलाई के अपोलो अस्पताल में इसकी सुविधा है . अन्य निकट का स्थान नागपुर है .
इस जाँच को पोलीसोमनोग्राफी कहा जाता है .
मेरा प्रयास इस बारे में एक प्रारम्भिक जानकारी उपलब्ध कराना था . अन्य जानकारी विशेषज्ञ से प्राप्त करनी चाहिये. सामान्य जानकारी के लिये आपके प्रश्नो का स्वागत है
खर्राटे गहरी नींद का परिचायक है यह सही है . लेकिन अगर अवरोध इतना होता होता है की पूरी साँस ही रुक जाए तो कुछ सेकंड के लिए आपकी नींद खुलती है और एक तेज साँस लेकर स्वशन क्रिया फिर प्रारंभ होती है , इस बात का आपको पता नहीं चलता . यह समस्या कितनी गंभीर हो सकती है इसका एक विडियो देखिये . साथ ही इस पेज में और भी जानकारी उपलब्ध है
उम्र और मोटापे से इसका गहरा संबंध है . कई मोटे लोग इसके कारण लेट कर सो भी नहीं पाते .
खर्राटे के भी विभिन्न प्रकार होते हैं और इसकी प्रारम्भिक जाँच नाक कान गले के विशेषज्ञ से करानी चाहिए.
किसी सर्जरी जैसे बाइपास के बाद से इसका सीधा संबंध नहीं है .
छत्तीसगढ़ में शायद भिलाई के अपोलो अस्पताल में इसकी सुविधा है . अन्य निकट का स्थान नागपुर है .
इस जाँच को पोलीसोमनोग्राफी कहा जाता है .
मेरा प्रयास इस बारे में एक प्रारम्भिक जानकारी उपलब्ध कराना था . अन्य जानकारी विशेषज्ञ से प्राप्त करनी चाहिये. सामान्य जानकारी के लिये आपके प्रश्नो का स्वागत है
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009
क्या आप खर्राटे लेते हैं
क्या आप खर्राटे लेते हैं तो जरा सावधान हो जाइए क्योंकि यह एक अच्छी अवस्था नहीं है . इसे ओब्स्टृक्टिव स्लीप अप्निया कहा जाता है . याने नींद में आपकी साँस में अवरोध उत्पन्न होता है . इसके कारणो में नाक से लेकर श्वांश नली तक कोई कारण हो सकता है .
छोटी गरदन, मोटापा इसके अन्य कारणो में सम्मिलित है .खर्राटे भी कई प्रकार के होते हैं . कुछ लोगों की तो श्वांश नींद में पूरी तरह से अवरुध हो जाती है . यह एक गंभीर अवस्था है और लंबे समय में यह आपके हृदय और मस्तिस्क पर बुरा प्रभाव डालती है . इस अवस्था में नींद पूरी नहीं होती और व्यक्ति को दिन में भी थकान लगती रहती है
स्लीप रिकॉर्डर
इसके कारणों की जाँच करने के लिए स्लीप लैब जाना पड़ता है जोकि सभी बड़े शहरों में उपलब्ध हैं . इसमे आपको एक यंत्र से जोड़ दिया जाता है जो नींद में आपकी गतिविधियों को संकलित करता है . इसका विश्लेषण करके आपको उचित उपचार बताया जाता है जोकि वजन कम करने, नींद के दौरान एक मशीन का उपयोग करने से, ऑपरेशन तक हो सकता है .
छोटी गरदन, मोटापा इसके अन्य कारणो में सम्मिलित है .खर्राटे भी कई प्रकार के होते हैं . कुछ लोगों की तो श्वांश नींद में पूरी तरह से अवरुध हो जाती है . यह एक गंभीर अवस्था है और लंबे समय में यह आपके हृदय और मस्तिस्क पर बुरा प्रभाव डालती है . इस अवस्था में नींद पूरी नहीं होती और व्यक्ति को दिन में भी थकान लगती रहती है
स्लीप रिकॉर्डर
इसके कारणों की जाँच करने के लिए स्लीप लैब जाना पड़ता है जोकि सभी बड़े शहरों में उपलब्ध हैं . इसमे आपको एक यंत्र से जोड़ दिया जाता है जो नींद में आपकी गतिविधियों को संकलित करता है . इसका विश्लेषण करके आपको उचित उपचार बताया जाता है जोकि वजन कम करने, नींद के दौरान एक मशीन का उपयोग करने से, ऑपरेशन तक हो सकता है .
गुरुवार, 17 दिसंबर 2009
क्या आपको भी कोफ़्त होती है हिंदी के ब्लॉग में रोमन में टिप्पणी पढ़कर ?
क्या आपको भी कोफ़्त होती है हिंदी के ब्लॉग में रोमन में टिप्पणी पढ़कर ?
जब आप अपना ब्लॉग देवनागरी में लिखते हैं तो टिप्पणी क्यों रोमन में करते हैं ?
जब आप अपना ब्लॉग देवनागरी में लिखते हैं तो टिप्पणी क्यों रोमन में करते हैं ?
छत्तीसगढ़ वालों संघर्ष करो हम नक्सलवाद के खिलाफ हैं
छत्तीसगढ़ वालों संघर्ष करो हम नक्सलवाद के खिलाफ हैं
समय आ गया है तथाकथित मानवाधिकारियों को बताने का कि छोटी जगहों में बैठे लोग बेवकूफ नहीं हैं . जिन्हें बड़े शहरों में बैठे देशद्रोही बेवकूफ बनाते रहें
बुधवार, 16 दिसंबर 2009
क्या इस देश में रहकर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए एक अंग्रेजी ब्लॉग बनाना जरूरी है
क्या इस देश में रहकर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए एक अंग्रेजी ब्लॉग बनाना जरूरी है .
मुझे तो लग रहा है हाँ . क्योंकि आज भी इस देश की विचारधारा को अंग्रेजी के अख़बार ज्यादा प्रभावित करते हैं बजाया हिंदी और अन्य भाषाओँ के .
मुझे तो लग रहा है हाँ . क्योंकि आज भी इस देश की विचारधारा को अंग्रेजी के अख़बार ज्यादा प्रभावित करते हैं बजाया हिंदी और अन्य भाषाओँ के .
मंगलवार, 15 दिसंबर 2009
सोमवार, 14 दिसंबर 2009
कोल्कता मुंबई दिल्ली गुजरात में हाई अलर्ट
कोल्कता मुंबई दिल्ली गुजरात में हाई अलर्ट
यह सूचना मिलने के बाद कि तालिबान से प्रशिक्षित आतंकवादी इन शहरों में घुस चुके हैं और महत्वपूर्ण संस्थानों को अपना निशाना बना सकते हैं . केंद्रीय गृह विभाग के उचाधिकारी ने फिदायीन(आत्मघाती) के देश में प्रवेश करने की पुष्टि की है '
पश्तून जैसे दिखने वाले इन आतंकवादियों की खोज तेज कर दी गयी है .
इनके संभावित ठिकानो में भाभा अतोमिक रिसर्च सेंटर, बॉम्बे स्टॉक एक्स्चंगे , RSS मुख्यालय जैसे स्थान हैं
कितना सही है आभार कहना
सामान्य भाषा में काफी लोग "आभार" शब्द का प्रयोग करते हैं . यह एक तरीका है अपनी महसूसियत को जाहिर करने का . इसमें लेकिन एक पेंच है . जिसको भी हम आभार प्रदर्शित करते हैं उसका भार अपने ऊपर ले लेते हैं, आ भार. उचित यह होगा कि हम धन्यवाद कहें . इस दुनिया में कहे गए एक एक शब्द का महत्व है . इसका प्रभाव आप और आपके आसपास भी होता है .
आपका क्या विचार है , बताएं.
आपका क्या विचार है , बताएं.
ममता जी irctc पर ध्यान दें
IRCTC भारतीय रेल का वह अंग है जो यात्री सुविधाओं का ध्यान रखता है जैसे की इन्टरनेट, मोबाइल से टिकट बुकिंग ; यात्री खानपान सेवा और बिस्तरों का इन्तेजाम .
टिकट बुकिंग में सेवा शुल्क ज्यादा लेकर सुविधा कम दी जाती है , जैसे आपको सीट चुनने की सुविधा नहीं है जो कि बुकिंग काउंटर पर उपलब्ध होती है . इसी तरह अगर आपको एक से ज्यादा ट्रेनों से यात्रा करनी है तो अलग अलग टिकट लेना पड़ता है जिससे ग्राहक को ज्यादा पैसा देना पड़ता है .(telescopic fare is not available on internet)
खानपान सेवा ठेके में दी जाती है और इसकी गुणवत्ता पर कोई नियंत्रण नहीं है .
यही हाल बिस्तरों की सुविधा का है , नैपकिन तो आपको शायद ही मिले जबकि इसका शुल्क जुड़ा रहता है
टिकट बुकिंग में सेवा शुल्क ज्यादा लेकर सुविधा कम दी जाती है , जैसे आपको सीट चुनने की सुविधा नहीं है जो कि बुकिंग काउंटर पर उपलब्ध होती है . इसी तरह अगर आपको एक से ज्यादा ट्रेनों से यात्रा करनी है तो अलग अलग टिकट लेना पड़ता है जिससे ग्राहक को ज्यादा पैसा देना पड़ता है .(telescopic fare is not available on internet)
खानपान सेवा ठेके में दी जाती है और इसकी गुणवत्ता पर कोई नियंत्रण नहीं है .
यही हाल बिस्तरों की सुविधा का है , नैपकिन तो आपको शायद ही मिले जबकि इसका शुल्क जुड़ा रहता है
रविवार, 13 दिसंबर 2009
क्रेडिट और डेबिट कार्ड उपयोग करने वालों के लिए सावधानी
क्रेडिट और डेबिट कार्ड उपयोग करने वालों के लिए सावधानी की कुछ नयी सूचनाएं एक बैंक ने रायपुर में पत्रकारों और पुलिस को दी . उन्होंने यह सूचना अपने ग्राहकों को देना अभी उचित नहीं समझा है .
आपकी जानकारी के लिए यह सूचना यहाँ दी जा रही है
सौजन्य : दैनिक नवभारत रायपुर
आपकी जानकारी के लिए यह सूचना यहाँ दी जा रही है
सौजन्य : दैनिक नवभारत रायपुर
शनिवार, 12 दिसंबर 2009
नक्सलियों की पोल खुली
कहाँ हैं तथाकथित मानवाधिकारवादी जो नक्सलियों के समर्थन में सरकार का विरोध करते थे
कल दंतेवाडा में हजारों आदिवासियों ने नक्सलवाद और एक NGO वनवासी चेतना आश्रम और उसके संचालक हिमांशु कुमार जो देश ही नहीं विदेशों में भी आदिवासियों के नाम से अपनी दुकान चला रहे थे के विरोध में जुलुस निकाला पूरा समाचार यहाँ पढ़ें
आज का समाचार पत्र भी नक्सली समाचारों से भरा पड़ा है
नेपाल में भी अब इनकी कारगुजारी का राज खुलने लगा है .
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सौजन्य : दैनिक नवभारत रायपुर
कल दंतेवाडा में हजारों आदिवासियों ने नक्सलवाद और एक NGO वनवासी चेतना आश्रम और उसके संचालक हिमांशु कुमार जो देश ही नहीं विदेशों में भी आदिवासियों के नाम से अपनी दुकान चला रहे थे के विरोध में जुलुस निकाला पूरा समाचार यहाँ पढ़ें
आज का समाचार पत्र भी नक्सली समाचारों से भरा पड़ा है
नेपाल में भी अब इनकी कारगुजारी का राज खुलने लगा है .
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सौजन्य : दैनिक नवभारत रायपुर
गुरुवार, 10 दिसंबर 2009
२००९ में ब्रम्हांड की १० नई खोजें
१0. neutron तारे जो की ब्रम्हांड की सबसे कठोर वस्तु है, १० बिलियन गुना ज्यादा मजबूत स्टील से
९ जुपिटर के चाँद यूरोपा के समुद्र में मछलियों की सम्भावना
८ हमारे तारामंडल के बाहर 32 नए ग्रहों की खोज
७ फिनिक्स मंगल के यान के पैरों में पानी की बूँदें
६ Gliese 581d जो कि पृथ्वी से सबसे मिलता जुलता गृह है में सागर की सम्भावना
५ परमाणु से भी छोटे सबसे पुराने कण neutrinos , might each encompass a space larger than thousand of galaxies each !
४ मंगल के पुराने समुद्री किनारे के उच्चतम व्याख्यापित चित्र
३ चन्द्रमा पर पानी का मिलना
२ दो पूँछ वाले धूमकेतु का पृथ्वी के पास से गुजरना
१ सूर्य के कम सक्रिय होने की जानकारी एक छोटे हिम युग की ओर इंगित करती हुई
सौजन्य : याहू और associated press (AP)
बुधवार, 9 दिसंबर 2009
चुनाव बुखार से त्रस्त छत्तीसगढ़ वासी
आजकल फिर से छत्तीसगढ़ में चुनाव का बुखार जम कर फैला है. इस बार मौका है स्थानीय निकायों के चुनाव का, नगर निगम से लेकर ग्राम पंचायत का . घमासान तो होना ही था दोनों प्रमुख पार्टियों में . एक एक पद के लिए साम, दाम, दंड, भेद सभी अस्त्र उपयोग में आ रहे हैं . एक पद होता है पार्षद को जोकि एक मोहल्ले का ही व्यक्ति होता है . इस बार देखा जा रहा है कि बढती हुई राजनैतिक प्रतिस्पर्धा में सारे नियम ताक में रखे जा रहे हैं . होना तो यह चाहिए के मोहल्ले ya गाँव के लोग आपस में बैठकर अपने प्रतिनिधि का चयन करें जिससे आपसी सदभाव और उचित व्यक्ति का चयन हो सके . लेकिन हमने व्यवस्था ही ऐसी बना ली है जहाँ जनता गौण और नेता सर्वोपरि हो गया है . रायपुर के एक एक पार्षद का दर्जा उसे मिलने वाले फंड के कारण विधायक के बराबर हो गया है
दूसरी तरफ से भी जनता पिस रही है इन नेताओं के जुलूसों से जिनसे रोज शहर में जाम लग रहा है . कौन मानता है सुप्रीम कोर्ट का आदेश ?
दूसरी तरफ से भी जनता पिस रही है इन नेताओं के जुलूसों से जिनसे रोज शहर में जाम लग रहा है . कौन मानता है सुप्रीम कोर्ट का आदेश ?
सोमवार, 7 दिसंबर 2009
‘Control Your Woman’
यह अंग्रेजी में हेडिंग इस लिए क्योंकि इसका हिंदी रूपांतरण नहीं मिला .यह मैं नहीं कह रहा यह उस रिमोट का नाम है जिसे Debenhams नाम के ब्रिटेन के स्टोर ने क्रिसमस के लिए बाजार में उतारा है .
इसका विरोध होने के कारण वेब साईट से तो इसे हटा liya गया है लेकिन स्टोर का कहना है कि यह स्टोर में मिलेगा . दरअसल यह कई तरह के आदेश देता है महिला को, जिन्हें सभ्रांत नहीं माना गया है.
आधार : याहू
इसका विरोध होने के कारण वेब साईट से तो इसे हटा liya गया है लेकिन स्टोर का कहना है कि यह स्टोर में मिलेगा . दरअसल यह कई तरह के आदेश देता है महिला को, जिन्हें सभ्रांत नहीं माना गया है.
आधार : याहू
शनिवार, 5 दिसंबर 2009
H1N1 फ्लू ने फिर दस्तक दी
रायपुर में इस बीमारी से पहली मृत्यु औए कुछ और लोगों के इससे ग्रसित होने की सम्भावना के साथ इसने फिर एक बार दस्तक दी है . जैसी की सम्भावना व्यक्त की जा रही थी वैसा ही हुआ , ठण्ड की शुरुआत के साथ ही H1N1 फ्लू ने एक बार फिर से
अपने लक्षण दिखाने प्रारंभ कर दिए .कहा जाता है बीमारी अमीर ya गरीब में कोई भेद नहीं करती, ऐसा ही देखा जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेब साईट के कुछ लिंक नीचे दिए गए हैं जिनसे काफी जानकारी मिल सकती है .
कुछ विरोध के कारण इस बीमारी का नाम H1N1 फ्लू रखा गया है लेकिन अभी भी कई समाचार पत्र इसको पुराने नाम से ही पुकार रहे हैं ?
एक मशीन जो कई मरीजों को बचा सकती है शायद, मेरी जानकारी के अनुसार हमारे देश में उपलब्ध नहीं है-ECMO .
Use of the pandemic (H1N1) 2009 vaccines
Pandemic (H1N1) 2009
What can I do?
अपने लक्षण दिखाने प्रारंभ कर दिए .कहा जाता है बीमारी अमीर ya गरीब में कोई भेद नहीं करती, ऐसा ही देखा जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेब साईट के कुछ लिंक नीचे दिए गए हैं जिनसे काफी जानकारी मिल सकती है .
कुछ विरोध के कारण इस बीमारी का नाम H1N1 फ्लू रखा गया है लेकिन अभी भी कई समाचार पत्र इसको पुराने नाम से ही पुकार रहे हैं ?
एक मशीन जो कई मरीजों को बचा सकती है शायद, मेरी जानकारी के अनुसार हमारे देश में उपलब्ध नहीं है-ECMO .
Use of the pandemic (H1N1) 2009 vaccines
Pandemic (H1N1) 2009
What can I do?
शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009
बेनामी टिप्पणी ने नौकरी से निकलवाया
ग्रीन्बौम के ब्लॉग में किसी ने बेनामी रहते हुए गाली दी . पहली बार तो उसने स्पाम बटन दबा कर छोड़ दिया . दुबारा जब फिर से ऐसा हुआ तो उसने उस बेनामी का IP पता पता लगाया . यह एक स्कूल का निकला . उसने स्कूल को यह बात बताई कि शायद किसी विद्यार्थी ने शरारत की है. स्कूल ने जांच की तो पता चला यह एक नौकर ने की थी . नौकर ने पकडे जाने पर इस्तीफ़ा दिया.
सन्दर्भ : वेब प्रो न्यूज़
सन्दर्भ : वेब प्रो न्यूज़
गुरुवार, 3 दिसंबर 2009
लापतागंज और तारक मेहता का उल्टा चश्मा, टीवी में ठंडी हवा का झोंका
आजकल ज्यादातर टीवी सीरियल देखकर उकता चुके लोगों के लिए ये दोनों ही सीरियल एक ठंडी हवा के झोके के समान हैं . जहां उल्टा चश्मा गुजराती के लेखक तारक मेहता की कृति पर आधारित है वहीं लापतागंज शरद जोशी की कहानियों पर आधारित है .
दोनों ही धारावाहिक सब टीवी पर आ रहे हैं .
दोनों ही धारावाहिक सब टीवी पर आ रहे हैं .
मंगलवार, 1 दिसंबर 2009
वर्ष का भारतीय - डॉ रमन सिंह भी एक उम्मीदवार
CNN-IBN न्यूज़ चैनल ने पांच विधाओं में वर्ष का भारतीय सम्मान देने की घोषणा की है . राजनीति, खेल, व्यापार , मनोरंजन और लोक सेवा .
इस चुनाव में सभीइन्टरनेट ya मोबाइल से भाग ले सकते हैं . छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री डॉ रमन सिंह भी एक उम्मीदवार हैं इस प्रतियोगिता में . डॉ सिंह पहले भी आजतक द्वारा सर्वश्रेस्था मुख्यमंत्री का अवार्ड पा चुके हैं .
साभार : दैनिक नवभारत
रविवार, 29 नवंबर 2009
मेरी रामेश्वरम यात्रा
कुछ दिनों पहले रामेश्वरम की यात्रा का सुअवसर प्राप्त हुआ . चेन्नई से रेल ya सड़क के द्वारा यहाँ पहुंचा जा सकता है . चेन्नई से दूरी करीब ६०० किलोमीटर है .
रामेश्वरम मंदिर का विश्वप्रसिद्ध गलियारा
रात्रि के प्रकाश में मंदिर
धनुषकोटी का नया मंदिर पुराना मंदिर तूफ़ान में नष्ट हो गया था
धनुषकोटी को जोड़ने वाली सड़क
धनुषकोटी से रामेश्वरम मंदिर
समुद्र तट पर पवन चक्कियां
राम शिला मंदिर रामेश्वरम का सबसे ऊंचा स्थान
समुद्र तट पर शिवलिंग
मुख्य धरती से रामेश्वरम को जोड़ता सड़क और रेल पुल
विडियो - रेल पुल के नीचे से गुजरती बोट का विडियो . यह पुल बड़े जहाजों के लिए खुल जाता है
शनिवार, 28 नवंबर 2009
ब्लॉग जगत से सम्बंधित सूचना का केंद्र - पांचवा खम्बा
यह आप सब का ब्लॉग है जिसमे आप सभी ब्लॉगजगत में होने वाली घटनाओं और आयोजन की सूचना दे सकते हैं . यह एक छोटा सा प्रयास है जिससे सभी को एक स्थान पर सूचना मिल सके . आशा है आप सभी इसमें अपना सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे .
ब्लॉग का पता यहाँ है .
ब्लॉग का पता यहाँ है .
शुक्रवार, 27 नवंबर 2009
इस देश में कुछ बदलता भी है क्या ? कंपनियों के खोखले दावे
आज हमारे देश में सभी के लिए हर तरह के सामान उपलब्ध हैं , जिन्हें पहले एक छोटा सा समूह ही खरीद पता था , यह बात अलग है कि मीडिया अभी भी उन्हें विलासिता की वस्तु के दायरे में रखता है जैसे टीवी , फ्रीज ya वाशिंग मशीन. इन सारी वस्तुओं के साथ ही आई गारंटी ya वारंटी की सौगात. बड़े बड़े वादे किये जाते हैं . कस्टमर सर्विस टोल फ्री नम्बर जिससे आपको पैसा खर्च न करना पड़े किसी सेवा ya जानकारी के लिए . ya तो यह नंबर लगेगा नहीं ya आपके धैर्य की परीक्षा हो जाएगी संगीत ya होल्ड करते हुए .एक बार में अगर आपका काम हो गया तो अपने को धन्य समझिये . यही हाल इनके ईमेल का होता है , जवाब मिलेगा भी तो पता नहीं कब . एक संस्था ने तो औटोमटिक मेसेज भेज दिया था कि आपका मेल प्राप्त हुआ , आपको इसका जवाब २१ दिन में मिल जाना चाहिए , नहीं तो इस नंबर पर संपर्क करें! .
टीवी में आजकल दो पानी साफ़ करने वाली कंपनियों के बीच जंग छिड़ी हुइ है , मेरा पानी तेरे पानी से ज्यादा साफ़ . एक कंपनी तो एक करोड़ रपये का इनाम भी देने को तैयार है .
मैंने भी हिंदुस्तान यूनी लीवर कंपनी का pureit नामक यन्त्र खरीदा . दिवाली की सफाई के समय पुताई मजदूरों ने इसे गिरा दिया जिससे इसका डिब्बा टूट गया .७/१०/०९ को शिकायत की गयी, दो दिन बाद एक व्यक्ति आया और उसने खर्च बताकर कल आने को कह कर गया . वो दिन और आजका दिन तीन बार विभन्न नंबरों में शिकायत की गयी , हमेशा यही जवाब मिलता है आज कल में काम हो जायेगा . ईमेल का कोई जवाब नहीं .
इस तरह के न जाने कितने मामले होते हैं . एक वक्त था इस देश में ग्राहक को भी भगवान मना जाता था . आज शायद वह अलिएन हो गया है . मॉल भर खरीद ले फिर जय रामजी की .
क्या कारण है कि सर्विस को इस देश में महत्व नहीं दिया जाता . मुझे कई लोग मिले जो अपनी नई गाडी को सर्विस के लिए नहीं भेजते यह सोच कर कि न जाने कौन सा सामान बदल दिया जायेगा, सर्विसिंग तो खाली धुलाई भर होगी तेल और फिल्टर का पैसा वसूला जायेगा . उपभोक्ता क़ानून भी बना लेकिन वह भी सरकारी जंजाल में फँस गया .
टीवी में आजकल दो पानी साफ़ करने वाली कंपनियों के बीच जंग छिड़ी हुइ है , मेरा पानी तेरे पानी से ज्यादा साफ़ . एक कंपनी तो एक करोड़ रपये का इनाम भी देने को तैयार है .
मैंने भी हिंदुस्तान यूनी लीवर कंपनी का pureit नामक यन्त्र खरीदा . दिवाली की सफाई के समय पुताई मजदूरों ने इसे गिरा दिया जिससे इसका डिब्बा टूट गया .७/१०/०९ को शिकायत की गयी, दो दिन बाद एक व्यक्ति आया और उसने खर्च बताकर कल आने को कह कर गया . वो दिन और आजका दिन तीन बार विभन्न नंबरों में शिकायत की गयी , हमेशा यही जवाब मिलता है आज कल में काम हो जायेगा . ईमेल का कोई जवाब नहीं .
इस तरह के न जाने कितने मामले होते हैं . एक वक्त था इस देश में ग्राहक को भी भगवान मना जाता था . आज शायद वह अलिएन हो गया है . मॉल भर खरीद ले फिर जय रामजी की .
क्या कारण है कि सर्विस को इस देश में महत्व नहीं दिया जाता . मुझे कई लोग मिले जो अपनी नई गाडी को सर्विस के लिए नहीं भेजते यह सोच कर कि न जाने कौन सा सामान बदल दिया जायेगा, सर्विसिंग तो खाली धुलाई भर होगी तेल और फिल्टर का पैसा वसूला जायेगा . उपभोक्ता क़ानून भी बना लेकिन वह भी सरकारी जंजाल में फँस गया .
शुक्रवार, 20 नवंबर 2009
क्या आप उपलब्ध हैं या नहीं चैट के लिए
कई तरह के चुनने के माध्यम दिया गए हैं जीमेल या अन्य माध्यमों में . जिसमे एक माध्यम है कि मैं व्यस्त हूँ लाल बटन के द्वारा , याने यहाँ हूँ भी और उपलब्ध नहीं हूँ ? एक और माध्यम भी उपलब्ध है अदृश्य का जिससे आप अपना काम करते रह सकते हैं और लोग आपसे संपर्क चैट के द्वारा नहीं कर सकते .मुझे तो अदृश्य का माध्यम सही लगता है अगर आप उपलब्ध नहीं हैं बात करने के लिए . आपका क्या विचार है .
ब्लॉग जगत के कुछ नए शब्द
मैक्रो blogging - ब्लॉग १४०० शब्दों वाला जैसे वूफ़र .
नैनो blogging - १४ से कम शब्द
मीसो blogging - मैक्रो और माइक्रो के बीच
हाइकू blogging - जापानी कविताओं का ब्लॉग
नैनो blogging - १४ से कम शब्द
मीसो blogging - मैक्रो और माइक्रो के बीच
हाइकू blogging - जापानी कविताओं का ब्लॉग
मंगलवार, 17 नवंबर 2009
वर्ष का शब्द "Unfriend" - न्यू ऑक्सफोर्ड अमेरिकन शब्दकोष
न्यू ऑक्सफोर्ड अमेरिकन शब्दकोष ने "Unfriend" को वर्ष का शब्द घोषित किया है . इसे क्रिया के रूप में चुना गया है , इसका मतलब होता है किसी मित्र को "फेस बुक" इत्यादि जैसे सामाजिक तंत्रजाल की सूची से बाहर निकालना. हिंदी में इसे क्या कहेंगे - अमित्र या विस्मृत
अन्य शब्द जो इस दौड़ में शामिल थे "hashtag", जिसका उपयोग ट्वितर में किया जाता है .अपने यहाँ हैश को कई लोग हैग कहते हैं
"intexticated" जब लोग वाहन चलाते समय मोबाइल मेसेज से दिग्भ्रमित होते हैं . अपने लोग तो हमेशा रहते हैं कुछ अपने कारण कुछ अन्य के कारण .
"freemium", एक ऐसी सुविधा जिसमे कुछ सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं . एक के साथ ...... फ्री
"funemployed", ऐसे लोग जो अपनी बेरोजगारी की स्तिथि का लाभ उठा रहे हैं मौज करने के लिए या अपने शौक पूरे करने के लिए . अभी अपने यहाँ ऐसी स्तिथि आ ही रही है १/२/३ रुपये अनाज मिलने के बाद
"birther", ऐसे षड्यंत्रकारी विचारक जो ओबामा के अमेरिकी बर्थ सर्टिफिकट पर शक कर रहे हैं . अरे हमारी महारथ को ललकार अपुन तो मरे को जिन्दा और जिन्दा को मरा बना देते हैं
"deleb" मृत सेलेब्रिटी . क्या फरक पड़ता है गरीब देश को कौन जिन्दा कौन मरा
"tramp stamp", पीठ पर गोदना गुदवाना . हमारी तकनीक चुरा रहे हैं कहीं पेटेंट न करवा लें
रविवार, 15 नवंबर 2009
ये स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया है स्टेट बैंक ऑफ़ maharshtra नहीं
जैसा की होता है अलगाववादी ताकतों ने फिर से मांग की है कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में महाराष्ट्रियन लोगों को ही नौकरी मिलनी चाहिए . शायद यह मांग करने वाले भूल गए कि यह एक राष्ट्रीय बैंक है प्रांतीय नहीं . इसी तरह के झगडे रेल सेवा के समय भी दिखाई देते हैं . कौन है इन झगडों का जिम्मेदार . व्यवस्था जो देश को बांटती है राज्य और जाती के नाम से और जनता खुश होती है इस को देखकर . विभाजन करो और राज करो . राज यानि राज ठाकरे भी वही कर रहा है . इस देश में शायद देश द्रोह का कोई कानून और सजा नहीं है .
शनिवार, 14 नवंबर 2009
हिन्दी बोलिए दिमाग तेज करिये
ये मैं नहीं कह रहा हूँ , एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण कह रहा है . लोगों को हिन्दी और अंग्रेजी पढने और बोलने कहा गया . साथ ही साथ उनकी मस्तिष्क की गतिविधियों की जांच की गयी . पाया गया कि हिन्दी पढने और बोलने के लिए दिमाग के दाएं और बाएँ दोनों हिस्सों का इस्तेमाल होता है जबकि अंग्रेजी पढने के लिए केवल बाएँ भाग का . शोधकर्ताओं का कथन है ऐसा इस लिए होता है क्योंकि हिन्दी पढने के लिए ऊपर नीचे पढ़ना पड़ता है, मात्राओं के कारण, जबकि अंग्रेजी सपाट भाषा है .
गुरुवार, 29 अक्टूबर 2009
बढ़ता देशद्रोह कौन जिम्मेदार इसके लिए
कौन है इसका जिम्मेदार ? क्या कोई व्यवस्था है इस देश में जो इस देशद्रोह को पनपने देने के लिए जिम्मेदार लोगों को रेखानाकित करेगी और उन्हें उनके कर्मों की सजा देगी ? इतना सब होने के बाद भी केंद्र सरकार के मंत्री विरोधाभासी बयां दे रहे हैं . आज बयां आता है गृह मंत्री का कल किसी और तरह का और मंत्री या सेना अध्यक्ष का अलग . क्या दिशा है है इस सरका की एक नीति बना के तो चले . राजधानी एक्सप्रेस को अगवा कर लेना कोई छोटी मोटी घटना नहीं है . लेकिन इससे भी बड़ी घटना है कि नेपथ्य में क्या हुआ? जिससे इस तरह लोगों को छोड़ दिया गया . आज सारी सुरक्षा कुछ गिने चुने लोगों की बीच केन्द्रित हो गयी है . कुछ तो वाकई इसके हकदार हैं लेकिन बहुतेरे चवन्नी छाप भी इसका फायदा उठा रहे हैं . जो नेता अपनी जनता से मिलने में घबराता है या सुरक्षा घेरे में मिलता हैं उसे तो चुल्लू बहर पानी में डूब मरना चाहिए . अमेरिकी राष्ट्रपति से भी जादा असुरक्षित मानते है ये अपने को.
कई बार लगता है हम अपना तनाव व्यर्थ में बढा रहे हैं उन घटनाओं से जिनका हमारी जिन्दगी से सीधा सम्बन्ध नहीं है लेकिन फिर यही लगता है यह बर्दास्त के बाहर है और विरोध तो होना ही चाहिए .
मैं गांधी वादी नहीं हूँ लेकिन गाँधी की एक बात सटीक रही कि लगे रहो .
मंगलवार, 27 अक्टूबर 2009
नंगा नंगा खेलें हम
न बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया यह तो साबित कर दिया बिग बॉस ने . एक विवाहित महिला जो कि अंतर्राष्ट्रीय श्रीमती का सम्मान पा चुकी है, खुले आम एक पर पुरुष के अंतर्वस्त्र उतारते हुए . और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को तो मसाला मिल गया क्योंकि अभी तक वोह फ़िल्मी दुनिया के बारे में सुनाते ही रहे हैं अब देख भी लीजिये ये किस हद तक जा सकते हैं . जब ये सब कैमरा के सामने हो रहा है तो पीछे तो भगवान मालिक है . बड़ी प्रतिक्रियाएं हो रही हैं , सरकार ने भी चैनल को नोटिस थमा दिया है . लेकिन ये सब कुछ नया तो नहीं है . पहेले फिल्मों की काल्पनिक कथाओं के द्वारा अन्तरंग दृश्य दिखाए जाते रहे और अब छोटे परदे के द्वारा यह आपके घर तक घुस आया. समाचारों में भी बखान किया जा रहा है कि ये टॉप में चल रहा है . सबसे ज्यादा लोग इसे ही देख रहे हैं . सदी के महानायक इसके सूत्रधार इस कहानी में अपने मेहमानों को इसके विवादस्पद सीन दिखाकर आनंद ले रहे हैं . पता नहीं श्री हरिवंश रॉय बच्चन की आत्मा कौन सी नयी मधुशाला लिख रही होगी . आज ही एक ब्लॉग में मैंने पढ़ा कैसे
इस देश के लोग अपने ही देश के दूसरे क्षेत्रों के लोगों से नीचता पूर्ण व्यवहार करते हैं . कहाँ है हमारी संस्कृति जिसका हम ढपोरशंख बजाते रहते हैं . यही दोमुही स्तिथि हमें कहीं का नहीं रख रही है . आज हमारा समाज एक संक्रमण काल में खडा है . जहाँ से आगे कहाँ जाना है पूरी तरह से व्यक्तिगत होता जा रहा है . कुछ दिनों पहले एक रेस्तरां के बाथरूम में दो युवा खुले आम अंतरंगता की बात कर रहे थे . रायपुर जैसे मझोले शहर का यह हाल है तो महानगरों का तो ............. कोई आज दिशा दिखने वाला नहीं बचा है इस देश को . पैसा पैसा पैसा बस एक अमोघ अस्त्र बचा है जिसके पीछे सब भागे जा रहे हैं . यह गैरजरूरी है कि यह कैसे आ रहा है . इसीकी परिणित है झिलमिलाते परदों की कहानियां . बाजार का नियम है वह वही वस्तु बनाएगा जो बिक सकती है . और आज क्या बिक रहा है सब देख रहे हैं . गलती किसीकी की नहीं है क्योंकि चुपचाप देखते रहना हमारी
आदत में सदियों से शुमार है .
इस देश के लोग अपने ही देश के दूसरे क्षेत्रों के लोगों से नीचता पूर्ण व्यवहार करते हैं . कहाँ है हमारी संस्कृति जिसका हम ढपोरशंख बजाते रहते हैं . यही दोमुही स्तिथि हमें कहीं का नहीं रख रही है . आज हमारा समाज एक संक्रमण काल में खडा है . जहाँ से आगे कहाँ जाना है पूरी तरह से व्यक्तिगत होता जा रहा है . कुछ दिनों पहले एक रेस्तरां के बाथरूम में दो युवा खुले आम अंतरंगता की बात कर रहे थे . रायपुर जैसे मझोले शहर का यह हाल है तो महानगरों का तो ............. कोई आज दिशा दिखने वाला नहीं बचा है इस देश को . पैसा पैसा पैसा बस एक अमोघ अस्त्र बचा है जिसके पीछे सब भागे जा रहे हैं . यह गैरजरूरी है कि यह कैसे आ रहा है . इसीकी परिणित है झिलमिलाते परदों की कहानियां . बाजार का नियम है वह वही वस्तु बनाएगा जो बिक सकती है . और आज क्या बिक रहा है सब देख रहे हैं . गलती किसीकी की नहीं है क्योंकि चुपचाप देखते रहना हमारी
आदत में सदियों से शुमार है .
शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2009
रायपुर के गौरव पथ के कुछ चित्र
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में निर्माणाधीन गौरव पथ के एक हिस्से का कुछ दिनों पहले लोकार्पण किया गया . इसके एक ओर एक दीवाल को भित्ति चित्रों से सजाया गया है . साथ ही आदिवासी कलाकृति का मूर्तियों के रूप में प्रदर्शन किया गया है. बस्तर के एक जल प्रपात की अनुकृति भी बनाई गई है .
जल प्रपात यहाँ देखें
भारत माता
जल प्रपात यहाँ देखें
भारत माता
गुरुवार, 15 अक्टूबर 2009
मेरी देवभूमि यात्रा ७
प्रातः अपने वापसी के अंतिम पडाव हरिद्वार के लिए निकले . रास्ते में ऋषिकेश से १८ किलोमीटर पहले वशिष्ठ गुफा है. गंगा के किनारे एक अत्यंत मनोरम और शांत स्थान . किवदंती है कि इसी स्थान में वशिष्ठ मुनि ने राम जी को शिक्षा दी थी . गुफा में शिवलिंग है प्रकाश के लिए केवल दीपक की रौशनी है .कहा जाता है किसी समय में यह गुफा बद्रीनाथ और केदारनाथ से जुडी हुई थी और इनकी दूरी मात्र ७ मील थी .
ऋषिकेश में प्रसिद्ध लक्ष्मन झूला और नए राम झूला के दर्शन हुए . लोगों ने लक्ष्मन झूला को भी नहीं छोडा अपने प्रचार के लिए !
इति
ऋषिकेश में प्रसिद्ध लक्ष्मन झूला और नए राम झूला के दर्शन हुए . लोगों ने लक्ष्मन झूला को भी नहीं छोडा अपने प्रचार के लिए !
पद यात्री
यात्री जत्था बस में
सायंकाल हरिद्वार पहुंचकर गंगा जी की आरती के दर्शन के बाद रात्रि विश्राम . प्रातःकाल रेल से घर वापसी यात्रा प्रारंभ .एक पुल
ऋषिकेश के पास राफ्टिंग करते लोग
वशिष्ठ गुफा
राम झूला
लक्ष्मण झूला
गंगा जी की आरती
गंगा जी
इति
मंगलवार, 13 अक्टूबर 2009
मेरी देवभूमि यात्रा ६
अगली सुबह बद्रीनाथ के लिए प्रस्थान .रास्ते में वह पुल भी पड़ा जो इस साल जून में बदल फटने के कारण बह गया था उसका निर्माण कार्य जारी है . करीब २ १/२ घंटे में बद्रीनाथ पहुँच गए .बद्रीविशालजी का मंदिर नारायण पर्वत के नीचे स्तिथ है . निकट ही नीलकंठ की चोटी है जो हमेशा हिमाच्छादित रहती है . सामने की ओर नर पर्वत है . दर्शन के बाद नाश्ता और मध्यान्ह प्रसाद ग्रहण करने के बाद अगला पडाव माना गाँव था जो कि यहाँ से करीब ४ किलोमीटर दूर है . यह इस सीमा में भारत का आखरी गाँव है. इस गाँव में गणेश गुफा, व्यास गुफा , सरस्वती नदी का उद्गम और मंदिर तथा भीम शिला हैं . कहा जता है कि व्यास मुनि ने वेदों का उच्चारण किया और गणेश जी ने लेखांकन . यह भी कहा जाता है कि पांडव महाभारत के बाद इसी दिशा से आगे बढे थे और युधिस्ठिर इसी रास्ते से स्वर्गारोहण के लिया अग्रसर हुए थे .
टूटा पुल
श्री बद्री विशाल
हिमाच्छादित नीलकंठ
नारायण पर्वत
नर पर्वत
गणेश गुफा
व्यास गुफा
आखरी चाय की दुकान
बैंक यहाँ भी
पिट्ठू
सरस्वती नदी में इन्द्रधनुष
पूजा करते साधू
मानसरोवर की जल धारा
सरस्वती मंदिर
भीम शिला
दूरसंचार क्रांति, आखरी मील तक संपर्क
सतोपंथ यात्रा
सरस्वती का संगम
बद्रीनाथ से वापसी
दोपहर में वापसी की यात्रा प्रारंभ हुई . रात्रि विश्राम पीपलकोटी में हुआ .
क्रमशः:
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